हिसार डिपो खुद बनाएगा ई-टिकटिंग मशीनों के लिए चार्जिंग हाउस, कंपनी की टीम तैयार करेगी सेटअप
हिसार डिपो को 288 ई-टिकटिंग मशीनें मिलनी है। इनमें से हिसार डिपो को 211 और हांसी डिपो को 77 मशीनें दी जाएगी। हांसी डिपो के लिए सेटअप बनाकर अलग भेजा जाएगा ताकि वहां पर भी मशीनों के चार्जिंग की सुविधा रहे।
जागरण संवाददाता, हिसार। हिसार डिपो ई-टिकटिंग मशीनों के लिए खुद चार्जिंग हाउस बनाएगा। इसके लिए हेडक्वार्टर से ही नक्शा बनकर आया है। उसी तर्ज पर बनेगा। इस पर शुक्रवार से काम शुरू किया जाएगा। इसके लिए कंपनी की टीम भी हिसार डिपो में आएगी, जो सेटअप तैयार करेगी। वरना कई डिपो बना हुआ मोडिफाई चार्जिंग हाउस खरीद रहे है। मगर हिसार डिपो ने खुद बनवाने का फैसला लिया है, ताकि अच्छा व मजबूत बनें।
हिसार डिपो अधिकारियों का कहना है कि जितने बजट में नया आएगा, उतने ही बजट में अच्छे फर्नीचर से बक्शे बन जाएंगे। इसको लेकर हिसार जीएम ने भी अनुमति दे दी है।
सभी मशीनों के लिए अलग-अलग बक्शे बनेंगे। इसमें कुल 300 मशीनों की चार्जिंग की सुविधा होगी। हिसार डिपो बक्शे बनाएगा। उसमें मशीन के रखने या चार्जिंग से लेकर तारें बिछाने का काम कंपनी की टीम करेगी। इस पर करीब डेढ़ लाख रुपये की लागत आएगी। बता दें कि हिसार डिपो को 288 ई-टिकटिंग मशीनें मिलनी है। इनमें से हिसार डिपो को 211 और हांसी डिपो को 77 मशीनें दी जाएगी। हांसी डिपो के लिए सेटअप बनाकर अलग भेजा जाएगा, ताकि वहां पर भी मशीनों के चार्जिंग की सुविधा रहे।
एक फीट लंबा व 10 इंच चौड़ा होगा बाक्स
ई-टिकटिंग मशीन के लिए बाक्स एक फुट लंबा व ऊंचा और 10 इंच चौड़ा बनाया जाएगा, जिसमें मशीन रखने व चार्जिंग की जा सकेगी।
मानटरिंग से पता चल सकेगा
यह चार्जिंग हाउस करीब सप्ताहभर में बनकर तैयार होगा। इसके बाद कंपनी की टीम आएगी। परिवहन विभाग ने निजी कंपनी को ई-टिकटिंग मशीन के लिए टेंडर दिया है। इसके अलावा मुख्यालय भी बनेगा, जिसमें हर समय मानटरिंग होगी। इसमें कंप्यूटर आपरेटर की टीम बैठेगी। जैसे मशीन से कब टिकट काटी गई, कितने रुपये की। इससे पता चल सकेगा कि परिचालक ने बस स्टैंड से चढ़ने के बाद यात्री को कितने समय बाद टिकट दी। इससे काफी हद तक टिकट गबन कम होगा।