हरियाणा शिक्षा विभाग ने प्राथमिक स्कूलों में साफ-सफाई, हाउसकीपिंग के लिए बजट किया जारी
राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में साफ-सफाई हाउसकीपिंग व बागवानी काम करवाने आदि के लिए बजट जारी कर दिया है। इसके तहत एसएमसी यानी स्कूल मैनेजमेंट कमेटी अपने स्तर पर काम करवा सकेगी। इससे स्कूल में साफ-सफाई की व्यवस्था में सुधार करवाया जा सकेगा।
जागरण संवाददाता, हिसार। शिक्षा विभाग की ओर से राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में साफ-सफाई, हाउसकीपिंग व बागवानी काम करवाने आदि के लिए बजट जारी कर दिया है। इसके तहत एसएमसी यानी स्कूल मैनेजमेंट कमेटी अपने स्तर पर काम करवा सकेगी। इससे स्कूल में साफ-सफाई की व्यवस्था में सुधार करवाया जा सकेगा। साथ ही हाउसकीपिंग व बागवानी का काम करवाकर व्यवस्था सुधरेगी। इस बारे में मौलिक शिक्षा निदेशक पंचकूला ने सभी जिलों के मौलिक शिक्षा अधिकारी व खण्ड शिक्षा अधिकारी को पत्र जारी किया है।
इससे पहले राजकीय प्राथमिक स्कूलों में सफाई कर्मी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी। इस वजह से स्कूलों में व्यवस्था भी अस्त-व्यस्त हो गई थी। एक तरफ स्कूलों में सफाई व्यवस्था की स्थिति बदहाल थी। दूसरी तरफ स्कूलों को पोर्टल पर आनलाइन स्कूल व्यवस्था की स्थिति दर्शानी होती थी। जिले या राज्य में प्रथम आने पर स्कूल को प्रोत्साहित भी किया जाता था। इसके लिए स्कूल में सफाई से लेकर ग्राउंड व बागवानी की व्यवस्था बेहतर होना जरूरी था। असल में ऐसा स्कूलों में नहीं था। इस बारे में दैनिक जागरण ने 21 अप्रैल को प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था।
इन्हें मिलेगी सुविधा
यह सुविधा उन स्कूलों को मिलेगी, जहां पर चौकीदार नहीं है। जिन स्कूलों में पहले से चौकीदार है, उनको यह सुविधा नहीं मिलेगी। शिक्षा विभाग के अनुसार उन चाैकीदारों से ही स्कूल, सफाई व बागवानी का काम करवाया जाएं। इसके लिए शिक्षा विभाग ने पहले स्कूल के चौकीदारों से फार्म भी भरवाया था। कुछ चौकीदारों ने सहमति दी थी तो कुछ ने नहीं।
मिड डे मिल के लिए लगेंगे पौधे
मिड डे मिल के लिए स्कूल में फल, सब्जी के पौधे लगाकर बागवानी की जा सकती है। इसका काम उसी कर्मचारी से करवाया जाएगा, जिसे इस प्रोपेजल के तहत रखा जाएगा।
यह शर्तें की लागू
- इस बजट से एसएमसी स्कूल परिसर की सफाई, चाहरदीवारी के बाहर व छत की सफाई, शौचालय, खेल मैदान व जलभराव का प्रबंध आदि काम करवा सकती है।
- किसी भी व्यक्ति से कोई आंशिक, अल्पकालिक, पूर्णकालिक व अनुबंध या नियुक्ति ना की जाएं। अगर कोई पालन नहीं करता है तो स्कूल मुखिया जिम्मेदार होंगे।
- एसएमसी ही निर्णय करे कि किसे काम पर रखना है और कौन सा काम करवाना है।
- सभी स्कूलों में राशि का भुगतान एसएमसी कमेटी द्वारा होगा।