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जीएसटी फर्जीवाड़ा, फर्जी दस्तावेज तैयार कर बनाई फर्में, करोड़ों का किया हेरफेर

सिरसा में जीएसटी फर्जीवाड़ा सामने आया है। फर्जी दस्‍तावेज तैयार करके फर्म बनाई गई। इसके बाद उस फर्म के जरिए करोड़ों का हेरफेर करके जीएसटी फर्जीवाड़ा किया गया। अब दो लोगों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 08:38 PM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 08:38 PM (IST)
जीएसटी फर्जीवाड़ा, फर्जी दस्तावेज तैयार कर बनाई फर्में, करोड़ों का किया हेरफेर
सिरसा में जीएसटी फर्जीवाड़ा सामने आया है।

सिरसा, जेएनएन। आबकारी एवं कराधान विभाग ने दो फर्मों के खिलाफ धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज करवाया है। आबकारी एवं कराधान विभाग के ईटीओ विजेंद्र सिंह की ओर से शहर थाना में बाबा इंडस्ट्रीज के खिलाफ शिकायत दी है। शिकायत में कहा गया कि उक्त फर्म का पता सुरखाब चौक पर इंडियन बैंक के निकट दर्शाया गया है। उक्त फर्म ने जीएसटी नंबर हासिल किया था। फर्म संचालक सिकंदरा कुमार निवासी मोरबार सागहारी मीनापुर ने सिरसा में वर्ष 2018 में उक्त फर्म बनाई थी। आरोपित ने मई 2018 से दिसंबर 2018 तक 7 अरब आठ करोड़ 40 लाख 85663 रुपये की ग्रॉथ टर्न ओवर दिखाई दी थी। इसके बाद उसने 69 करोड़ 51 लाख 41615 रुपये इनपुट टैक्स क्लेम किये थे। आरोप है कि फर्जी दस्तावेज से फर्म बनाई गई और टैक्स चोरी की गई। ईटीओ विजेंद्र सिंह की शिकायत पर शहर सिरसा पुलिस ने बाबा इंडस्ट्रीज के संचालक सिकंदरा के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच सहायक उपनिरीक्षक जगमीत ङ्क्षसह कर रहे हैं।

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एक अन्य मामले में सिविल लाइन थाना पुलिस में फर्म संचालक सतपाल निवासी सिकंदरपुर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। आबकारी एवं कराधान विभाग कार्यालय के अधिकारी आरके रोज द्वारा दर्ज करवाई शिकायत में आरोपित सतपाल पर आरोप है कि उसने हुडा चौक पर भगवती स्वीट््स के पास अपनी फर्म एसपी इंटरप्राइजिज का पता दिखाया। आरोपित ने जीएसटी नंबर लेकर 2018-19 में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जीएसटी में धोखाधड़ी की। इस मामले की जांच खैरपुर पुलिस चौकी के उपनिरीक्षक राजेश कुमार कर रहे हैं।

आयुक्त ने नवंबर में दिये थे 46 फर्मों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश

पूर्व में यहां मिली गड़बड़ी पर आबकारी एवं कराधान आयुक्त की ओर से नवंबर 2019 में कैथल व सिरसा की 46 फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के आदेश दिये थे। लेकिन अभी तक इन फर्माें के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसके साथ ही कराधान आयुक्त ने विभाग के तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ भी आपराधिक मामले दर्ज करवाने के आदेश दिये थे परंतु 11 महीने बीत जाने के बाद भी अधिकारियों पर मामला दर्ज नहीं किया गया है।


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