अव्यवस्था के बीच मेयर गौतम सरदाना और पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न
क्षमता से अधिक लोग जब लोग हॉल में पहुंच गए तो बैठने तक की जगह लोगों को नहीं मिली। लघु सचिवालय के जिला सभागार में करीब साढ़े तीन बजे मेयर गौतम सरदाना ने शपथ ग्रहण की।
हिसार, जेएनएन। नवनिर्वाचित मेयर गौतम सरदाना और 20 पार्षदों का शपथ ग्रहण समारोह बुधवार को अव्यवस्था भरे माहौल के बीच संपन्न्ा हुआ। क्षमता से अधिक लोग जब लोग हॉल में पहुंच गए तो बैठने तक की जगह लोगों को नहीं मिली। लघु सचिवालय के जिला सभागार में करीब साढ़े तीन बजे मेयर गौतम सरदाना ने शपथ ग्रहण की। इस दौरान विधायक डा. कमल गुप्ता, जिलाध्यक्ष सुरेंद्र पूनिया व पार्टी के कई नेता मौजूद रहे। मंडल आयुक्त पंकज यादव ने मेयर गौतम सरदाना और सभी 20 पार्षदों को शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह को लेकर जहां प्रशासनिक तौर पर सारी तैयारियां पूरी करने का दावा किया गया था, मगर ज्यादा लोगाें के कारण अव्यवस्था फैल गई। वहीं मंगलवार को पहली बार भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष सुरेंद्र पूनिया नगर निगम कार्यालय पहुंचे थे। निगम आयुक्त अशोक बंसल कार्यालय में मौजूद नहीं थे। ऐसे में नगर निगम ईओ हरजीत सिंह ने उन्हें कार्यालय का निरीक्षण करवाया। जिलाध्यक्ष सुरेंद्र पूनिया मेयर गौतम सरदाना के बैठने की व्यवस्था देने के लिए आए थे।
उन्होंने कमिश्नर कार्यालय लेकर एक्सइएन कार्यालय तक का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने जब नगर सुधार मंडल के कर्मचारियों और एक्सईएन के लिए बनाए जा रहे कक्ष के निरीक्षण के दौरान डिटेल दी। तब जिलाध्यक्ष ने कहा कि मेयर को लेकर हम देखेंगे क्या बदलाव करना है। उनकी मुस्कान से साफ जाहिर हो रहा था कि इस बार मेयर के कक्ष के अलावा कई बदलाव देखने को मिलेंगे।
स्पेशल कार्यालय बनाया जाएगा
पूर्व मेयर ने जहां एक छोटे से कार्यालय में पांच साल निकाल दिए थे। मगर, इस बार ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। जिस तरह का माहौल बना हुआ है कि ऐसी स्थिति में मेयर के कक्ष के साथ स्पेशल कार्यालय का निर्माण किया जाएगा। ताकि लोगों की शिकायतों को सुनने में परेशानी नहीं हो। वहीं मिलने के लिए आने वालों के लिए विशेष कक्ष बने। जैसे पूर्व मेयर के कक्ष में देखने को नहीं मिलता था।
सीनियर डिप्टी व डिप्टी मेयर के रूम हुए खाली
मेयर और पार्षदों की शपथ के बाद सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पर सभी की निगाहें रहेगी। दोनों पदों को लेकर भाजपा गणित बैठाने में लगी हुई है। जातिगत और अन्य पैमानों को ध्यान में रखा जाएगा। दोनों पदों के लिए बनाए गए कक्ष को खाली करवाया जा चुका है। दोनों पदों के लिए 60 दिन का समय पार्षदों के चुने जाने के बाद से होता है।