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अफसरों व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली से जनप्रतिनिधियों की साख पर आंच, अफसर नहीं उठा रहे फोन

जागरण संवाददाता हिसार कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है। हालात ये पैदा हो गए है ि

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 May 2021 06:39 AM (IST)Updated: Mon, 10 May 2021 06:39 AM (IST)
अफसरों व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली से जनप्रतिनिधियों की साख पर आंच, अफसर नहीं उठा रहे फोन
अफसरों व कर्मचारियों की कार्यप्रणाली से जनप्रतिनिधियों की साख पर आंच, अफसर नहीं उठा रहे फोन

जागरण संवाददाता, हिसार : कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है। हालात ये पैदा हो गए है कि जनता ने जिन जनप्रतिनिधियों को वोट देकर अपने नेतृत्व करने के लिए चुना कोविड-19 में उनकी साख ही दाव पर लगी हुई है। कारण है कोरोना वायरस के बढ़ती रफ्तार में लोग मदद के लिए जब जनप्रतिनिधियों के पास पहुंच रहे है । जनता की मदद के लिए जब जनप्रतिनिधि अफसरों को फोन कर रहे है तो कई बार हालात ये बन रहे है कि अफसर उनकी बात को तव्वजो देना तो दूर किसी ने उनका मोबाइल नंबर ब्लैक लिस्ट में डाल रखा है, तो कोई कॉल रिसीव नहीं करता और कोई कॉल करने पर मोबाइल बंद कर देते है। ऐसे में कई पार्षद तो जनता की मदद करने के नाम पर मूकदर्शक बनकर बैठ गए, वहीं अफसरशाही और कर्मचारियों की मनमानी जारी है।

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इन तीन केसों से समझे जनप्रतिनिधियों की स्थिति

केस-1 :- वार्ड-12 के पार्षद जगमोहन मित्तल का तो हेल्थ विभाग के कर्मचारी ने नंबर ही ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। वैक्सीनेशन के लिए लोग पार्षद से बार बार मांग कर रहे थे तो स्वास्थ्य विभाग ने जिस अधिकारी की डयूटी लगाई उसके पास पार्षद ने कॉल की तो वह फोन तक नहीं उठा रहा। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि जनप्रतिनिधियों के प्रति अफसर व कर्मचारियों का रवैया कैसा है। पार्षद जगमोहन मित्तल ने कहा लापरवाह अफसरों व कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई न होना और अफसरशाही का उनके बचाव में आना लोकतंत्र के लिए भविष्य में खतरा बनेगा। जनता के प्रति हमारा कर्तव्य व जिम्मेदारी है हमारा अपमान कर अफसर लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे है। सरकार इस पर संज्ञान ले।

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केस-2

वार्ड-10 में मूलभूत सुविधाओं को तरस रही जनता

कोविड-19 के वार्ड-10 के सैकड़ों लोग परेशानी झेल रही है। कहीं सीवरेज समस्या तो कहीं पेयजल समस्या विकराल रुप ले रही है। लेकिन हालात ये है कि पार्षद का फोन उठाने के बाद अफसर काम करना तो दूर दोबारा फोन करने पर फोन का जवाब तक नहीं दे रहे। हालात ये है कि जनता पार्षद को अपना दर्द बयां कर रही है लेकिन पार्षद का अफसर काम नहीं कर रहे। ऐसे में पार्षद अपना दर्द किसे बताए। वार्ड-10 की पार्षद बिमला देवी ने कहा सरकार लॉकडाउन लगाकर जनता को घर रहने के लिए तो कह रही है लेकिन जनता को सुविधाएं न देकर उन पर अत्याचार कर रही है। ऐसे मुश्किल वक्त में कई अधिकारी व कर्मचारी दिनरात सेवा कर रहे है वहीं जनस्वास्थ्य विभाग के अफसर लापरवाह बने हुए है। मेरी सरकार से मांग है कि लापरवाह अफसरों पर सख्त कार्रवाई करते हुए जनता को बेहतर मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जाए।

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केस-3

नाम न छापने की शर्त पर कई पार्षद बोले कि अभी तक पार्षदों को शहर में आवाजाही के लिए पास जारी नहीं हुए है। ऐसे में बाहर किसी ने टोक दिया तो हमारे मान सम्मान को ठेस पहुंचेगी। इसलिए हम तो घर पर ही रह रहे है अति आवश्यक कोई काम हो तो ही बाहर निकलते है। प्रशासन की ओर से लॉकडाउन के लिए कार्य तो किया जा रहा है लेकिन प्लानिग बेहतर करने की जररुत है। वह तभी संभव है जब सभी का उसमें सहयोग हो। हमारी मांग है कि प्रशासन जनप्रतिनिधियों का सम्मान करते हुए अपनी प्लानिग का उन्हें हिस्सा बनाए ताकि कोरोना से जंग जीतने में सभी एक साथ मिलकर बेहतर कार्य कर सके और जीत सके।


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