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हरियाणा में वॉट्स एप से आरटीए की लोकेशन शेयर करने वाले गैंग का भंडाफोड़, प्‍लानिंग की तरीका जान रह जाएंगे हैरान

सबसे पहले बार्डर पर मौजूद होटल संचालक ट्रक चालकों से बात कर उन्हें आरटीए की टीम की लोकेशन पहुंचाने के लिए डील करते हैं। जब डील हो जाती है तब वह अलग-अलग रूटों पर लोगों को किराए पर तैनात करते हैं। यह लोग सभी रूटों पर मौजूद रहते हैं।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 11 Apr 2021 12:14 PM (IST)Updated: Sun, 11 Apr 2021 12:14 PM (IST)
हरियाणा में वॉट्स एप से आरटीए की लोकेशन शेयर करने वाले गैंग का भंडाफोड़, प्‍लानिंग की तरीका जान रह जाएंगे हैरान
बरवाला पुलिस और एसटीएफ हिसार के संयुक्त ऑपरेशन में गिरोह चलाने वाले चार सदस्य काबू किए हैं

हिसार, जेएनएन। प्रदेश में आरटीए (सचिव, क्षेत्रिय प्रादेशिक परिवहन विभाग) सहित उनकी टीमों की लोकेशन वाह्टसएप के माध्यम से सर्कुलेट करने वाले गिराेह का पर्दाफाश हुआ है। गिरोह के चार सदस्य हिसार से बरवाला पुलिस और एसटीएफ के संयुक्त ऑपरेशन में दबोचे गए हैं। यह लोग अलग-अलग वाह्टसएप ग्रुप पर आरटीए की गाड़ियों की लोकेशन बताते थे ताकि ओवरलोडिंग या बिना टैक्स भुगतान करने वाले ट्रक चालकों को रास्ता साफ मिले। इस तरह से सरकारी राजस्व को गोपनीय तरीके से हानि पहुंचाई जा रही थी। आरटीए जब चैकिंग पर निकलते तो कई बार उन्हें ऐसे वाहन ही नहीं मिलते।

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जिन चार लोगों को हिसार से पकड़ा गया है उसमें दो लोग राजस्थान के झुंपा निवासी अरबिंद और विकास उर्म मोनू है तो दो सदस्य हिसार के मॉडल टाउन निवासी अजय व 12 क्वार्टर निवासी नवीन है। आरोपियों को पकड़ने के लिए एसएचओ बरवाला प्रह्दाल राय और एसटीएफ इंचार्ज इंस्पेक्टर पवन कुमार की टीमें पिछले कुछ दिनों से लगी हुईं थी। आखिरकार उन्हें इन्हें पकड़ने में सफलता मिली।

जानिए.... ऐसे चलता था आरटीए की गाड़ियों की रैकी का नेटवर्क

सबसे पहले बार्डर पर मौजूद होटल संचालक ट्रक चालकों से बात कर उन्हें आरटीए की टीम की लोकेशन पहुंचाने के लिए डील करते हैं। जब डील हो जाती है तब वह अलग-अलग रूटों पर लोगों को किराए पर तैनात करते हैं। यह लोग आरटीए कार्यालय से लेकर सभी रूटों पर मौजूद रहते हैं। उन्हें होटल संचालक की तरफ से एक-एक बाइक, पेट्रोल और 15 से 20 हजार रुपये मुहैया कराए जाते हैं। यह लोग गाड़ियों की नंबर, रूट के साथ वाह्टसएप पर बोलकर लोकेशन होटल संचालक द्वारा बनाए गए वाह्टसएप ग्रुप में भेजते रहते हैं। इस ग्रुप में उन सभी ट्रक वालों को जोड़ा जाता है जो लोकेनशन के लिए होटल संचालक को भुगतान करते हैं। यह लोग यह भी बताते हैं कि कहां गाड़ी रोकें और कहां चलाएं। जो आरोपी पकड़े गए हैं उनके पास भी ट्रक हैं। ऐसे में समझ सकते हैं कि यह खेल कितना बड़ा है।

साइबर और मुखबिरी के आधार पर पकड़े आरोपी

कुछ दिन पहले बरवाला में ही आरटीए की टीम ने एक व्यक्ति को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। यह व्यक्ति आरटीए की गाड़ी का पीछा कर रहा था। इसके साथ ही उच्चाधिकारियों के निर्देश मिले तो इसमें बरवाला पुलिस और एसटीएफ अपने-अपने तरीकों से खाेजबीन करने में जुट गई। मुखबिरों और साइबर की मदद लेकर इन्हें ट्रेस कर धर दबोचा गया।


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