बालिग होने तक एचआइवी पॉजीटिव बच्चे के पोषण का खर्च उठाएगी सरकार
एचआइवी पॉजीटिव बच्चों की शारीरिक रूप से मजबूत बने रहे, इसको लेकर स
चेतन वर्मा, हिसार : एचआइवी पॉजीटिव बच्चों की शारीरिक रूप से मजबूत बने रहे, इसको लेकर सरकार नई पॉलिसी लेकर आई है। पॉलिसी के अंतर्गत बच्चों के बालिग होने तक के पोषण का खर्च सरकार उठाने जा रही है। बच्चों की खुराक में कोई कमी न आए। इसलिए दो हजार रुपये प्रति माह की आर्थिक मदद सरकार करेगी। वहीं दूसरी ओर, सरकार उन परिवारों को भी दो हजार रुपये प्रति माह देगी, जो इन बच्चों को गोद लिए बिना मां-बाप का प्यार देंगे। इस श्रेणी के परिवारों को सरकार ने दंपती फोस्टर का नाम दिया है। इस योजना का मूल उद्देश्य यह है कि इन बच्चों को न्यूट्रीशन की कमी के कारण अन्य विकारों की गिरफ्त में न आ जाएं। दोनों योजनाओं का लाभ बच्चे को तब तक मिलेगा, जब तक उसकी उम्र 18 वर्ष तक हो जाती है। बालिग होने के बाद वह इन दोनों योजनाओं का लाभ नहीं उठा सकता है। सरकार की ओर से दोनों योजनाओं के मानक भी तय कर दिए गए हैं। अगर कोई भी परिवार इन मानकों पर खरा नहीं उतरा पाया गया तो वह योजना का लाभ नहीं ले सकेगा। एचआइवी पॉजीटिव बच्चों और परवरिश कर रहे परिवारों के सदस्यों को हर छह माह बाद अपने दस्तावेजों को रिन्यू करवाना आवश्यक है। अगर रिन्यू नहीं होता है तो उस परिवार का नाम लाभ ले रहे सूची से काट दिया जाएगा। ये है एचआइवी पॉजिटिव बच्चों के अनिवार्य दस्तावेज
- जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- मां-बाप न हो तो मृत्यु प्रमाण पत्र
- दो फोटो पासपोर्ट साइज
- एआरटी (एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी)कार्ड का होना अनिवार्य है।
ये है परवरिश करने वाले परिवारों के तय मानक
- जिन बच्चे के माता-पिता उसका पालन पोषण करने में बाल कल्याण समिति द्वारा सक्षम नहीं पाए तो सूची से बाहर हो जाएगा।
- जो बच्चे गोद प्रक्रिया से मुक्त हैं।
- ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता मानसिक और शारीरिक रूप से किसी भी बीमारी से ग्रस्त न हो।
- परिवार अपराध जगत से जुड़ा न हो। दंपति फोरेस्ट के ये हैं मानक
- दोनों भारतीय हो।
- दंपति बच्चे को फोस्टर केयर में लेना चाहते हो।
- दंपति की आयु 35 वर्ष से अधिक होनी चाहिए, जोकि मानसिक, शारीरिक व भावनात्मक रूप से स्वस्थ्य हो।
- बच्चे के मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति करने में परिवार सक्षम होना चाहिए।
एचआइवी पॉजीटिव बच्चे और बिना गोद लिए बच्चे का पालन-पोषण करने वाले परिवार को प्रति माह दो हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। दोनों योजनाओं के मानक तय कर दिए गए है। हर छह बाद सूची में शामिल परिवारों के दस्तावेजों का रिन्यू किया जाएगा।
- अनिता, जिला बाल संरक्षण अधिकारी।