10वीं के अंग्रेजी विषय की परीक्षा शुरू होते ही आज फिर पेपर लीक, नकल माफिया बेलगाम
गुरुवार को भी दसवीं कक्षा की अंग्रेजी विषय की परीक्षा शुरू होते ही 4931(सैट-एबीसीडी) सभी कोड के प्रश्न पत्र दो जगहों से आउट हो गए और कुछ सेकेंडों में पूरे प्रदेश में वायरल हो गए
भिवानी, जेएनएन। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षा का शायद ही कोई ऐसा पेपर हो जाे वायरल न हुआ हो। गुरुवार को भी दसवीं कक्षा की अंग्रेजी विषय की परीक्षा शुरू होते ही 4931(सैट-ए,बी,सी,डी) सभी कोड के प्रश्न पत्र दो जगहों से आउट हो गए और कुछ सेकेंडों में ही पूरे प्रदेश में वायरल हो गए। हरियाणा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि हर पेपर आउट हो रहा है। 4-जी के जमाने की तकनीक ने बोर्ड की व्यवस्था को बोल्ड कर दिया है।
गौरतलब है कि कल बारहवीं कक्षा के गणित विषय का पेपर भी आउट हो गया था। इससे पहले जितने भी पेपर अभी तक हुए हैं, सभी आउट हो चुके हैं। व्हाट्सएप बोर्ड की तैयारियों पर भारी पड़ गया है और नकल माफिया जब चाहे, तब पेपर आउट कर देता है। बोर्ड अधिकारी केवल लीक पीटते रह जाते हैं। दैनिक जागरण ने हर रोज की तरह आज भी समय रहते आउट हुए पेपर को बोर्ड चेयरमैन डा. जगबीर सिंह व सचिव राजीव प्रसाद के मोबाइल पर व्हाटसएप कर दिया। हालांकि दोनों अधिकारी फ्लाइंग में होने की वजह से उन्होंने शाम चार बजे तक कोई टिप्पणी नहीं की।
प्रश्न पत्रों की ये होती है सुरक्षा
बोर्ड की गोपनीय सहायक प्रश्न पत्र मुद्रण अनुभाग द्वारा प्रश्न पत्रों प्रकाशन करवाया जाता है। इस अनुभाग का सहायक बोर्ड सचिव व चेयरमैन से बात करता है तो उस समय बोर्ड का अन्य कोई भी अधिकारी व कर्मचारी कार्यालय में नहीं घुस सकता है। न ही बोर्ड के किसी कर्मचारी या अधिकारी को यह पता होता है कि प्रश्न पत्र कहां से प्रकाशित करवाया गया है । अनुभाग का इंचार्ज ही प्रश्न पत्रों की जांच करता है और बोर्ड के स्ट्रांग रूम में एक चार की गार्द की देखरेख में प्रश्न रखे जाते हैं। इसी इंचार्ज की देखरेख में परीक्षा से दो दिन पहले सभी जिलों में प्रश्न पत्र बाक्स में सीलबंद करके ट्रकों के जरिये सभी जिला मुख्यालयों को भेज दिए जाते हैं, जो कि प्रश्न पत्र उड़नदस्तों की निगरानी में हर जिले के स्ट्रांग रूम में रखे जाते हैं। इन स्ट्रांग रूम की निगरानी के लिए भी एक चार की गार्द तैनात होती है। जिला में भी बोर्ड के ही नोडल अधिकारी परीक्षा वाले दिन ही उपमंडल इंचार्जों के जरिये उपमंडल मुख्यालय पर प्रश्न पत्र भेज दिए जाते हैं। उपमंडल मुख्यालय से सभी केंद्र अधीक्षक प्रश्न पत्र परीक्षा केंद्र तक प्रश्न पत्र ले जाते हैं। सीलबंद लिफाफों को परीक्षा शुरू होने से दस मिनट पहले ही खोलने की इजाजत होती है। प्रश्न पत्र लिफाफा खोलते ही उस पर केंद्र अधीक्षक, उप केंद्र अधीक्षक व पर्यवेक्षक के हस्ताक्षर व समय लिखा होना अनिवार्य है। सभी लिफाफे परीक्षाएं समाप्त होने के बाद बोर्ड मुख्यालय पर जमा करवा दिए जाते हैं। इस प्रक्रिया में बोर्ड स्तर पर पेपर आउट नहीं किया जा सकता है। क्योंकि लिफाफा खुला हुआ मिले तो केंद्र अधीक्षक आपत्ति जता देंगे।
