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Haryana Monsoon News : राजस्थान और पंजाब पर बना है साइक्लोनिक सर्कुलेशन, हरियाणा में कर सकता है हल्की बारिश

हरियाणा राज्य में मानसून 11 सितम्बर तक सक्रिय बने रहने का अनुमान है। इसके अनुसार ही मौसम 11 सितम्बर तक ज्यादातर क्षेत्रों में आमतौर पर परिवर्तनशील रहने बीच- बीच में बादलवाई तथा कहीं कहीं बारिश होने की संभावना है।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 07 Sep 2021 07:55 AM (IST)Updated: Tue, 07 Sep 2021 07:55 AM (IST)
Haryana Monsoon News : राजस्थान और पंजाब पर बना है साइक्लोनिक सर्कुलेशन, हरियाणा में कर सकता है हल्की बारिश
हरियाणा में फिर से मौसम ने करवट बदल ली है, बारिश के आसार बने हुए हैं

जागरण संवाददाता, हिसार। राजस्थान और पंजाब के आसपास बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन का असर मानसून पर पड़ सकता है। जिसके कारण कुछ क्षेत्रों में हरियाणा में बारिश हो सकती है। हालांकि एक दिन पहले तक हल्की बारिश के बाद मौसम फिर से उमसभरा हो गया था। सोमवार को भी मौसम की आंखमिचौली चलती रही।

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चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. मदन खिचड़ बताते हैं कि बंगाल की खाड़ी में बने एक कम दबाब के क्षेत्र व साथ में साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से मानसूनी हवा की सक्रियता बढ़ने से हरियाणा राज्य में 30 अगस्त रात्रि से 5 सितंबर तक अधिकांश जिलों में बारिश हुई।

अब भी मानसून की टर्फ रेखा अनूपगढ़, हिसार, दिल्ली, हरदोई, कोरबा, कलिंगपत्नम से दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी तक बनी हुई है। एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन उत्तर पाश्चिमी राजस्थान व इस के साथ लगते पंजाब के पास बने होने से राज्य में मानसून 11 सितम्बर तक सक्रिय बने रहने की संभावना को देखते हुए मौसम 11 सितम्बर तक ज्यादातर क्षेत्रों में आमतौर पर परिवर्तनशील रहने, बीच- बीच में बादलवाई तथा कहीं कहीं बारिश होने की संभावना है। जिससे दिन व रात्रि के तापमान में हल्की गिरावट व हवा में नमी की अधिकता बने रहने की संभावना है।

बारिश का फसलों पर प्रभाव

बारिश का फायदा फसलों को भी हो रहा है। धान के लिए यह बारिश काफी अच्छी है। इसके साथ ही फसलों को जलने से भी बारिश बचाने का काम करेगी। क्योंकि पिछले कई दिनों से तापमान लगातार बढ़ रहा था। मौसम विज्ञान विभाग ने किसानों को फसलों व सब्जियों की सिंचाई व रसायन का छिड़काव रोकने की सलाह दी गई है। हालांकि ग्वार की फसर में यह बारिश नमी लाने का काम करेगी जिससे फसल को नुकसान भी पहुंच सकता है। क्योंकि ग्वार में पहले से ही कई रोग लगे हुए हैं।

-इन जिलों में सामान्य से कम बारिश

अंबाला- 40

भिवानी- 4

पंचकूला- 54

रोहतक- 4

यमुनानगर- 18


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