बिना नियम अवैध पीजी की भरमार, लाउड म्यूजिक और हुल्लड़बाजी से लोग परेशान Hisar news
हॉस्टलों की कमी से शहर में बढ़े पीजी 6 हजार से ज्यादा युवा हर साल आते हैं शहर। लोगों ने उतारे शुरू किए बोर्ड निगम के लिए पहचान करना भी होगा मुश्किल। घरों में चल रहे पीजी
हिसार, जेएनएन। शहर शिक्षा का हब बना हुआ है। उसी के साथ अवैध पीजी बढ़ रहे हैं। नौ से साल बिना नियम के चल रहे पीजी (पेइंग गेस्ट) की भरमार आई है। आठ साल में देखें तो तेजी से 50 फीसद तक पीजी की संख्या बढ़ गई है। इसी तेजी से शहर में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ी है। एक आंकड़ों पर नजर डालें तो हर साल छह हजार युवा शहर में आते हैं। न तो पीजी में रहने वाले युवाओं की कोई पुलिस वेरीफिकेशन है और न ही उनका कोई रिकार्ड।
शहर में मौजूद बढ़ते अवैध पीजी की संख्या और टैक्स से बचने के लिए बिना बोर्ड लगाए काफी लोग घर में ही पेइंग गेस्ट रखे हुए हैं। इन पीजी से जवाहर नगर सहित अनेक मोहल्लों में वहां रहने वाले लोगों का रहना मुश्किल हो गया है। यहां तक की जवाहर नगर के गली नंबर तीन, चार, पांच सहित अनेक गली के लोगों ने पुलिस तक को शिकायत की। मोहल्ले में रहते हुए दिन रात तेज आवाज में म्युजिक बजाना और हंगामा करना आम बात हो गई है।
छह कॉलेज में साढ़े 23 हजार सीट
शहर में इस समय छह कॉलेज चल रहे हैं। अभी नए कॉलेज बन रहे हैं। इसमें करीब साढ़े 23 हजार विद्यार्थी शिक्षा गृहण करते हैं। इसमें जाट कॉलेज, गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, डीएन कॉलेज, एफसी कॉलेज और राजकीय गल्र्स कॉलेज में लड़कियों का हॉस्टल है। लेकिन इसमें भी एक सीमित संख्या में ही छात्राओं को रखा जा सकता है। दूसरी तरफ गवर्नमेंट पीजी कॉलेज का हॉस्टल का भी कंडम घोषित किया गया है। उसमें भी नई लड़कियों को कमरे नहीं दिए गए हैं। इन कॉलेज के करीब डेढ़ से दो हजार छात्र-छात्राएं बाहर रह रहे हैं। हालात यह है कि किसी कॉलेज में लड़कों का हॉस्टल तक नहीं है। वह छात्र सभी बाहर पीजी या कमरा लेकर रहने को मजबूर हैं।
शिक्षण संस्थानों में 10 हजार विद्यार्थी, आधे पीजी में रहने को मजबूर
शिक्षा का हब बनने के बाद हिसार शहर के लाजपत नगर, ऋषि नगर, सेक्टर 13, बैंक कॉलोनी, पीएलए, कृष्णा नगर आदि जगह पर शिक्षण संस्थान खुले हुए हैं। इन शिक्षण संस्थान में एक आंकड़ा देखे तो 10 हजार से ज्यादा विद्यार्थी पढ़ते हैं। 11वीं, 12वीं के अलावा स्पेशल कोर्स की कक्षाएं लेने के लिए हिसार के अलावा फतेहाबाद, सिरसा, भिवानी, कैथल, जींद सहित आस पास के जिलों से छात्र यहां आते हैं। राजस्थान की सीमा साथ लगने के कारण वहां से विद्यार्थी भी पढऩे हिसार आते हैं। इनमें से 50 फीसद छात्र पीजी में रहते हैं।
कहां-कहां पीजी
शहर में करीब 135 पीजी खुले हुए हैं। इन पीजी की संख्या शिक्षण संस्थानों के पास में ही है। इसमें मुख्य रूप से जवाहर नगर, ऋषि नगर, बैंक कॉलोनी, अग्रवाल कॉलोनी, सेक्टर 13, मॉडल टाउन, सुंदर नगर, डोगरान मोहल्ला, रामपुरा मोहल्ला, लाजपत नगर में ज्यादा पीजी खुले हुए हैं। घरों में बने इन पीजी में अलग व्यवस्था होती है।
एक कमरे में 2 से 4 युवा के रहने की व्यवस्था
पीजी को कई कमरों में बनाया जाता है। इसमें एक कमरे में दो से 4 युवाओं के रहने की व्यवस्था होती है। उसमें वाईफाई, बिस्तर, कूलर, एसी, टीवी, अलमारी, बैड के अलावा सुविधाएं दी जाती हैं। इसमें सुविधा के नाम पर ज्यादा कुछ नहीं है। सीसीटीवी कैमरों के अलावा सुरक्षा गार्ड तक नहीं है। लड़कियों के पीजी की में सुरक्षा मकान मालिक ही करता है। शहर में ज्यादा पीजी घरों में ही बने हुए हैं। घर के मालिक की तरफ से अपने घर के कमरों को पीजी की तरह प्रयोग कर पैसा वसूला जा रहा है। अलग से पूरी बिङ्क्षल्डग को पीजी की तरफ प्रयोग में लाना बहुत कम जगह प्रयोग हो रहा है। यहां रहने वाले युवा से पीजी मालिक 4 से 6 हजार रुपये तक वसूल करता हैं।
- पीजी : करीब 135
- रहने वाले विद्यार्थी : करीब 6 हजार
- कॉलेज : छह
- शिक्षण संस्थान : करीब 100
- किराया : 4 से 6 हजार
- पीजी के एक कमरे में रहने वाले युवा : 2 से 4 युवा