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रोहतक से ग्लैंडर्स पॉजिटिव खच्चर लापता, बहादुरगढ़ में 41 पशुओं के सैंपल, इंसानों में भी फैलने का खतरा

ग्लैंडर्स पशुओं की खतरनाक बीमारी है। यह अश्व प्रजाति यानि कि गधे घोड़े और खच्चर में होती है। पशुओं से यह इंसानों में भी फैलती है। इसका कोई इलाज नहीं है। पशु पॉजिटिव मिलने के बाद उसे मार दिया जाता है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 05:12 PM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 05:12 PM (IST)
बहादुरगढ़ में ग्लैंडर्स की दस्तक के बाद पशुपालन विभाग की टीम ने गांवाें और ईंट भट्ठों से 41 सैंपल लिए।

बहादुरगढ़, जेएनएन। बहादुरगढ़ के बामनौली गांव के ईंट भट्ठे पर काम के लिए लाए गए एक खच्चर में ग्लैंडर्स की पुष्टि के बाद से सक्रिय हुए पशुपालन विभाग की टीम ने सोमवार को पांच किलोमीटर एरिया में अश्व प्रजाति (गधा, घोड़ा, खच्चर) के 41 और पशुओं के सैंपल लिए। मंगलवार को शेष एरिया से सैंपल लिए जाएंगे। अब तक 119 सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जा चुके हैं। उधर, रोहतक से गायब हुए ग्लैंडर्स पॉजिटिव खच्चर का अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है।

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यह था मामला

रोहतक की कबीर कालोनी का रहने वाला दीपक अपने खच्चर को कुछ दिन पहले बामनौली गांव के ईंट भट्ठे पर काम करने के लिए लेकर आया था। यहां पर खच्चर बीमार हो गया। स्थानीय चिकित्सकों से इलाज नहीं हो पाया। इसके बाद वह खच्चर को हिसार में स्थित लाला लाजपत राय पशु विज्ञान एवं पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय ले गया। वहां पर उसका सैंपल लिया गया। इसमें वह ग्लैंडर्स पॉजिटिव पाया गया। मगर इस बीच खच्चर को पशुपालक वहां से लेकर आ गया। अब वह खच्चर ही लापता है।

लापता खच्चर का सुराग नहीं

पशुपालन विभाग की झज्जर और रोहतक की टीम इसको लेकर छानबीन कर चुकी है, मगर खच्चर का पता नहीं लग सका है। दरअसल, ग्लैंडर्स का कोई इलाज नहीं है। चपेट में आने पर पशु की मौत हो जाती है। एक संक्रमित पशु से यह दूसरे तक फैल जाता है। इस बीमारी का संक्रमण इंसानी शरीर में भी पहुंचने का खतरा रहता है। इसीलिए विभाग द्वारा तय प्रक्रिया से संक्रमित पशु को मार दिया जाता है। इसकी एवज में पशुपालक को मुआवजा भी दिया जाता है।

जल्दी पूरी होगी सैंपल लेने की प्रक्रिया

पशुपालन विभाग के बहादुरगढ़ के एसडीओ डा. रवींद्र सहरावत ने बताया कि निर्धारित एरिया में अश्व प्रजाति के सभी पशुओं के सैंपल ले लिए जा रहे हैं। अब तक कुल 119 सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए गए हैं। संक्रमित खच्चर का अभी पता नहीं चल पाया है।

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