लो फ्लोर सिटी बसों के लिए लोन में एक साल का कांट्रेक्ट बना बाधा, पांच साल करने की मांग
एक साल के वर्क ऑर्डर पर एजेंसियों को लो फ्लोर को लेकर एजेंसियां लोन नहीं दे सकती है। यही वजह है कि एजेंसियों तीन रूटों पर छह बसें चलाने को तैयार नहीं है।
हिसार, जेएनएन। सिटी बस सर्विस 26 जनवरी तक चलना नामुमकिन नजर आ रहा है। टेंडर लेने वाले एजेंसियों के लिए एक साल की शर्त आफत बन गई है। सिटी बस चलाने का वर्क ऑर्डर एजेंसियों को दिए 10 से ज्यादा दिन गुजर गए है। लो फ्लोर बसों को बहाना लेकर एजेंसियों ने पांच साल का नियम लागू करने लिए पत्र अधिकारियों को सौंपा है। भले ही एजेंसियां इसके पीछे लो फ्लोर बसें नहीं मिलने का दावा कर रही हो। हकीकत यह है कि बसों पर लोन लेने के तीन साल का कांटेक्ट कम से कम होना जरूरी है। एक साल के वर्क ऑर्डर पर एजेंसियों को लो फ्लोर को लेकर एजेंसियां लोन नहीं दे सकती है। यही वजह है कि एजेंसियों तीन रूटों पर छह बसें चलाने को तैयार नहीं है।
अब देखना यह है कि बहाना मारकार सिटी बस नहीं चलाने वाली एजेंसियों को आगामी टेंडर से निगम अधिकारी बाहर करते है या इन्हीं एजेंसियों को लाभ पहुंचाते है। दस बसों के लिए पांच साल की समय सीमा नगर निगम की ओर से छह सीटों बसों का टेंडर देने के बाद एक नया टेंडर जारी किया गया था। दो रूट जिन पर बसों को लेकर एजेंसी नहीं आई थी। उनका टेंडर रिकॉल करते हुए तीन रूटों पर अतिरिक्त बसों की मांग की। ऐसे में कुल पांच रूटों पर दस सिटी बसों को लेकर टेंडर लगाया गया है। जिसमें लो फ्लोर बसों के साथ नॉर्मल 22 सीट बस को भी प्राथमिकता दी गई। यह टेंडर लगने के बाद ही पूर्व में टेंडर लेने वाली एजेंसी संचालकों को लालच आ गया और उन्होंने लो फ्लो बस नहीं मिलने की बात कह पत्र अधिकारियों को लिख दिया।
इन रूटों पर चलानी थी बस
बस स्टैंड से कैंट
बस स्टैंड से राजगढ़ रोड
बस स्टैंड से तोशाम रोड
-- पूर्व में जिन एजेंसियों को सिटी बस के लिए वर्कआर्डर जारी किए गए थे। उन एजेंसी ठेकेदारों ने पत्र लिखकर वर्कआर्डर पांच साल का करने की मांग की है। साथ ही लो फ्लोर बसों में छूट देने की बात कहीं है। एजेंसी ठेकेदारों का पत्र आलाधिकारियों को भेज दिया गया है।
संदीप कुमार , सीपीओ, नगर निगम।