बच्चों की एकाग्रता व ग्रोथ को बढ़ने से रोकता है जंक फूड : डा. संजीव कुमारी
संवाद सहयोगी हांसी अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में पूरे देश में महिला एवं बाल विका
संवाद सहयोगी, हांसी : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में पूरे देश में महिला एवं बाल विकास विभाग भारत सरकार द्वारा 8 से 22 मार्च तक पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत ही संकल्प संस्था ने एमएम इंटरनेशनल स्कूल हांसी में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में डा. संजीव कुमारी ने कुपोषण से होने वाले दुष्परिणामों व पौष्टिक आहार की आवश्यकता पर व्यापक जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि आहार में बरती जाने वाली लापरवाही के कारण अनेक बीमारियां होने का खतरा होता है। कार्यक्रम के तहत उपस्थित लोगों को कुपोषण के प्रति, बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल, भोजन, लड़कियों की शिक्षा सहित अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं बारे जागरूक किया गया। संजीव कुमारी ने कहा कि स्वास्थ्य से बड़ा दूसरा कोई धन नही होता लेकिन भौतिकता के बढ़ते प्रचलन के कारण न केवल बच्चे बल्कि उनके अभिभावक भी बच्चों को जंक फूड खिलाते हैं जिसमें घर के खाने जैसी पौष्टिकता नही होती। यही नहीं यह जंक फूड स्वास्थ्य के लिए तो हानिकारक तो है ही लेकिन यह ग्रोथ को भी रोकता है। जंक फूड बच्चों को एकाग्रित नही होने देता जिससे उनकी पढ़ाई भी प्रभावित होती है। इसलिए अभिभावकों को घर का बना पौष्टिक नाश्ता जिसमें प्रोटीन, दूध व फल शामिल हो, ही बच्चों को देना चाहिए। देर तक पढ़ने वाले बच्चों को मखाणे, बादाम, पोपर्कोन, पनीर व दूध, दही अधिक देना चाहिए। जंक फूड के साथ साथ हमें मैदा, चीनी व रिफाइंड तेल आदि के प्रयोग पर भी नियंत्रण लगाना चाहिए। फ्रिज के पानी से दूर रह कर स्वास्थ्य को बरकरार रखा जा सकता है। एल्यूमिनियम फोइल में खाना लपेटने से कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है इससे हार्माेंन असंतुलित हो जाते हैं व दिमाग पर भी असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि संतुलित आहार ही पौष्टिकता को पूरा करता है। उन्होंने बताया कि पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम न होकर एक जन आंदोलन है। इस कार्यक्रम की सफलता में जहां जन-जन का सहयोग आवश्यक है। इस अवसर पर प्रबंधक सुभाष चंद्र कटारिया, प्रधानाचार्या सीमा बब्बर सहित स्कूल स्टाफ के सदस्य उपस्थित थे।