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बेटियों की किलकारी बिन आंगन हो रहे सूने, पिछले वर्ष के मुकाबले प्रदेश के लिंगानुपात में आई कमी

प्रदेश की बात करें तो पिछले वर्ष के मुकाबले लिंगानुपात 13 अंक तक लुढ़का है। वर्ष 2020 में प्रदेश का लिंगानुपात 922 रहा था वहीं अक्टूबर 2021 तक प्रदेश का लिंगानुपात केवल 909 का आंकड़ा ही छू पाया है।

By Naveen DalalEdited By: Published: Wed, 08 Dec 2021 10:45 AM (IST)Updated: Wed, 08 Dec 2021 10:45 AM (IST)
बेटियों की किलकारी बिन आंगन हो रहे सूने, पिछले वर्ष के मुकाबले प्रदेश के लिंगानुपात में आई कमी
पिछले वर्ष के मुकाबले हरियाणा में लिंगानुपात 13 अंक तक लुढ़का।

झज्जर, जागरण संवाददाता। हरियाणा की धरा पर पैदा होने वाली बेटियों के मुकाबले बेटों की संख्या अधिक रही है। जिस कारण लिंगानुपात में भी गिरावट दर्ज की जा रही है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष शुरूआत के 10 माह का लिंगानुपात कम रहा है। जो चिंता का विषय भी है। मानों आंगन में गूंजने वाली बेटियों की किलकारी की आवाज धीमी हो गई है। सरकार द्वारा बेटियों को बचाने व लिंगानुपात बढ़ाने के लिए अनेक अभियान चलाए जा रहे हैं, इसके बावजूद भी इस बार अक्टूबर माह तक लिंगानुपात बढ़ने की बजाए उल्टा कम हुआ है। हालांकि अभी वर्ष 2021 के नवंबर व दिसंबर माह का लिंगानुपात आना बकाया है।

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22 जिलों में से केवल चार जिलों का बढ़ा लिंगानुपात

प्रदेश की बात करें तो पिछले वर्ष के मुकाबले लिंगानुपात 13 अंक तक लुढ़का है। वर्ष 2020 में प्रदेश का लिंगानुपात 922 रहा था, वहीं अक्टूबर 2021 तक प्रदेश का लिंगानुपात केवल 909 का आंकड़ा ही छू पाया है। पिछले वर्ष के मुकाबले प्रदेश के 22 जिलों में से केवल पांच जिले चरखी दादरी, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़, रोहतक का लिंगानुपात भी बढ़ा है। वहीं अन्य 17 जिलों का लिंगानुपात कम हुआ है। वर्ष 2020 में केवल दो जिले झज्जर व चरखी दादरी का लिंगानुपात ही 900 से नीचे रहा था। वहीं अन्य 20 जिलों का 900 या इससे अधिक लिंगानुपात दर्ज किया गया था। अक्टूबर 2021 तक की बात करें तो प्रदेश के छह जिलों का लिंगानुपात 900 का आंकड़ा भी छू नहीं पाया। वहीं 16 जिलों का लिंगानुपात 900 या इससे अधिक रहा। वर्ष 2020 के दौरान प्रदेश में सिरसा का लिंगानुपात सबसे अधिक 949 था। वहीं अक्टूबर 2021 तक सबसे अधिक लिंगानुपात रोहतक का 951 रहा है।

जिला          2020 में लिंगानुपात      अक्टूबर 2021 तक लिंगानुपात

अंबाला                      931                   900

भिवानी                      920                   901

चरखी दादरी              891                   925

फरीदाबाद                915                   896

फतेहाबाद                938                   891

गुरुग्राम                    921                   906

हिसार                     922                   915

झज्जर                     892                   891

जींद                       904                   917

कैथल                     922                   895

करनाल                  900                  902

कुरुक्षेत्र                  938                   918

महेंद्रगढ़                 902                  913

नूह                       939                  926

पलवल                  910                  906

पंचकूला                939                  916

पानीपत                935                  922

रेवाड़ी                  921                  893

रोहतक                912                  951

सिरसा                 949                  921

सोनीपत               932                  882

यमुनानगर            928                  909

हरियाणा               922                  909

ये रही प्रदेश के लिंगानुपात की स्थिति

महीना           लिंगानुपात

जनवरी           921

फरवरी तक       924

मार्च तक         923

अप्रैल तक        920

मई तक          914

जून तक          912

जुलाई तक        906

अगस्त तक        905

सितंबर तक       908

अक्टूबर तक      909

सोनीपत को सबसे अधिक गिरा तो रोहतक का उछला

इस बार सबसे अधिक गिरावट सोनीपत के लिंगानुपात में दर्ज की गई है, वहीं सबसे अधिक बढ़ोतरी रोहतक के लिंगानुपात में। वर्ष 2020 के मुकाबले सोनीपत का लिंगानुपात 50 अंक (2020 में सोनीपत का लिंगानुपात 932 था और अक्टूबर 2021 तक 882) घटा है। वहीं फतेहाबाद का लिंगानुपात 47 अंक (2020 में फतेहाबाद का लिंगानुपात 938 था और अक्टूबर 2021 तक 891) लुढ़क गया। वहीं रोहतक के लिंगानुपात में सबसे अधिक 39 अंक (2020 में रोहतक का लिंगानुपात 912 था और अक्टूबर 2021 तक 951) का सुधार आया है। वहीं चरखी दादरी के लिंगानुपात में 34 अंक (2020 में चरखी दादरी का लिंगानुपात 891 था और अक्टूबर 2021 तक 925) बढ़ा है।

अक्टूबर 2021 तक जिले का लिंगानुपात 891 रहा है, वहीं पिछले वर्ष 892 रहा था। अभी लिंगानुपात बढ़ने की उम्मीद है। लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।

डा. रणवीर सिंह, डिप्टी सीएमओ, झज्जर।

-अक्टूबर 2021 तक प्रदेश का लिंगानुपात 909 रहा है। वहीं जिले का लिंगानुपात 891 रहा। अभी वर्ष के अंतिम दो माह की रिपोर्ट आना बाकी है।

डा. ममता, डिप्टी सीएमओ, झज्जर।


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