जम्मू कश्मीर में शहीद हुआ हरियाणा का लाल, रोहतक पहुंचा पार्थिव शरीर
झज्जर में पैदा हुए रोहतक निवासी अक्षय के बहन और भाई भी सेना में ही हैं। वहीं पिता भी कारगिल की लड़ाई लड़ चुके हैं। छोटी उम्र में शहादत होने से हर आंख नम है।
हिसार/रोहतक, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में गोली लगने से झज्जर के दूबलधन गांव निवासी अक्षय कादयान शहीद हो गए। बीती शाम को फोन आया कि अक्षय कादयान को गोली लगी है। अब वे इस दुनिया में नहीं रहे। सैन्य अधिकारियों से मिली सूचना के अनुसार अक्षय का पार्थिव शरीर रोहतक पहुंच चुका है और इसके बाद झज्जर में उनके पैतृक गांव दूबलधन पहुंचेगा। वर्तमान में उनका परिवार रोहतक की शिव नगर कॉलाेनी में रह रहा है।
उनका पार्थिव शरीर जब रोहतक पहुंचा तो भीड़ जमा हो गई। हाथों में तिरंगा लिए हर कोई भारत माता की जय का उद्घोष कर रहा था। अक्षय अमर रहे और अक्षय जिंदाबाद के नारे हर ओर गूंज रहे थे। रोहतक में पार्थिव शरीर के स्वागत के लिए लोगों ने खूब तैयारी की हुई थी।
इससे पहले रोहतक की शिव नगर कॉलोनी में जवान के निधन के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे अक्षय का कुछ समय पहले ही कश्मीर में तबादला हुआ था। शनिवार शाम परिजनों को उनके निधन का पता चला। जिस पर परिवार का रो रो कर बुरा हाल है। अक्षय तीन भाई बहनों में सबसे छोटे थे। उनके बड़े भाई उमेश कादयान सीआरपीएफ में कार्यरत है।
जो फिलहाल नोएडा में तैनात है, जबकि बड़ी बहन पूजा के पति भी एयरफोर्स में तैनात हैं। अक्षय के चाचा कुलदीप ने बताया कि उनके पिता आनंद रिटायर फौजी है, जो कारगिल युद्ध के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उनके शहीद होने का पता चलते ही परिवार के लोगों का बुरा हाल है।
बता दें कि दुष्यंत चौटाला ने भी शहीद की शहादत को लेकर अपने पेज पर एक पोस्ट किया है और श्रद्धांजलि दी है। शहीद अक्षय के परिवार में सेना के प्रति समर्पण देख हर कोई उनका मुरीद बना हुआ है। तीनों बहन भाई सेना में और पिता के भी कारगिल युद्ध में घायल होने के वावजूद लड़ाई लड़ते रहना सबके लिए प्रेरणादायी है। अक्षय की इतनी छोटी उमर में हुई शहादत को लेकर परिवार ही नहीं बल्कि हर कोई उदास है।