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दलहनी व तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने में जुटी सरकार, बीमा के लिए किसानों को मिला एक माह का समय

अब 31 जुलाई तक अपनी फसलों को पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर करा सकते हैं। भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने खाद्य तेल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के दिशा में राज्य सरकार दलहनी व तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Fri, 02 Jul 2021 01:42 PM (IST)Updated: Fri, 02 Jul 2021 01:42 PM (IST)
दलहनी व तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने में जुटी सरकार, बीमा के लिए किसानों को मिला एक माह का समय
किसान मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर 31 जुलाई तक करा सकते हैं पंजीकरण

जागरण संवददाता, हिसार। खरीफ फसलों के लिए किसानों को एक माह का समय दिया गया है। खासकर दलहनी और तिलहन वाली फसलों के लिए किसानों को यह सुविधा रहेगी। वह अब 31 जुलाई तक अपनी फसलों को पंजीकरण मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर करा सकते हैं। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की मानें तो भूमि की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने खाद्य तेल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के दिशा में राज्य सरकार दलहनी व तिलहनी फसलों को बढ़ावा देने की दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं। इसके लिए सभी विभिन्न जिलों विशेषकर प्रमुख बाजरा उत्पादक क्षेत्रों में मूंग, अरहर जैसी दलहनी व अरंड, मूंगफली जैसी तिलहनी फसलों के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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बाजरा के स्थान पर दलहनी व तिलहनी फसलें करें

सरकार का लक्ष्य है कि 70 हजार एकड़ क्षेत्र में बाजरा की बजाय दलहनी फसलें तथा 30 हजार एकड़ क्षेत्र में तिलहनी फसलों की बिजाई की जाए। इसके तहत किसानों को 4 हजार रुपए प्रति एकड़ की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। दलहनी फसलें लगाने से जहां भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है वहीं तिलहनी फसलों के उत्पादन से खाद्य तेल की उपलब्धता सुनिश्चित होगी।

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जलशक्ति अभियान के जरिए गांवाें पानी की बढ़ाए जा रहे स्रोत

जलशक्ति अभियान का मुख्य उद्देश्य विभिन्न स्त्रोत के माध्यम से वर्षा जल का संचयन करना है। दिन-प्रतिदिन गिरते जा रहे भू-जल स्तर तथा बढ़ती जा रही जल की मांग के दृष्टिगत इस अभियान की शुरूआत की गई हैं। अभियान के तहत विभिन्न विभागों के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इस अभियान को गति देने के लिए जिला प्रशासन द्वारा ग्रामीण विकास, सिंचाई विभाग, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, लोक निर्माण विभाग (भवन व मार्ग शाखा), वन विभाग, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, एचएसआईआईडीसी, शिक्षा विभाग, बिजली निगम, कृषि विभाग, नगर योजनाकार विभाग तथा शहरी स्थानीय निकाय विभाग को इसमें शामिल किया गया हैं। उन्होंने बताया कि संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्धारित किए गए लक्ष्यों के अनुरूप कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठकें आयोजित करके प्रगति की समीक्षा करने के अतिरिक्त आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि संबंधित विभागों के अधिकारियों को वर्षा जल संचयन के दृष्टिगत सरकारी भवनों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने के निर्देश दिए गए है।


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