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मुख्य अतिथि से विद्यार्थी बने हरियाणा राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, सहपाठी बने एडीसी, हिसार जीजेयू में लिया दाखिला

हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मे दाखिला लिया है। हरियाणा राज्यपाल हिसार जीजेयू में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आए हुए थे। इस दौरान राज्यपाल मुख्य अतिथि से विद्यार्थी बन गए।

By Naveen DalalEdited By: Published: Sat, 21 May 2022 08:31 AM (IST)Updated: Sat, 21 May 2022 08:34 AM (IST)
मुख्य अतिथि से विद्यार्थी बने हरियाणा राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, सहपाठी बने एडीसी, हिसार जीजेयू में लिया दाखिला
हिसार जीजेयू के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में एमबीए एचआर कोर्स में दाखिले के लिए पंजीकरण करते राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय। जागरण

हिसार, जागरण संवाददाता। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय शुक्रवार को जीजेयू में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की 25वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आए हुए थे। राज्यपाल आए तो मुख्यअतिथि बनकर थे मगर वह विद्यार्थी बनकर लौटे हैं। समारोह में ही उन्होंने हिसार के जीजेयू में दूरस्थ शिक्षा के एमबीए एचआर कोर्स में दाखिला लिया। उनके साथ उनके एडीसी मेजर जसदीप ने भी दूरस्थ शिक्षा विभाग में दाखिला लिया है। अब राज्यपाल और उनके एडीसी दोनों एक तरह से सहपाठी हो गए हैं।

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मुख्य अतिथि बनकर आए विद्यार्थी बनकर लौटे

हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय गुरु जंभेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (जीजेयू) के विद्यार्थी भी बन गए हैं। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने जीजेयू के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय के तहत एमबीए एचआर कोर्स में दाखिला लिया है। राज्यपाल 2022-23 नए शैक्षणिक सत्र के पहले विद्यार्थी भी बन गए हैं, जिन्होंने एमबीए एचआर कोर्स में सबसे पहले दाखिल लिया है। इसके अलावा एडीसी जसदीप एमबीए एचआर कोर्स में दाखिला लेने वाले दूसरे विद्यार्थी बन गए हैं।

11 राज्याें के विद्यार्थी यहां से पढ़ाई कर रहे

गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय देश की एक ग्रेड विश्वविद्यालय है। अब तक दूरस्थ शिक्षा निदेशालय से 1 लाख 55 हजार 920 विद्यार्थी दूरस्थ शिक्षा का लाभ उठा चुके हैं। 80 हजार विद्यार्थी डिग्री पा चुके हैं। 11 राज्यों के विद्यार्थी 163 अध्ययन केंद्रों में शिक्षा ले रहे हैं। 25 वर्षों में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय ने नए आयाम हासिल किए हैं। विभाग ने न केवल कई औपचारिक शिक्षा में शामिल होने वाले वंचित विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की है, बल्कि विवि के विकास में सक्रिय रूप से भाग लेने में भी मदद की है। अब दूरस्थ शिक्षा विभाग का 11 करोड़ 67 लाख रुपये की लागत से नया भवन बनने से और अधिक फायदा होगा। उसमें नई सुविधाएं शुरू होने से विद्यार्थियों को भी फायदा होगा।

1997 में यूजीसी के दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो ने की स्थापना

दूरस्थ शिक्षा ब्यूरो ने 17 जुलाई 1997 को जीजेयू में दूरस्थ शिक्षा निदेशालय की स्थापना की थी। उस समय दूरस्थ विभाग को चार अलग-अलग कार्यक्रमों एमबीए, पीजीडीसीए, बीबीए व सीआईसी के साथ स्थापित किया था। इस समय पांच संबद्ध अध्ययन केंद्र, तीन अंडर ग्रेजुएट और पांच पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम चला रहे हैं, जिन्हें यूजीसी डीईबी और यूजीसी द्वारा विधिवत अनुमोदित किया है। इसमें एमबीए और बीकाम सहित दो पूर्ण आनलाइन कार्यक्रम शामिल हैं। इन कोर्सों को चार नियमित व 15 अनुबंध आधार पर चयनित उच्च योग्य शिक्षक सफलतापूर्वक संचालित कर रहे हैं।


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