तनावग्रस्त रहते हैं खान-पान का भी नहीं रखते ध्यान तो दिल की बीमारी को दे रहे हैं न्यौता
बदलती जीवनशैली गलत खान-पान धूम्रपान शराब का सेवन और शारीरिक गतिविधियां कम करना हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी बीमारियों का मुख्य कारण है।
झज्जर, जेएनएन। बदलती जीवन शैली का परिणाम दिल की बीमारियों की डगर को आसान बना रहा है। करीब 50 वर्ष की आयु वाले 50 फीसद लोग तथा 25 से 50 वर्ष की आयु वाले 40 फीसद लोग ऐसे है, जो किसी ना किसी रूप से इस समस्या से ग्रस्त है। हालातों पर काबू पाने की दिशा में कदम गंभीरता से नहीं उठाया तो संभवत: आने वाले पांच साल में हर तीसरे व्यक्ति की मौत का कारण हृदय रोग हो सकता है। अकेले झज्जर में ही दस फिसदी बढ़ाेतरी होने के आंकड़े सामने आए हैं। इस तरह से प्रदेशभर में लगातार केस सामने आ रहे हैं।
बदलती जीवनशैली, गलत खान-पान, धूम्रपान, शराब का सेवन और शारीरिक गतिविधियां कम करना हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी बीमारियों का मुख्य कारण है। डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और थाइरॉइड के मरीजों में हार्ट अटैक का खतरा और अधिक हो जाता है। इसलिए सावधान रहना जरूरी है।
तनाव बना मुख्य कारण
विशेषज्ञ डॉ. संजीव हसीजा के अनुसार, पहले यह माना जाता था कि 50 वर्ष के व्यक्तियों में हार्ट अटैक आता है, लेकिन अब तो 30 की उम्र में भी कई लोग इस खतरनाक बीमारी की चपेट में आने लगे हैं, जिसका सबसे बड़ा कारण तनाव है। जीवनशैली में बदलाव के कारण लोगों में तनाव कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है। इसलिए इस बीमारी से पूरी तरह बचना तो मुश्किल है, लेकिन जहां तक संभव हो, दूरी बनाए रखें। तनाव के कारण मस्तिष्क से जो रसायन स्रावित होते हैं, वे हृदय की पूरी प्रणाली खराब कर देते हैं, जिससे हृदय संबंधी कई बीमारियां घेर लेती हैं।
ये है मुख्य लक्षण
हार्ट अटैक के लक्षण छाती में दर्द होना, सांस फूलना, घबराहट होना और जी मिचलाना, ज्यादा पसीना आना कंधे, गर्दन और पीठ में दर्द होना, चक्कर आना, थकान महसूस होना, नींद ना आना, पैरों में सूजन होना, शुरुआत में उल्टी आना आदि।