Move to Jagran APP

संयुक्‍त मोर्चा से निलंबन के बाद आज ताकत दिखा रहे हैं चढूनी, रोहद टोल से सिंघु बार्डर पहुंचेगा काफिला

राजनीतिक महत्वाकांक्षा जाहिर करने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा से निलंबित किए गए भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी अब ताकत दिखाएंगे। आज रविवार को पूरे काफिले के साथ सिंघु बार्डर पर पहुंचेंगे। इसके लिए कई दिनों से अपील की जा रही थी।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 11:52 AM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 11:52 AM (IST)
संयुक्‍त मोर्चा से निलंबन के बाद आज ताकत दिखा रहे हैं चढूनी, रोहद टोल से सिंघु बार्डर पहुंचेगा काफिला
गुरनाम चढूनी का काफिला बहादुरगढ़ में नेशनल हाइवे-नौ के रोहद टोल से शुरू हो चुका

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक महत्वाकांक्षा जाहिर करने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा से निलंबित किए गए भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी अब ताकत दिखाएंगे। आज रविवार को पूरे काफिले के साथ सिंघु बार्डर पर पहुंचेंगे। उनका काफिला बहादुरगढ़ में नेशनल हाइवे-नौ के रोहद टोल से शुरू हो चुका है। इसके लिए कई दिनों से अपील की जा रही थी। सुबह से उनके समर्थक यहां पर एकत्रित होने शुरू हो गए हैं। बाद में काफिला आसौदा- खरखोदा मार्ग से होते हुए सोनीपत जिले में दाखिल होगा। फिर वहां से सिंघु बार्डर तक पहुंचेगा।

loksabha election banner

किसान नेता चढूनी ने कहा मिशन पंजाब जारी रहेगा। बीजेपी को हराने से कृषि कानून वापस नही होंगे। अगर वापस भी हुए तो डेथ वारंट कैंसिल होंगे, वेंटिलेटर से नही हटेंगे। किसान के सम्पूर्ण इलाज के लिए वोट लुटेरे गिरोह से सत्ता छीननी होगी। आंदोलन को दो भागों में बंटने से रोकने के लिए संयुक्त मोर्चा की सजा भुगती है। सत्ता में आने से ही किसानों का भला हो सकता है। वहीं खालिस्तान के खिलाफ बोलने से चढूनी बचते रहे। कहा- कुछ बातें ऐसी हैं जिन पर न बोले तो गलत और बोलें तो भी गलत होता है। चढूनी ने कहा क्यों डिस्प्यूटिड बात पूछते हो। देश के आगे बढ़ने वाली बात पूछो, वो बात नहीं पूछो जिससे डंडा बजने लगे।

किसानों का काफिला किसान नेता गुरनाम चढूनी की अगुवाई में चला। किसानों के काफिले में किसान झंडे लगी गाड़ियां शामिल हैं। गुरनाम चढूनी ने कहा किसान यात्रा का किसान और सरकार दोनों को संदेश है। सरकार को ये कि किसान अभी सोए हुए नहीं है। किसानों को ये है कि आन्दोलन से जुड़े रहना है। भाजपा की तिरंगा यात्रा का किसान विरोध नहीं करेंगे। चढूनी ने कहा बीजेपी तिरंगा यात्रा के बहाने किसानों से टकराने के बहाना ढूंढ रही। तिरंगे के बहाने गांव में घुसने की योजना है। बीकेयू मान गुट के गुणीप्रकाश के बयान पर चढूनी ने कहा कि अनाप शनाप बोलकर टीआरपी लेना चाहते हैं। पहले भी पिट चुका है और हो सकता है गांव में फिर किसी से पिट जाए।

इस कवायद के पीछे चढूनी की ओर से खुद की ताकत दिखाने की कोशिश माना जा रहा है। साथ ही यह आकलन करना भी कि किसान आंदोलन के बीच उनकी अब तक कितनी पैठ बन चुकी है और झज्जर जिले के आसपास उनके समर्थक कितने हैं । इस आंदोलन से पहले झज्जर जिले में गुरनाम चढूनी का कोई प्रभाव नहीं रहा। बहुत से किसान तो उनका नाम भी नहीं जानते थे। उन्हें कभी देखा भी नहीं था, लेकिन आंदोलन के जरिये चढूनी टीकरी बार्डर पर कई बार आते रहे हैं और यहां से अपने संगठन को मजबूत करने की कोशिश करते रहे हैं। उनकी पंजाब के किसानों के साथ तल्खियां कई बार सामने आई हैं।

हाल ही में उन्होंने पंजाब के आगामी चुनाव में संयुक्त मोर्चा के उम्मीदवारों को उतारने की बात कही थी, जिस पर उन्हें एक सप्ताह के लिए मोर्चा से निलंबित कर दिया गया था। उसके बाद चढूनी मुखर भी होते दिखे। अब वे दुगनी ताकत के साथ आंदोलन में सक्रियता बढ़ाने के प्रयास में है। उनके समर्थक भी इस कोशिश में हैं कि चढूनी को एक मजबूत किसान नेता के रूप में प्रस्तुत किया जाए। इधर पुलिस प्रशासन ने भी इस काफिले को लेकर तैयारी कर रखी है। काफिले के कारण ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित न हो इसको लेकर पुलिस संबंधित रूट पर सक्रिय है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.