कृषि मंत्री ने बारिश से खराब फसलों का सर्वे कर रिर्पोट देने के दिए निर्देश
जागरण संवाददाता, हिसार : मानसून सीजन के दौरान जिन क्षेत्रों में जल भराव से फसलें खराब हुई ह
जागरण संवाददाता, हिसार : मानसून सीजन के दौरान जिन क्षेत्रों में जल भराव से फसलें खराब हुई हैं, उन क्षेत्रों का तहसीलदार के माध्यम से सर्वे करवाकर इसकी रिपोर्ट संबंधित बीमा कंपनी को दी जाए, ताकि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान के फसल खराबे की भरपाई की जा सके। यह बात कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने गत सायं वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कृषि व बागवानी विभाग के कार्यो की समीक्षा बैठक के दौरान प्रदेश के सभी कृषि व बागवानी से जुड़े अधिकारियों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत लंबित मामलों को निपटाने के लिए तुरंत बीमा कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ विशेष शिविरों का आयोजन करें। प्रदेश के 25 फीसद किसानों ने फसल बीमा करवा रखा है और 75 फीसद किसान सरकार की ओर से 12 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से दिए जाने वाले मुआवजा की योजना में शामिल हैं। इस प्रकार प्रदेश के शत प्रतिशत किसानों के फसल खराबे की भरपाई सरकार द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने ढाई साल में 2500 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया है, जबकि कांग्रेस व इनेलो ने अपने कार्यकाल के 15 सालों में 1500 करोड़ रुपये ही मुआवजे के रूप में दिए थे।
उन्होंने कहा कि सूक्ष्म ¨सचाई प्रणाली कृषि के लिए उज्जवल भविष्य है। सूक्ष्म ¨सचाई प्रणाली से जहां किसान पानी की बचत कर सकते हैं, वहीं अपने कृषि उत्पादन की क्षमता में बढ़ोतरी भी कर सकेंगे। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे विशेष किसान शिविरों का आयोजन कर किसानों को सूक्ष्म ¨सचाई प्रणाली को अपनाने के लिए प्रेरित करें। कृषि व बागवानी में नई तकनीक के साथ खेती बारे भी किसानों को जानकारी दें। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म ¨सचाई को बढ़ावा देने के लिए नाबार्ड से 600 करोड़ रुपये शीघ्र ही प्रदेश को मिलेंगे। इस योजना के तहत ऐसी सहायता प्राप्त करने वाला हरियाणा प्रदेश का पहला राज्य होगा। हरियाणा ने इसकी एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की गई है।
उन्होंने मृदा स्वास्थ्य कार्ड की जानकारी प्राप्त करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस क्षेत्र में त्वरित कार्यवाही करते हुए सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध करवाएं। इसके साथ-साथ प्रगतिशील किसानों को सम्मानित करवाएं, ताकि अन्य किसान इनसे प्रेरणा लें सके। किसानों को इस प्रकार से प्रशिक्षित करें, जिससे वे स्वयं के उत्पाद को बेचकर अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकें। उन्होंने कृषि व बागवानी विभाग के माध्यम से चलाई जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की और अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।