सरपंच के फर्जी प्रमाण पत्र मामले में चार माह बाद भी कार्रवाई नहीं
जागरण संवाददाता, हिसार : फर्जी प्रमाण-पत्र के आधार पर सरपंच बनी असरावां की सरपंच राजबाल
जागरण संवाददाता, हिसार : फर्जी प्रमाण-पत्र के आधार पर सरपंच बनी असरावां की सरपंच राजबाला को पद से हटाने संबंधी मामले को लेकर अपर मुख्य सचिव के आदेश के बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इस संबंध में याचिकाकर्ता राजीव पुत्र मदनलाल ने प्रेस को जारी विज्ञप्ति में कहा है कि पंचायत विकास विभाग के एडिशन चीफ सेक्रेटरी ने 16 जून को उपायुक्त को जारी आदेशों में कहा था कि दो माह के भीतर इस मामले में दोबारा जांच करके उन्हें सौंपे ताकि इस मामले में अंतिम निर्णय लिया जा सके। राजीव ने बताया कि इस मामले में लगभग पांच माह का समय बीत जाने के बावजूद अभी तक कोई प्रगति नहीं हुई है और स्टे के नाम पर सरपंच अपनी मर्जी चला रहा है।
उल्लेखनीय है कि ब¨टडा के जनता मिडिल स्कूल के मालिक ने सुप्रीम कोर्ट के सामने 28000 रुपये में फर्जी प्रमाण पत्र बेचने की बात स्वीकार की है जिससे साबित हो गया है कि असरावां की सरपंच राजबाला फर्जी डिग्री के आधार पर सरपंच बनी थी। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उसे अग्रिम जमानत दे दी है परंतु हर समय जांच में बुलाने पर उसे पेश होना होगा। इससे पूर्व जिला उपायुक्त सरपंच को पद से निलंबित कर चुके हैं। यह आरोप लगाते हुए शिकायतकर्ता असरावां निवासी राजीव पुत्र मदनलाल ने बताया कि ग्राम पंचायत असरावां की वर्तमान सरपंच राजाबाल ने फर्जी प्रमाण-पत्र के आधार पर ग्राम पंचायत असरावां के सरपंच पद का चुनाव लड़ा, जिसमें वह जीत गई थी। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने सरपंच राजबाला के आठवीं के प्रमाण-पत्र संबंधी आरटीआइ लगाई तो उसमें खुलासा हुआ कि राजबाला ने भ¨ठडा के जनता मिडल स्कूल से फर्जी प्रमाण-पत्र बनावाया हुआ है और उसी के आधार पर चुनाव लड़ा।