Haryana Monsoon Update: इस बार उत्तरी हरियाणा से एंट्री करेगा मानसून, 29 जून से होगी बारिश
बंगाल की खाड़ी से चलने वाली मानसूनी हवाएं उत्तर प्रदेश के साथ लगते जिलों में हरियाणा में प्रवेश करेगी। 29 जून से यमुनानगर करनाल पानीपत सोनीपत पलवल के अलावा पंचकुला फरीदाबाद गुरुग्राम अंबाला और मेवात के क्षेत्रों में बारिश देखने को मिल सकती है।
जागरण संवाददाता, हिसार : प्रदेश में इस बार मानसून उत्तरी हरियाणा से प्रवेश कर सकता है। बंगाल की खाड़ी से चलने वाली मानसूनी हवाएं उत्तर प्रदेश के साथ लगते जिलों में हरियाणा में प्रवेश करेगी। 29 जून से यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, पलवल के अलावा पंचकुला, फरीदाबाद, गुरुग्राम, अंबाला और मेवात के क्षेत्रों में बारिश देखने को मिल सकती है। तीन से चार जुलाई तक मानसून के पूरे में हरियाणा में छा जाने की संभावना है।
चौधरी चरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष मदन लाल खिचड़ ने बताया कि अभी एक दो दिन पश्चिमी खुश्क हवाएं चलने से तापमान में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। मगर 29 जून से मौसम में बदलाव होगा। 30 जून को रेवाड़ी और झज्जर जिलों में मानसून पहुंच जाएगा। इसके बाद धीरे-धीरे मानसून पूरे प्रदेश में छा जाएगा। सामान्य तौर पर अरब सागर की तरफ से भी मानसूनी हवाएं प्रदेश में आती हैं मगर इस बार बंगाली की खाड़ी से आने वाली हवाएं प्रदेश में पहले एंट्री करेंगी।
फसलों के लिए बारिश बनेगी संजीवनी
हरियाणा में हाल में ही होने जा रही बारिश फसलों के लिए संजीवनी बनेगी। वर्तमान में गर्मी और उमस से लोग बेहाल हैं। वहीं फसलों को भी पानी की जरुरत है। फसलें जलने भी लगी थी। ऐसे में होने वाली अभी की बारिश से फसलों की बढ़ावर सही से हो सकेगी। फसलों की बढ़ोतरी के लिए बारिश बेहद जरूरी है। कपास की फसल में तो बारिश नहीं होने के वजह से कीड़े हो जाते हैं और फसल पूरी तरह से नष्ट हो जाती है। वहीं मूंग, ग्वार और बाजरे की बिजाई भी बारिश के बाद ही हो सकेगी।
मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार प्रदेश में महेंद्रगढ़ रविवार को सबसे गर्म रहा। यहां अधिकतम तापमान 44.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। इसके अलावा हिसार में 42.7 डिग्री, नारनौल में 43.0 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।