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वर्टिकल गार्डनिंग से घर का तापमान पांच डिग्री तक किया जा सकता है कम : प्रो गोयल

गुजवि में आयाेजित हुई क्रिएटिंग वर्टिकल गार्डन्‍स विषय पर हैंड्स ऑन ट्रेनिंग कार्यशाला में 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया

By manoj kumarEdited By: Published: Sat, 10 Aug 2019 01:42 PM (IST)Updated: Sat, 10 Aug 2019 01:42 PM (IST)
वर्टिकल गार्डनिंग से घर का तापमान पांच डिग्री तक किया जा सकता है कम : प्रो गोयल

जेएनएन, हिसार : गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग व पब्लिक आऊटरीच के सौजन्य से शुक्रवार को क्रिएटिंग वर्टिकल गार्डनस विषय पर हैंडस ऑन ट्रेनिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार के सलाहकार प्रो. एससी गोयल ने कार्यशाला का उद्घाटन किया। विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में हुए उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता पर्यावरण विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आर बास्कर ने की। दिल्ली ग्रींस के सह संस्थापक व निदेशक डा. गोविन्द सिंह ने विषय विशेषज्ञ के रूप में प्रतिभागियों को वर्टिकल गार्डनिंग के लिए प्रशिक्षित किया। विश्वविद्यालय के पब्लिक आऊटरीच एंड सोशल मीडिया के नवनियुक्त निदेशक डा. दलबीर ङ्क्षसह विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। प्रो. एससी गोयल ने कहा कि वर्टिकल गार्डनिंग समय की मांग है। हम कुछ सावधानियां रखकर और घर की वस्तुओं का ही प्रयोग करके ही अपने घर व आस-पास के वातावरण को हरा-भरा रख सकते हैं। अपने घर में उचित पौधे लगाकर घर के तापमान को 5 डिग्री तक कम किया जा सकता है। ऐसा वे स्वयं अपने घर में कर रहे हैं। उन्होंने घर को हरा-भरा करने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव व विधियों की जानकारी दी।

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कार्यशाला में सीखी बातों को व्यवहार में लाएं

पर्यावरण विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. आर बास्कर ने किया और कहा कि यह कार्यशाला प्रतिभागियों के लिए अत्यंत लाभदायक होगी। उन्होंने प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे कार्यशाला में सीखी गई तकनीकों को व्यवहार में अवश्य लाएं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय पर्यावरण संरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। विश्वविद्यालय में परंपरागत बिजली के बल्बों के स्थान पर एलईडी लगाई हैं। इसके अतिरिक्त वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, ठोस कचरा प्रबंधन यूनिट और सौर ऊर्जा पैनल भी स्थापित किए गए हैं। कार्यशाला में 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया।

घरों में भी उगाई जा सकती हैं सब्जियां 

डा. दलबीर सिंह ने कहा कि विश्‍वविद्यालय में वर्टिकल गार्डनिंग को बढ़ावा देने में पर्यावरण विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्टिकल गार्डनिंग पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। पर्यावरण विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के प्रो. प्रवीण शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण के श्रेष्ठ उपायों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण हम सबकी जिम्मेदारी है। दिल्ली ग्रीन्स के सह संस्थापक व निदेशक डा. गोविंद सिंह ने कहा कि छोटे स्थानों पर बागवानी करने की तकनीकों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि घरों में सब्जियां और अनाज भी उगाए जा सकते हैं। इससे न केवल आर्थिक समृद्धि होगी बल्कि पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ शुद्ध भोजन फल व सब्जियां भी मिलेंगी। उन्होंने प्रतिभागियों के प्रश्नों के उत्तर दिए तथा कार्यशाला के दौरान ही कई प्रेक्टिकल करके दिखाए। दिल्ली ग्रीन्स की माधवी जैन ने भी दूसरे सत्र में प्रतिभागियों को जैविक खाद के बारे में जानकारियां दी। आयोजन सचिव डा. अनु गुप्ता ने कार्यशाला के बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।

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