मई में ओलावृष्टि से मौसम वैज्ञानिक भी हैरान, कई सालों बाद दिखा पश्चिमी विक्षोभ में बदलाव
सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण प्रदेश कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि। दोपहर तक 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था दिन का तापमान।
हिसार, जेएनएन। एक तरफ गुरुवार को जहां दिन का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को भी पार कर रहा था। सायं होते ही अचानक से तेज हवाओं के साथ बारिश और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि भी हुई। मई के महीने में ओलों का गिरना आम लोगों के साथ-साथ मौसम विज्ञानियों के लिए भी जांच का विषय बन गया है। मौसम विज्ञानी बोल रहे हैं कि हमने मई में कभी ओलावृष्टि नहीं देखी। हिसार में दिन के समय 40.2 डिग्री सेल्सियस तो न्यूनतम तापमान 22.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसके साथ ही बारिश 6.2 एमएम बारिश दर्ज की गई। मौसम में परिवर्तन का कारण पश्चिमी विक्षोभ बताया जा रहा है। मगर बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत देने का काम किया है।
मई माह में तीन बार आ चुका है पश्चिमी विक्षोभ
चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. मदन खिचड़ ने बताया कि आम तौर पर पश्चिमी विक्षोभ महीने में तीन से चार आते हैं। अक्टूबर से लेकर मार्च अप्रैल तक पश्चिमी विक्षोभ आते रहते हैं, मगर ऐसा कई वर्षों बाद देखने को मिल रहा है कि इतने पश्चिमी विक्षोभ आए हों। मई माह में कभी भी बारिश हुई तो हल्की फुल्की बारिश दर्ज की गई मगर इस बार मौसम का परिवर्तन शोध का विषय है। बतौर मौसम विज्ञानी शायद ही हमें याद होगा कि कभी मई माह में बारिश आई हो। मई माह में अब तक तीन पश्चिमी विक्षोम आ चुके हैं। अब शुक्रवार से आसमान साफ और मौसम सामान्य रहने की संभावना है।
पिछले 20 वर्षों में मई माह में बारिश का रिकार्ड
2000- 4.0
2001-102.7
2002- 87.0
2003- 39.3
2004- 55.1
2005- 9.7
2006- 69.2
2007- 46.2
2008- 52.7
2009- 38.2
2010- 1.9
2011- 84.9
2012- 29.8
2013- 0.0
2014- 56.5
2015- 0.0
2016- 43.3
2017- 10.9
2018- 0.0
2019- 59.8
नोट- आंकड़े एमएम में हैं।