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Haryana Weather News: बारिश से कम हुआ प्रदूषण, मगर दीपावली पर बीमार कर सकता है मौसम का मिजाज

प्रदेश के कई जिलों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर चल रहा था मगर मंगलवार को चली तेज हवा और बारिश के कारण प्रदूषण में कमी आयी है। तीन जिले ही ऐसे थे जहां 300 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर से अधिक वायु प्रदूषण था। जो कम हुआ है

By Manoj KumarEdited By: Published: Wed, 03 Nov 2021 08:51 AM (IST)Updated: Wed, 03 Nov 2021 08:51 AM (IST)
Haryana Weather News: बारिश से कम हुआ प्रदूषण, मगर दीपावली पर बीमार कर सकता है मौसम का मिजाज
हरियाणा में हुई बारिश से प्रदूषण कम हो गया है तो ठंड बढ़ गई है

जागरण संवाददाता, हिसार। अभी तक प्रदेश के कई जिलों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पर चल रहा था मगर मंगलवार को चली तेज हवा और बारिश के कारण प्रदूषण में कमी आयी है। तीन जिले ही ऐसे थे जहां 300 माइक्रो ग्राम प्रति घनमीटर से अधिक वायु प्रदूषण था। मगर अब दीपावली पर पटाखों के चलने से लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि कई शहरों में पटाखों की बिक्री पर बैन है मगर चोरी छिपे पटाखे बेचे जा रहे हैं। मगर धनतेरस के दिन अचानक हुई बारिश से त्‍योहार का आनंद भी खराब हो गया, दुकानदारों का सामान भी भीग गया तो बिक्री भी प्रभावित हुई। आज भी बूंदाबांदी हो सकती है। नवंबर महीने में आमतौर पर बारिश कम ही होती है। मगर इस दफा मौसम ने एक दम से करवट बदल ली। इस तरह का मौसम होने से त्‍योहार के आनंद में खलल पड़ सकता है।

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पटाखों के प्रदूषण में फंसने से पहले ही होम्योपैथी दवा लें अस्थमा रोगी

सर्वोच्च न्यायालय व प्रदेश सरकार के प्रतिबंध के बावजूद हिसार सहित हरियाणा के लगभग हर जिलों में दीपावली के दौरान तीन से चार दिन तक पटाखों के धुएं से प्रदूषण स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है वहीं इससे सबसे ज्यादा परेशानी अस्थमा रोगियों को होती है। यदि अस्थमा रोगी इस परेशानी को कुछ कम करना चाहते हैं तो वे पहले ही होम्योपैथी दवा ले सकते हैं ताकि उस प्रदूषण का प्रभाव कुछ कम हो सके और रोगियों का शरीर उसको सहन करने के लायक बन सके।

मदर अस्पताल के होम्योपेथी चिकित्सक डॉ. एस फोगाट ने बताया कि होम्योपैथी में अस्थमा के रोगियों के काफी कारगर दवाइयां है जिससे ना सिर्फ इस रोग का उपचार हो सकता है बल्कि प्रदूषण के समय होने वाली परेशानी को भी कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि होम्योपैथी में यदि कुछ माह तक लगातार उपचार किया जाए तो अस्थमा रोगी सामान्य लोगों की तरह अपना जीवन व्यतीत कर सकते हैं।


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