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PGI में ढूंढते थे Cancer के मरीज, फ्री में करते थेे Life insurance, ...और फिर ऐसे चलता था लाखों का

नरेश ने पूछताछ में बताया कि वह रोहतक पीजीआइ में कैंसर मरीजों को ढूंढता था और फिर उनका फ्री बीमा करवा देता था। इसके बाद शुरू होता था खेल।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 03:40 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 05:41 PM (IST)
PGI में ढूंढते थे Cancer के मरीज, फ्री में करते थेे Life insurance, ...और फिर ऐसे चलता था लाखों का
PGI में ढूंढते थे Cancer के मरीज, फ्री में करते थेे Life insurance, ...और फिर ऐसे चलता था लाखों का

जेएनएन, हिसार। कैंसर मरीज सातरोड कलां निवासी कुलदीप की सड़क हादसे में मौत दिखाकर उसके बीमा के लाखों रुपये हड़पने के मामले के आरोपित धर्मखेड़ी निवासी नरेश ने काफी राज उगले हैं। नरेश ने पूछताछ में बताया कि वह रोहतक पीजीआइ में कैंसर मरीजों को ढूंढता था। उनसे बातचीत करता और फ्री में ही उनका बीमा करवा था। पूछताछ में नरेश ने धर्मखेड़ी के ही पदम का नाम लिया है। वह गांव में नहीं रहता था। पुलिस को उसकी तलाश है। वहीं नरेश को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसको जेल भेज दिया गया है।

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पुलिस के अनुसार सड़क हादसा दिखाकर करोड़ों रुपये की रकम बीमा के रूप में लेने के गिरोह का भंंडाफोड़ होने के बाद एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस कंपनी के मैनेजर मनोज कुमार ने मामला दर्ज करवाया था। पुलिस जांच अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि मामला दर्ज होने के कारण पुलिस की तरफ से इस मामले में राममेहर को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद उससे घटना के दौरान प्रयोग हुई बाइक को बरामद किया गया।

सोनीपत से नरेश को प्रोडक्शन वारंट पर लाने के बाद पुलिस ने उसको रिमांड पर लिया था। रिमांड के दौरान नरेश ने बताया कि कुलदीप उसको रोहतक पीजीआइ में ही मिला था। कैंसर मरीजों को ढूंढने और उनसे बातचीत करने के लिए वहां जाता रहता था। कुलदीप से जब उसने बातचीत की थी तो वह मान गया था। उसके बाद पदम को बताया कि उसका फ्री में ही बीमा करवाया गया था। नरेश ने बताया जब कुलदीप की मौत हुई तो सुबह करीब चार बजे वह उसके शव को लेकर सीधा अस्पताल ले गया था, जहां डॉक्टर ने आगे की कार्रवाई की थी। उस दौरान उसने अपने भतीजे की कार का प्रयोग किया, जिसे अब पुलिस ने बरामद भी कर लिया है।

पदम ने दिया था लालच

नरेश ने बताया कि वह पंक्चर लगाने का काम करता था। एक दिन पदम उसके पास आया और उसको कहा कि वह उसके साथ काम करेगा तो काफी पैसा उसको मिलेगा। वह उसके बाद उसको मरीज ढूंढकर देने लगा था। कुलदीप के मामले में आए 15 लाख रुपये में से उसको डेढ़ लाख रुपये कैश दिए गए थे। उसने बताया कि उसके पास जो भी पैसा आया वह एशोआराम में खर्च करता था। 

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