बारिश सीजन में डेंगू, मलेरिया से बचाव के लिए स्कूली बच्चों को दिए टिप्स
स्वास्थ्य विभाग प्रशासन द्वारा मलेरिया,डेंगू,चिकनगुनिया आदि म'छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिये चलाए जा रहे जागरुकता अभियान में स्कूल जाने वाले ब'चों को लक्षित कर अभियान के अंतर्गत अहम भूमिका अदा कर सकते हैं।
जेएनएन, हिसार : स्वास्थ्य विभाग प्रशासन द्वारा मलेरिया,डेंगू,चिकनगुनिया आदि मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिये चलाए जा रहे जागरुकता अभियान में स्कूल जाने वाले बच्चों को लक्षित कर अभियान के अंतर्गत अहम भूमिका अदा कर सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग प्रशासन द्वारा मलेरिया नियंत्रण के चलाए जा रहे अभियान में टीमें स्कूलों में जाकर रोचकपूर्ण तरीके से स्वच्छता का पाठ पढ़ाकर इन बीमारियों की रोकथाम,नियंत्रण,बचाव,लक्षण,इलाज और सावधानियों के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान कर रही हैं। स्वास्थ्य निरीक्षक पवन आहुजा और रमेश कुंडू के नेतृत्व में आज टीमों द्वारा डॉगरान मोहल्ला स्थित राजकीय प्राथमिक पाठशाला,जीएमएस-4 कसाबा मोहल्ला,बरवाला रोड स्थित ऑब्जर्वेशन होम आदि में जाकर जागरुकता अभियान चलाया गया जिसके अंतर्गत बुखार पीड़ित मरीज़ों के खून के नमूने भी लिये गये और जाँच के लिये प्रयोगशाला में भेजे गये।
बहुद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता नूर मोहम्मद का कहना है कि स्कूली बच्चे जागरुकता अभियान को सफल बनाने में अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार वे घर जाकर घर और आस-पड़ोस में जागरुकता फैलाते हैं। जागरुकता अभियान की टीम में सुनील शर्मा,सौरभ,परमजीत,आशीष,वेद प्रकाश,राजकुमार,पवन आहुजा और नूर मोहम्मद शामिल हैं। मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिये मुख्य सावधानियाँ और उपाय
1) मलेरिया,डेंगू विशेष प्रकार के मादा मच्छर के काटने से फैलता है। मलेरिया मादा एनाफिलीज और डेंगू एडीस मच्छर के काटने से फैलता है।
2) मादा मच्छर केवल पानी में ही अंडे देती है।
3) अंडे से लारवा बनने तक की अवधि 7 दिन तक होती है जिसको हम नष्ट करने के लिये घर पर रखा काला तेल,डीजल,मिट्टी का तेल और अन्य कीटनाशक का प्रयोग कर सकते हैं।
4) घरों के अंदर घड़ों,कूलर,हौदियो,फूलदान,नारियलों के खोल व अन्य पात्रों में 7 दिन से ज्यादा पानी खड़ा ना होने दें।
5)सप्ताह में एक दिन ड्राई डे के रूप में ज़रूर मनाए जिसके अंतर्गत सभी स्थानों से पानी को पूर्णत: खाली करके सुखायें।
6) गड्डों और छोटे तालाबों को मिट्टी से भर दें,जिन पानी के स्त्रोत को खाली करना संभव ना हो उनमें लार्वा भक्षक मछलियाँ गम्बुजिया एवम गप्पी डाल दी जानी चाहिए।
7) यदि मछली डालना भी संभव ना हो तो उन पानी के स्त्रोत में लारवानाशक दवाइयों जैसे टेमीफ़ोस,मलेरियल आयल,बैटेक्स इत्यादि का छिड़काव करें या फि़र जला हुआ इंजन ऑयल या पेट्रोल,डीजल का सप्ताह में एक दिन छिड़काव करें।
8)यदि खून में मलेरिया,डेंगू,चिकनगुनिया के कीटाणु पाय जाते हैं तो पूर्ण मूल उपचार ज़रूर करवायें,मलेरिया का 14 दिन का उपचार,जाँच व इलाज सभी सरकारी संस्थाओं में मुफ़्त उपलब्ध करवाया जाता है।