पीएचडी थीसिस मूल्यांकन की प्रक्रिया में फेरबदल करने पर विरोध में उतरा गजुटा
पीएचडी थीसिस मूल्यांकन की प्रक्रिया में कुलपति की ओर से फेरबदल करने से जीजेयू के प्रोफेसर में विरोध है।
जागरण संवाददाता, हिसार: पीएचडी थीसिस मूल्यांकन की प्रक्रिया में कुलपति की ओर से फेरबदल करने से जीजेयू के प्रोफेसर में विरोध है। गजुटा (गुरु जंभेश्वर टीचिंग एसोसिएशन) संघ ने वीसी पर मनमानी करने का आरोप लगाया है। गजुटा संघ का कहना है कि सभी के विरोध के बावजूद भी इस प्रावधान का अप्रूव्ड मिनट्स में डाला जाना सही नहीं है। इसका शिक्षकों को मजबूरन विरोध करना पड़ेगा। करीब डेढ़ महीने पहले विवि की एकेडमिक काउंसिल की बैठक हुई थी, जिसमें निदेशक हायर एजुकेशन, निदेशक जनरल टेक्निकल एजुकेशन, सात अन्य विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर एवं गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के करीब 30-35 प्रोफेसर सदस्य हैं। कुलपति प्रो. बीआर काम्बोज द्वारा इसकी प्रोसीडिग में अपनी तरफ से यह प्रावधान डाला गया कि पीएचडी थीसिस के मूल्यांकन के लिए एक्सपर्ट्स की सूची में वह अपनी तरफ से दो एक्सपर्ट डाल सकें। आमतौर पर हर विषय के विभाग 10 एक्सपर्ट की सूची तैयार करते हैं। यह सूची बोर्ड आफ स्टडीज में भेजी जाती है, जहां 10 में से 6 एक्सपर्ट चिन्हित किए जाते हैं। छह एक्सपर्ट्स की यह सूची कुलपति के पास भेजी जाती है। संबंधित विषय के 6 एक्सपर्टस में से कुलपति किन्हीं दो को थीसिस मूल्यांकन के लिए चिन्हित करते हैं। इसके अलावा थीसिस मूल्यांकन के लिए चयनित एक्सपर्ट्स की गोपनीयता भी भंग होगी, क्योंकि थीसिस कुलपति द्वारा जोड़े गए एक्सपोर्ट के पास भेजी जाएगी। इस बैठक की ड्राफ्ट प्रोसीडिग आने पर एकेडमिक काउंसिल के सदस्य करीब 20- 22 प्रोफेसरों ने हस्ताक्षर करके प्रावधान का विरोध किया था। इसके अलावा शिक्षक संघ ने भी विरोध जताया था। कुलपति को चेतावनी दी थी कि पीएचडी थीसिस के मूल्यांकन की प्रक्रिया के साथ इस तरह का कोई खिलवाड़ नहीं किया जाएं। इससे उसकी पारदर्शिता कम हो।