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इंक्‍वायरी आई थी कि 49 पंजाबी भर्ती कर दिए, 22 राज्यों के टीचर्स के डॉक्यूमेंट देखकर हैरान थे कमेटी मेंबर : केएल जौहर

जीजेयू में रजत जयंती कार्यक्रम में पहले कुलपति ने साझा की यादें। बेबी छोड़कर गया था मैं अब आया तो जवान मिले - केएल जौहर।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 02:37 PM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 02:37 PM (IST)
इंक्‍वायरी आई थी कि 49 पंजाबी भर्ती कर दिए, 22 राज्यों के टीचर्स के डॉक्यूमेंट देखकर हैरान थे कमेटी मेंबर : केएल जौहर
इंक्‍वायरी आई थी कि 49 पंजाबी भर्ती कर दिए, 22 राज्यों के टीचर्स के डॉक्यूमेंट देखकर हैरान थे कमेटी मेंबर : केएल जौहर

जेएनएन, हिसार : 1998 में रिटायरमेंट से पहले उनकी एक इंक्वायरी आ गई। आरोप थे कि यूनिवर्सिटी में सभी 49 टीचर्स पंजाबी भर्ती कर दिये। हायर एजुकेशन से दो मेंबर की कमेटी आई। जो 49 टीचर थे, वो बीएचयू, जेएनयू, पंजाब यूनिवर्सिटी से बेस्ट पॉसिबल टीचर थे। वो सभी 22 राज्यों से लिए गए थे। उनके डॉक्यूमेंट देखकर इंक्वायरी कमेटी के सदस्य हैरान थे। यह जानकारी जीजेयू के पहले कुलपति प्रो. केएल जौहर ने जीजेयू में रजत जयंती वर्ष पर आयोजित किए गए कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि अपनी यादें साझा करते हुए दी। इस दौरान हरियाणा राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. बीके कुठियाला कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे। अध्यक्षता कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने की। रजिस्ट्रार, डा. अनिल कुमार पुंडीर, डीन एकेडमिक अफेयर प्रो. ऊषा अरोड़ा व प्रो. सुनीता श्रीवास्तव उपस्थित रही।

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प्रो. बीके कुठियाला ने कहा कि आज बधाइयों, शुभकामनाओं व उत्सव का दिन है। रिजनल सेंटर रहे जीजेयू को सिर्फ 11 महीने में ही यूजीसी से मान्यता मिल गई थी। जीजेयू पिछले 24 वर्षों में हर क्षेत्र में आदर्श रही है। सिर्फ 2 साल में रिजनल सेंटर बनना व यूजीसी से मान्यता मिलना अपने आप में एक उपलब्धि है। आंकड़ों को देखकर लगता है कि जीजेयू एक दिन पूरे विश्व में नाम कमाएगा। इनोवेटिव, प्रोजेक्ट्स व डेडिकेट टीचर्स को देखते हुए जीजेयू का भविष्य उज्ज्वल है।

प्रो. केएल जौहर 83 साल के हो चुके है, वह लाठी को पकड़कर बहुत मुश्किल से कुछ कदम चल पाते हंै। वीसी प्रो. टंकेश्वर कुमार, प्रो. बीके कुठियाला, रजिस्ट्रार ने उन्हें सहारा देकर दीप प्रज्वलित करवाया। प्रो. केएल जौहर ने कहा कि मैं तो बेबी छोड़कर गया था, मुझे वो जवान मिले। बच्चे शरारती होते हैं तो बिगड़ जाते हैं। लेकिन इस यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों को बिगडऩे का हक नहीं है। जब वो यहां से गए थे तो सिर्फ 3 टीचिंग ब्लॉक थे और सिर्फ 49 टीचर थे। लेकिन अब 8 टीचिंग ब्लॉक और 300 टीचर हैं। जबकि उस समय डिस्टेंस व रेगुलर मिलाकर 1000 स्टूडेंट थे, वहीं अब 8 हजार के करीब स्टूडेंट हैं। उन्होंने कहा कि मेरी तनख्वाह उस समय 35 से 40 हजार तक थी। उस समय 3 करोड़ का बजट छोड़ के गया था जो अब काफी बढ़ गया है।

यूजीसी अध्यक्ष ने कथा था जीजेयू बनेगा रोड मॉडल

जीजेयू के पहले प्रो. रहे प्रो. बीके कुठियाला ने कहा कि 1995 में यूजीसी ने कहा था कि एक दिन जीजेयू एशिया के रूप में रोल मॉडल का कार्य करेगा। आज लगता है कि यह पूरे विश्व में रोल मॉडल बनेगा। आज कोर्स स्थापना की तुलना में 6 गुणा हो चुके हैं।

शिक्षण संस्थान की कोई उम्र नहीं होती

कुलपति प्रो. टंकेश्वर ने 24 वर्ष के सफर का जिक्र करते हुए कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान की कोई उम्र नहीं होती। शिक्षण संस्थान सदियों तक कार्य करता है। विश्वविद्यालय का एच-इंडेक्स 80 तक पहुंच चुका है और साईटेशन 30 हजार से अधिक हो गए हैं। विश्व के विभिन्न विश्वविद्यालय इस विश्वविद्यालय के साथ व एमओयू करना चाहता है तथा विदेशी विद्यार्थी यहां शिक्षा ग्रहण करना चाहते हैं। विश्वविद्यालय का लक्ष्य है कि आने वाले समय में 20 से भी अधिक देशों के विद्यार्थी आकर शिक्षा प्राप्त करें।

लोगो व कुलगीत का हुआ विमोचन

विश्वविद्यालय का रजत जयंती लोगों का विमोचन किया गया व लोगो व डा. राजेश जांगड़ा द्वारा डिजाइन किया गया है। हरियाणा स्कूल ऑफ बिजनेस के डा. तिलक सेठी द्वारा लिखा गया विश्वविद्यालय कुलगीत का भी विमोचन किया गया। कुलगीत के विमोचन पर 2 मिनट तक राष्ट्र गान की भांति खड़े होकर सभी ने अभिवादन किया। गुरु जम्भेश्वर जी महाराज धार्मिक अध्ययन संस्थान व जनसम्पर्क कार्यालय द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की गई गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के जीवन पर आधारित डाक्यूमेंटरी का भी विमोचन किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वन्दना व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की विशेष प्रस्तुति दी गई। मंच संचालन डा. हिमानी शर्मा व डा. पल्लवी द्वारा किया गया।


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