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Haryana Panchayat Election: हिसार में कहीं तनाव तो कहीं शांतिपूर्ण माहौल में सरपंच व पंच के लिए हो रहा मतदान

हिसार जिले में सभी मतदान केंद्रों पर 700 बजे से ही मतदान शुरू हुआ। दूसरी ओर मतदाता भी इसी इंतजार में थे कि कब मतदान शुरू हो। शाम 6 बजे तक मतदान चलेगा। हिसार में 307 पंचायतें हैं। जिनमें कई प्रत्‍याशी खड़े हैं।

By Jagran NewsEdited By: Manoj KumarPublished: Fri, 25 Nov 2022 08:21 AM (IST)Updated: Fri, 25 Nov 2022 08:21 AM (IST)
Haryana Panchayat Election: हिसार में कहीं तनाव तो कहीं शांतिपूर्ण माहौल में सरपंच व पंच के लिए हो रहा मतदान
हिसार जिले के बड़े और छोटे गांव में भी चौधर को लेकर सरपंच प्रतिनिधियों में काफी कड़ा मुकाबला

जागरण संवाददाता, हिसार। जिले में सरपंच और पंच पद के लिए मतदान शुरू हो गया है। सभी मतदान केंद्रों पर 7:00 बजे से ही मतदान शुरू हुआ। दूसरी ओर मतदाता भी इसी इंतजार में थे कि कब मतदान शुरू हो। इनमें ऐसे मतदाता थे, जो प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते हैं या मजदूरी व खेती बाड़ी का काम करते हैं। ऐसे में सभी मतदाता भीड़ से बचने के लिए सुबह ही अपना वोट डाल कर अपने काम की तरफ रवाना होने की तैयारी में थे।

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मतदान केंद्रों पर तरफ पीठासीन अधिकारियों ने सभी बूथों पर अर्जेंट तैनात करने और निगरानी के लिए पुलिस और ग्रामीण से सुबह 6:30 बजे ही तैयारी के लिए निर्देश दिए थे। एजेंट के बिना पीठासीन अधिकारी भी मतदान शुरू नहीं करवाते, क्योंकि मतदाता की पहचान करनी जरूरी है कि उसका मूल गांव में वोट है या नहीं। वरना फर्जी वोट डालने की संभावना रहती है। हिसार जिले में साढ़े तीन बजे तक 65.4 प्रतिशत मतदान वहीं हांसी प्रथम में 66.4 प्रतिशत हांसी द्वितीय में  61.4  प्रतिशत मतदान हुआ है।

जिले के छोटे और बड़े गांव की बात करें तो उनमें भी चौधर को लेकर सरपंच प्रतिनिधियों के बीच काफी कड़ा मुकाबला है कई गांव में आठ से 10 प्रतिनिधि भी चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं। सभी प्रतिनिधि मतदाताओं को हर तरह का प्रलोभन देकर लुभावने की कोशिश कर रही हैं और रात्रि से ही सरपंच प्रतिनिधि और कार्यकर्ताओं की जद्दोजहद जारी है। दूसरी और कुछ गांव में जातिगत वोट भी बाहुल्य बना हुआ है, जहां पर एक विशेष जाति और एससी और बीसी जाति के प्रतिनिधियों के बीच कड़ी टक्कर है।

कई गांव में अनुसूचित जाति का पद रिजर्व होने के कारण चुनाव में माहौल बदला है। साथ ही ग्रामीण एरिया में अनुसूचित जाति के प्रतिनिधि जो पहले सरपंच रह चुके हैं, वह भी चुनावी मैदान में उतरे हुए हैं। जैसे कि बालसमंद, चौधरीवाली, काबरेल, डोभी, मीरपुर, आर्य नगर, पाबड़ा जैसी बड़ी पंचायत में भी एक विशेष जाति और अन्य जाति के प्रतिनिधियों के बीच कड़ी टक्कर है, यहां पर जातिगत वोट भी काफी असर डालता है।

जिले में मौजूद 307 पंचायत में सरपंच पद के लिए 1901 प्रत्याशी चुनाव मैदान में खड़े है। इसी प्रकार पंच पद के लिए 5173 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। इसमें सरपंच पद के लिए ईवीएम से चुनाव होगा तो पंच पद के लिए बैलेट पेपर से वोट डाले जाएंगे।

युवतियां भी चौधर को लेकर चुनाव में उतरी

इस बार गांव में चौधर को लेकर जूतियां भी किसी से कम नहीं है। वह भी चुनावी मैदान में उतरी हुई है। इससे भी चुनावी माहौल में काफी असर पड़ा है और वह बाकी प्रतिनिधियों को काफी टक्कर दे रही है। बालसमंद सहित कई गांव में युवतियां और अधिकतर महिलाएं भी चुनावी जग में उतरी है।

कई गांव में प्रतिनिधियों ने नई शुरुआत भी की

इस बार कई गांव में कुछ सरपंच प्रतिनिधियों ने एक अलग अलख जगाने की कोशिश की है। जैसे कि गांव में शराबबंदी या गांव के पुराने मुद्दे उठाए हैं, जिनका सुलह सुलझाने का दावा किया है। इसमें युवा ही ज्यादातर आगे आए है।


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