दैनिक जागरण के सुझाव माने जाते तो नहीं होते प्रश्न पत्र आउट
भिवानी: प्रदेश में प्रश्न पत्र आउट होने की कोई पहली घटना नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पहले प्रयास नहीं किए गए। 2003 व 04 में किए गए प्रयासों को पूरे प्रदेश में सराहा गया था। इस दौरान नकल रोकने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले बोर्ड के सेवानिवृत अधीक्षक रविन्द्र कुमार पालीवाल ने 1 मार्च के दैनिक जागरण में महत्वपूर्ण सुझाव दिए थे। उनका दावा है कि यदि बोर्ड अधिकारी उनके सुझावों पर अमल करे तो इस समस्या का समाधान हो सकता है।
ये दिए थे सुझाव
1. विद्यार्थियों के मन से परीक्षा का बोझ कम करने के लिए सेमेस्टर सिस्टम लागू हो, ताकि परीक्षा देने की आदत बनी रहे।
2. स्कूल स्तर पर अक्टूबर एवं फरवरी में क्रमश: प्रथम व द्वितीय सेमेस्टर की परीक्षा सब्जेक्टिव आयोजित की जाए।
3.अंकन कार्य स्कूल स्तर पर संबंधित विषय अध्यापक द्वारा संपन्न करवाया जाए तथा परीक्षा परिणाम आनलाइन बोर्ड को उपलब्ध करवाया जाए।
4.मार्च के द्वितीय सप्ताह में पूरे सिलेबस से ओब्जेक्टिव टाइप प्रश्न पत्र (ओएमआर) अकेडमिक कमेटी की सिफारिश पर तैयार करके बोर्ड द्वारा परीक्षा आयोजित की जाए और प्रथम व द्वितीय सेमेस्टर की घरेलू परीक्षा के अंकों का औसत अंक के आधार पर प्रमाण पत्र जारी किए जाएं।
5. उतरपुस्तिका एवं प्रश्न पत्र भेजने का कार्य, पर्यवेक्षक ड्यूटी व अंकन कार्य का पारिश्रमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा ही किया जाए। रिचेकिंग का कार्य भी स्कूल सत्र पर मुखिया द्वारा अपनी देखरेख में निर्धारित शुल्क लेकर करवाया जाए।
यदि स्कूल स्तर पर रिचेकिंग में यदि अंकों में बड़ा अंतर है तो संबंधित विषय के अध्यापक से स्पष्ट करवाया जाए। इस संबंध में शिक्षक की वार्षिक रिपोर्ट में दर्ज हो और भविष्य के लिए सावधान किया जाए।
6. ओएमआर शीट आधारित परीक्षाफल भी 31 मार्च तक घोषित हो सकेगा और परीक्षार्थी अगली कक्षा में प्रवेश अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ले सकेंगे और उन्हें पूरा शैक्षणिक समय मिल सकेगा।
7. ट्रायल बेस पर प्रदेश के कुछ स्कूलों में इन सुझावों पर अमल किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने भी नकल मुक्त परीक्षा के लिए एक मार्च को प्रदेश के अधिकारियों को दिए थे निर्देश
बोर्ड परीक्षाओं के शुरू होने से दो दिन पहले मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने विडियो कांफ्रेंस के जरिये प्रदेश के सभी उपायुक्तों व पुलिस अधीक्षकों को नकल रोकने के लिए कड़े निर्देश दिए थे। लेकिन उनके निर्देशों के बावजूद इस बार की परीक्षाओं में नकल माफिया बेकाबू रहा।