बेटियों की किलकारी बिन आंगन हो रहे सूने, पिछले वर्ष के मुकाबले प्रदेश के लिंगानुपात में आई कमी
प्रदेश की बात करें तो पिछले वर्ष के मुकाबले लिंगानुपात 13 अंक तक लुढ़का है। वर्ष 2020 में प्रदेश का लिंगानुपात 922 रहा था वहीं अक्टूबर 2021 तक प्रदेश का लिंगानुपात केवल 909 का आंकड़ा ही छू पाया है।
झज्जर, जागरण संवाददाता। हरियाणा की धरा पर पैदा होने वाली बेटियों के मुकाबले बेटों की संख्या अधिक रही है। जिस कारण लिंगानुपात में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष शुरूआत के 10 माह का लिंगानुपात कम रहा है। जो चिंता का विषय भी है। मानों आंगन में गूंजने वाली बेटियों की किलकारी की आवाज धीमी हो गई है। सरकार द्वारा बेटियों को बचाने व लिंगानुपात बढ़ाने के लिए अनेक अभियान चलाए जा रहे हैं, इसके बावजूद भी इस बार अक्टूबर माह तक लिंगानुपात बढ़ने की बजाए उल्टा कम हुआ है। हालांकि अभी वर्ष 2021 के नवंबर व दिसंबर माह का लिंगानुपात आना बकाया है।
22 जिलों में से केवल चार जिलों का बढ़ा लिंगानुपात
प्रदेश की बात करें तो पिछले वर्ष के मुकाबले लिंगानुपात 13 अंक तक लुढ़का है। वर्ष 2020 में प्रदेश का लिंगानुपात 922 रहा था, वहीं अक्टूबर 2021 तक प्रदेश का लिंगानुपात केवल 909 का आंकड़ा ही छू पाया है। पिछले वर्ष के मुकाबले प्रदेश के 22 जिलों में से केवल पांच जिले चरखी दादरी, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़, रोहतक का लिंगानुपात भी बढ़ा है। वहीं अन्य 17 जिलों का लिंगानुपात कम हुआ है। वर्ष 2020 में केवल दो जिले झज्जर व चरखी दादरी का लिंगानुपात ही 900 से नीचे रहा था। वहीं अन्य 20 जिलों का 900 या इससे अधिक लिंगानुपात दर्ज किया गया था। अक्टूबर 2021 तक की बात करें तो प्रदेश के छह जिलों का लिंगानुपात 900 का आंकड़ा भी छू नहीं पाया। वहीं 16 जिलों का लिंगानुपात 900 या इससे अधिक रहा। वर्ष 2020 के दौरान प्रदेश में सिरसा का लिंगानुपात सबसे अधिक 949 था। वहीं अक्टूबर 2021 तक सबसे अधिक लिंगानुपात रोहतक का 951 रहा है।
जिला 2020 में लिंगानुपात अक्टूबर 2021 तक लिंगानुपात
अंबाला 931 900
भिवानी 920 901
चरखी दादरी 891 925
फरीदाबाद 915 896
फतेहाबाद 938 891
गुरुग्राम 921 906
हिसार 922 915
झज्जर 892 891
जींद 904 917
कैथल 922 895
करनाल 900 902
कुरुक्षेत्र 938 918
महेंद्रगढ़ 902 913
नूह 939 926
पलवल 910 906
पंचकूला 939 916
पानीपत 935 922
रेवाड़ी 921 893
रोहतक 912 951
सिरसा 949 921
सोनीपत 932 882
यमुनानगर 928 909
हरियाणा 922 909
ये रही प्रदेश के लिंगानुपात की स्थिति
महीना लिंगानुपात
जनवरी 921
फरवरी तक 924
मार्च तक 923
अप्रैल तक 920
मई तक 914
जून तक 912
जुलाई तक 906
अगस्त तक 905
सितंबर तक 908
अक्टूबर तक 909
सोनीपत को सबसे अधिक गिरा तो रोहतक का उछला
इस बार सबसे अधिक गिरावट सोनीपत के लिंगानुपात में दर्ज की गई है, वहीं सबसे अधिक बढ़ोतरी रोहतक के लिंगानुपात में। वर्ष 2020 के मुकाबले सोनीपत का लिंगानुपात 50 अंक (2020 में सोनीपत का लिंगानुपात 932 था और अक्टूबर 2021 तक 882) घटा है। वहीं फतेहाबाद का लिंगानुपात 47 अंक (2020 में फतेहाबाद का लिंगानुपात 938 था और अक्टूबर 2021 तक 891) लुढ़क गया। वहीं रोहतक के लिंगानुपात में सबसे अधिक 39 अंक (2020 में रोहतक का लिंगानुपात 912 था और अक्टूबर 2021 तक 951) का सुधार आया है। वहीं चरखी दादरी के लिंगानुपात में 34 अंक (2020 में चरखी दादरी का लिंगानुपात 891 था और अक्टूबर 2021 तक 925) बढ़ा है।
अक्टूबर 2021 तक जिले का लिंगानुपात 891 रहा है, वहीं पिछले वर्ष 892 रहा था। अभी लिंगानुपात बढ़ने की उम्मीद है। लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।
डा. रणवीर सिंह, डिप्टी सीएमओ, झज्जर।
-अक्टूबर 2021 तक प्रदेश का लिंगानुपात 909 रहा है। वहीं जिले का लिंगानुपात 891 रहा। अभी वर्ष के अंतिम दो माह की रिपोर्ट आना बाकी है।
डा. ममता, डिप्टी सीएमओ, झज्जर।