गुजवि में कमरों में नहीं पार्को में लगी मस्ती की पाठशाला
हर साल की तरह इस बार भी होली पर बाजारों में तरह-तरह की पिचकारी और रंगों की भरमार है। एक मार्च को होलिका दहन और दो मार्च को फाग को लेकर लोग भी काफी उत्साहित हैं। मगर गुजवि में होली के तीन दिन पहले ही स्टूडेंटस पर होली कर रंग चढ़ गया।
जागरण संवाददाता, हिसार
हर साल की तरह इस बार भी होली पर बाजारों में तरह-तरह की पिचकारी और रंगों की भरमार है। एक मार्च को होलिका दहन और दो मार्च को फाग को लेकर लोग भी काफी उत्साहित हैं। मगर गुजवि में होली के तीन दिन पहले ही स्टूडेंटस पर होली कर रंग चढ़ गया।
सोमवार को कक्षाएं लगाने की बजाय विद्यार्थी गुजवि परिसर में होली खेलते नजर आए। सभी लड़के और लड़कियां एक दूसरे को रंग लगा रहे थे तो इस बात की छूट गुजवि प्रशासन की ओर से भी दी गई थी।
दरअसल हर साल होली के दो से तीन पहले ही हिसार के अलावा अन्य जिले और राज्यों से गुजवि में पढ़ने वाले विद्यार्थी अपने घरों की ओर सामान पैक कर निकल जाते हैं। विद्यार्थी होली का त्योहार अपने घर पर ही मनाने चाहते हैं मगर एक साल में एक बार आने वाले दिन को अपने साथी सहपाठियों के साथ भी साझा करना चाहते हैं।
इसलिए सोमवार को विद्यार्थी घर जाने से पहले अपने दोस्तों के साथ होली खेलते नजर आए। कैफेटेरिया, शॉपिंग कांप्लेक्स के अलावा हर तरफ होली खेलते हुए स्टूडेंटस ही नजर आ रहे थे। मस्ती की पाठशाला कक्षाओं की जगह पार्को में लगती नजर आई।