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घरेलू हिसा हो तो महिलाएं डायल करें 181, मिलेगी काउंसिलिग

जागरण संवाददाता हिसार लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेंस कक्ष में महिला सुरक्षा व घरेलू हिसा वि

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 02:34 AM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 02:34 AM (IST)
घरेलू हिसा हो तो महिलाएं डायल करें 181, मिलेगी काउंसिलिग
घरेलू हिसा हो तो महिलाएं डायल करें 181, मिलेगी काउंसिलिग

जागरण संवाददाता, हिसार : लघु सचिवालय स्थित कांफ्रेंस कक्ष में महिला सुरक्षा व घरेलू हिसा विषय पर मंथन के लिए बैठक आयोजित हुई। सीएमजीजीए स्पर्श माहेश्वरी ने बैठक में अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि किसी महिला को यदि अपने घर में ही हिसा का सामना करना पड़ रहा है तो वे 181 नंबर डायल कर इसकी शिकायत कर सकती हैं। इस टोल फ्री नंबर पर आने वाली सभी शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई होती है और महिलाओं को घरेलू हिसा से निजात दिलाई जाती है। इसके साथ ही जिला के लगभग 50 ऐसे गांवों में नुक्कड़ नाटक भी करवाए जाएंगे, जहां लड़कियों की जन्मदर लड़कों की अपेक्षा कम है। बैठक में सरकारी विभागों के अधिकारियों के अलावा गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के सदस्यों ने भी भागीदारी की थी। सीएमजीजीए ने बताया कि महिला सुरक्षा को मजबूत करने और घरेलू हिसा पर रोक लगाने के लिए प्रदेश सरकार कृत संकल्प है और मुख्यमंत्री मनोहर लाल स्वयं इस कार्य की निगरानी कर रहे हैं। सरकार ने छेड़छाड़ की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए शिक्षण संस्थाओं तक महिलाओं के लिए स्पेशल बसें व पुलिस की तैनाती जैसे कारगर कदम भी उठाए हैं। उन्होंने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा को पुख्ता करने के लिए तथा घरेलू हिसा की शिकार महिलाओं की सहायता के लिए उपायुक्त अशोक कुमार मीणा के दिशा-निर्देश पर जिला में एक विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई गई है जिसके अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। बैठक में डीआइपीआरओ उषा रानी, संस्कृति हमारी पहचान संस्था की अध्यक्ष विनिता जैन, उपाध्यक्ष रेनू लाहौरिया, सुहानी चिकारा, शेखर, डीआइ वीरेंद्र शर्मा, सुपर वुमेन हिसार संस्था से इंदु बजाज व ट्विकल सैनी सहित अन्य विभागों के अधिकारियों ने भी भागीदारी की।

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हेल्पलाइन पर ऐसे होता है काम

सरकार ने घरेलू हिसा की शिकार महिलाओं की सहायता के लिए टोल-फ्री नंबर 181 व 1091 स्थापित किए हैं, जिन पर महिलाएं किसी भी समय फोन करके अपनी शिकायत दर्ज करवा सकती हैं। इन केंद्रीय नंबरों पर आने वाली शिकायतों को जिला में नियुक्त सक्षम अधिकारी के पास भेजा जाता है जो पीड़ित महिलाओं को कानूनी व पुलिस सहायता से लेकर उसके भोजन व रहने तक की व्यवस्था के लिए जिम्मेदार होता है।

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हिसा की शिकार महिलाओं व बच्चियों को मिले काउंसिलिग

सीएमजीजीए ने बताया कि जिला में महिलाओं के लिए वन स्टॉप सेंटर भी चलाया जा रहा है जहां पीड़ित महिलाएं आश्रय, भोजन, पुलिस सहायता व कानूनी मदद निश्शुल्क प्राप्त कर सकती हैं। संस्कृति-हमारी पहचान व सुपर वुमेन संस्था की पदाधिकारियों ने सुझाव दिए कि प्रताड़ना की शिकार महिलाओं व बच्चियों के लिए काउंसिलिग की भी समुचित व्यवस्था की जाए। बेटियों के लिए आत्मरक्षा का नियमित प्रशिक्षण प्रदान करने की भी जरूरत है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों व अभिभावकों को भी बेटियों व महिलाओं से उचित व्यवहार का प्रशिक्षण दिया जाए तथा बेटियों से ज्यादा बेटों को संवेदनशील बनाया जाना चाहिए।


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