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coronavirus : तीसरी स्टेज से निपटने को सिविल अस्पताल में 100 वार्ड का आइसोलेशन वार्ड बनेगा

सिविल अस्पताल में वार्ड 11 इसके सामने का वार्ड और वार्ड 13 को बनाया आइसोलेशन वार्ड। 100 बेड के आइसोलेशन में सिर्फ एक तरफ से होगी एंट्री। नया रोस्टर तैयार

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2020 05:10 PM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2020 05:10 PM (IST)
coronavirus : तीसरी स्टेज से निपटने को सिविल अस्पताल में 100 वार्ड का आइसोलेशन वार्ड बनेगा

हिसार, जेएनएन। कोरोना वायरस की तीसरी स्टेज से निपटने के लिए हिसार सिविल अस्पताल प्रशासन ने प्लान-दो पर काम शुरू कर दिया है। सिविल अस्पताल प्रशासन की ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। अस्पताल में वार्ड 11, पुराने आइसोलेशन वार्ड की गैलरी और इनके उपर स्थित वार्ड 13 को अलग कर दिया गया है। यहां आपात स्थिति से निपटने के लिए 100 बेड लगाए जा रहे हैं। इस वार्ड को पूरे अस्पताल से अलग कर दिया गया है। यहां सिर्फ एक ओर से एंट्री दी जाएगी। यहां दो डेडिकेटेड दो वार्ड बनाए गए हैं। यहां से मैटरन कार्यालय, फार्मासिस्ट कार्यालय, फ्लू क्लीनिक आदि सभी ऑफिस हटा दिए गए हैं।

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सिविल अस्पताल में एक दिन में 100 कर्मचारी करेंगे काम

कोरोना वायरस से बचाव के लिए सिविल अस्पताल प्रशासन की ओर से डॉक्टरों व स्टाफ की डयूटी निर्धारित कर दी गई हैं। अस्पताल प्रशासन ने कोरोना से बचाव के लिए रोस्टर तैयार किया है। जिसके तहत डॉक्टरों, स्टाफ व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की ड्यूटी निर्धारित की है। कर्मचारियों की ड्यूटी लगातार 10 दिनों के लिए लगाई जाएगी। इसके बाद शिफ्ट बदलेगी, अगले दूसरे दिन दूसरे 100 कर्मचारी काम करेंगे। इसी तरह बारी-बारी शिफ्ट बदली जाएगी।

इंचार्ज नर्सों को दिए जाएंगे स्टाफ के लिए 100 मास्क

मास्क वेस्टेज को रोकने के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से प्रत्येक वार्ड की इंचार्ज को 100 मास्क का एक डिब्बा प्रदान किया जाएगा। सभी नर्स को प्रत्येक दिन एक-एक मास्क उपलब्ध करवाया जाएगा। जरूरत पडऩे पर ही दूसरा मास्क उपलब्ध करवाया जाएगा।

मास्क को फेंकने की बजाय बायोमेडिकल वेस्ट में डाला जाएगा

मास्क को फेंकने की बजाय बायोमेडिकल वेस्ट में डाला जाएगा। बायोमेडिकल वेस्ट को सरकार के आदेशों के अनुसार जलाया जाएगा। सिविल अस्पताल प्रशासन ने फ्लू क्लीनिक का स्थान बदलकर लैब के पास कर दिया है। ट्राइएज में चेकअप के बाद मरीज यहां से चेकअप करवा कर जा रहे हैं। जिस मरीज को आइसोलेशन में ले जाने की आवश्यकता होती है। उसे डॉक्टरों द्वारा आइसोलेशन में भेजा जाता है।


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