हिसार की बेटी ने माइनस सात डिग्री तापमान में 12500 फीट की ऊंचाई पर फहराया तिरंगा
जमावड़ी गांव की रहने वाली पर्वतारोही खुशबू यादव ने केदारकंठ की 12500 फीट की ऊंचाई पर तिरंगा फहराकर देश की राष्ट्रीय एकता व भाईचारे का संदेश दिया।
हिसार, जेएनएन। हरियाणा की बेटियां एक के बाद एक नए कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं। हिसार की अनीता कुंडू, शिवांगी पाठक के बाद अब हिसार की एक और बेटी ने पर्वतारोहण में नया कदम बढ़ाया है। जमावड़ी की रहने वाली पर्वतारोही खुशबू यादव ने केदारकंठ की 12500 फीट की ऊंचाई पर तिरंगा फहराकर देश की राष्ट्रीय एकता व भाईचारे का संदेश दिया। उनके पिता सूबेदार डीएस यादव फौज में कार्यरत हैं। माता-पिता के मार्गदर्शन से उसे यह सफलता हासिल हुई है।
पर्वतारोही खुशबू यादव ने हरियाणा से लेकर देहरादून तक 2 जनवरी से अपनी पर्वतारोही यात्रा शुरू की। देहरादून से आगे संकरी बेस कैंप केदारकंठ उत्तराखंड तक पहुंचे। खुश्बू ने बताया कि 4 जनवरी को शंकरी से पर्वतारोही यात्रा शुरू की और उत्तराखंड के जुदा की तबल झील से होते हुए पांच सदस्यीय टीम केदारकंठ बेस कैंप पर पहुंच गई। यह उसके जीवन की महत्वपूर्ण यात्रा थी, जिसमें उसे कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। क्योंकि केदारकंठ में तापमान माइनस 7 डिग्री था, जो कि हाड़ को गला देने वाली सर्दी थी, फिर भी वहां हिम्मत नहीं हारी। उन्हें भारी बर्फबारी के कारण टेंट तक में बिछाने तक में दिक्कतें आ रही थीं।
खुशबू ने बताया कि 5 जनवरी को उन्होंने केदारकंठ की ओर पर्वतारोही यात्रा की शुरूआत की। 12500 फीट की ऊंचाई पर पहुंचने के लिए भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा। क्योंकि यहां पर तेज ठंडी चलने वाली हवाओं का बहाव तेज था। इस मुकाम तक पहुंचना उनके लिए बहुत ही अच्छा अनुभव रहा। इस पर्वतारोही यात्रा में जाने के लिए चार दिन का समय लगता, परंतु हिम्मत हौसले बुलंद इरादों के साथ पहुंचकर उसे काफी गर्व महसूस हुआ। दो दिन की सफल यात्रा करके उसने अपने परिजनों का नाम रोशन किया है।
उन्होंने बताया कि अगली पर्वतारोही यात्रा सातों पंथ गलेशियर चोटी की करेंगी, जिसकी ऊंचाई 15100 फीट पर है। उल्लेखनीय है कि खुश्बू यादव इससे पहले माउंट फ्रेडशीप पर पहुंच कर तिरंगा फहराकर देश का गौरव बढ़ा चुकी हैं। यह हिमाचल प्रदेश में माउंट फ्रेडशीप की ऊंचाई 17353 फीट की है। इससे पूर्व जून 2018 में उत्तराखंड के द्रोपति का डाडा पीक पर जाकर वह तिरंगा फहरा चुकी हैं, जिसकी ऊंचाई 15800 फीट है।