बिना मन दी परीक्षा और Navy में जज एडवोकेट जनरल बन गए हिसार के यश, कोर्ट मार्शल केस देखेंगे
जज एडवोकेट जनरल की देशभर में ब्वॉयज की एक ही सीट थी जिस पर यश सूरा का चयन हुआ है। साक्षात्कार के लिए देशभर से आए चार हजार से अधिक युवाओं में से यश को चुना गया है।
हिसार [संदीप बिश्नोई] लोग अपने सपनों को पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत करते हैं, मगर जब वो बहुत बड़ा करने की सोचते हैं तो उससे कम पाना नहीं चाहते हैं। ऐसा ही हिसार के यश के साथ भी हुआ। यूपीएससी की तैयारी कर रहे यश सूरा ने बिना मन एसएसबी की परीक्षा दी और अब 24 वर्षीय यश सूरा इंडियन नेवी में जज एडवोकेट जनरल बन गए हैं। उन्हें सेना में लेफ्टिनेंट का रैंक मिला है।
जज एडवोकेट जनरल की देशभर में ब्वॉयज की एक ही सीट थी, जिस पर यश सूरा का चयन हुआ है। उन्होंने फरवरी में एसएसबी (सेवा चयन बोर्ड) की परीक्षा दी थी। साक्षात्कार के लिए देशभर से आए चार हजार से अधिक युवाओं में से यश को चुना गया।
मूल रूप से जिले के गांव पाली के रहने वाले यश सूरा वर्तमान में शहर के सेक्टर 16-17 में अपने माता-पिता के साथ रहते हैं। उनके पिता राजबीर सिंह बिजनेसमैन हैं और मां मधू सूरा गृहिणी हैं। उन्होंने पंजाब यूनिवर्सिटी से 2018 में एलएलबी की थी। इससे पहले उन्होंने 12वीं की पढ़ाई हिसार के ही जिंदल मॉडर्न स्कूल से की और 93 फीसद अंक हासिल किए थे।
बिना मन के गए थे एसएसबी की परीक्षा देने
यश ने बताया कि वे यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। इस बीच एसएसबी की परीक्षा का उन्हें निमंत्रण मिला। इसके तहत पूरी एसएसबी परीक्षा की पांच दिन की प्रक्रिया तमिलनाडु के कोयंबटूर में इंडियन नेवल स्टेशन अग्रानी में होनी थी। यह परीक्षा देने का उनका मन नहीं था, फिर भी वे वहां चले गए। वहां एक हफ्ते तक सैनिकों के बीच में रहे।
इस दौरान सेना का अनुशासन, जोश, जज्बा और लाइफ स्टाइल देखी तो वे इंडियन नेवी में ही सेवाएं देने के लिए मानसिक रूप से तैयार हो गए। इसके बाद न उनके कदम रूके और न उनका जोश थमा। परीक्षा और साक्षात्कार के विभिन्न चरणों को पार करते हुए यश सूरा ने जज एडवोकेट जनरल बनकर ही दम लिया। अब 28 जून से केरल में उनकी ट्रेनिंग शुरू होगी।
जज एडवोकेट जरनल लेफ्टिनेंट यश सूरा अपने माता-पिता व भाई के साथ।
कोर्ट मार्शल से लेकर नेवी के लीगल मैटर देखेंगे
जज एडवोकेट जनरल बने लेफ्टिनेंट यश सूरा इंडियन नेवी के लीगल मैटर देखेंगे। वे कोर्ट मार्शल के मामलों में जज की भूमिका निभाएंगे तो डिफेंस एग्रीमेंट, विभिन्न तरह की डिफेंस डील व अन्य जरूरी कानूनी मुद्दों पर अपनी सेवाएं देंगे। यश ने बताया कि इस पद के लिए एलएलबी के अंकों की मेरिट के आधार पर नेवी से इंटरव्यू कॉल आई थी। फिर इंटरव्यू सहित पूरी एसएसबी परीक्षा की प्रक्रिया पांच दिन तक चली। पहले दिन साक्षात्कार हुआ, अगले दो दिन फिजिकल टेस्ट, फिर एक दिन साइकोलॉजी टेस्ट और फिर एक दिन कॉन्फ्रेंस हुई। इन सब में उनका प्रदर्शन सबसे बेहतर रहा।
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