Haryana Weather News: 41 दिन बाद हिसार की हवा को लेकर आई राहत भरी खबर, जानें कैसा रहेगा मौसम
स्माग और वायु प्रदूषण को लेकर रेड जोन में रहा हिसार जिला अब यलो जोन में आ गया है। सोमवार को हिसार में 163 एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किया गया। जबकि एक दिन पहले 339 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर एक्यूआई दर्ज किया गया था। अब मौसम साफ हुआ है
जागरण संवाददाता, हिसार। हिसार की आबोहवा 41 दिन बार सोमवार को कुछ राहत देने वाली रही। सबसे अधिक दिन तक स्माग और वायु प्रदूषण को लेकर रेड जोन में रहा हिसार जिला अब यलो जोन में आ गया है। सोमवार को हिसार में 163 एयर क्वालिटी इंडेक्स दर्ज किया गया। जबकि एक दिन पहले 339 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर एक्यूआई दर्ज किया गया था। इसी आंकडे से अंदाजा लगाया जा सकता है कि हिसार में कण प्रदूषण एक दिन में कितनी तेजी से कम हुआ है।
प्रदूषण कम होने का कारण मौसम में बदलाव रहा। अभी तक प्रदूषण के कण वायुमंडल में ही विद्यमान थे मगर रविवार देर रात्रि को हुई बारिश ने प्रदूषण को कम करने का काम किया । इसके साथ ही अब प्रदूषण के कणों को ऊपर जाने में जाने में आसानी हुई है। गौरतलब है कि 27 अक्टूबर से हिसार में 300 से अधिक एक्यूआई चल रहा था। दीपावली के बाद तो यह 500 तक भी पहुंच गया। इसके बाद कई दिनों तक स्माग ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया। रविवार तक भी प्रदूषण की यही स्थिति बनी हुई थी। अब प्रदूषण कम होने से लेागाें को राहत मिली है।
क्या है कण प्रदूषण, जो सबसे अधिक पहुंचाया नुकसान
प्रदेश के अधिकांश शहर पीएम 10 व पीएम 2.5 प्रदूषण से ग्रसित हैं। पीएम को पर्टिकुलेट मैटर या कण प्रदूषण भी कहा जाता है, जो कि वातावरण में मौजूद ठोस कणों और तरल बूंदों का मिश्रण है। हवा में मौजूद कण इतने छोटे होते हैं कि आप नग्न आंखों से भी नहीं देख सकते। कुछ कण इतने छोटे होते हैं कि इन्हें केवल इलेक्ट्रान माइक्रोस्कोप का उपयोग करके पता लगाना पड़ता है। कण प्रदूषण में पीएम 2.5 और पीएम 10 शामिल हैं जो बहुत खतरनाक होते हैं। पीएम 2.5, 60 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से कम ही रहना चाहिए। पीएम 10 और 2.5 धूल, निर्माण की जगह पर धूल, कूड़ा व पुआल जलाने से ज्यादा बढ़ता है। जब इन कणों का स्तर वायु में बढ़ जाता है तो सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन आदि होने लगती हैं। पीएम 2.5 और पीएम 10 के कण सांस लेते समय आपके फेफड़ों में चले जाते हैं जिससे खांसी और अस्थमा के दौरे पढ़ सकते हैं। उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा, स्ट्रोक और भी कई गंभीर बीमारियों का खतरा बन जाता है, इसके परिणामस्वरूप समय से पहले मृत्यु भी हो सकती है।
बारिश के कारण प्रदूषण में आई कमी
प्रदेश में दिसंबर के पहले सप्ताह में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुआ साथ ही अरब सागर की तरफ से आई नमी भरी हवा ने एक ऐसा वेदर सिस्टम तैयार किया जिससे रविवार को कई स्थानों पर बारिश हुई। हालांकि हिसार, गुरुग्राम व रोहतक में हल्की बारिश दर्ज की गई। वह भी कुछ ही क्षेत्रों तक सिमट कर रह गई। इसके साथ ही बादलवाई रहने के कारण पिछले दिनों दिन के तापमान में कमी आई थी। मगर अब अल सुबह धुंध आपका रास्ता रोक सकती है। अब पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव समाप्त हो गया है। मगर मौसम विज्ञानियों ने धुंध आने की संभावना जता दी है। इसके साथ ही रात्रि तापमान में गिरावट की संभावना है। चौधरी चरण सिंह हरियाणाा कृषि विश्वविद्यालय में कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा मदन खिचड़ ने बताया कि हरियाणा में मौसम आमतौर पर 10 दिसंबर तक खुश्क रहने व उत्तर पश्चिमी हवा चलने से रात्री तापमान में हल्की गिरावट तथा अलसुबह हल्की धुंध भी आने की संभावना है।