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4 कर्मियों की मौत के मामले ने पकड़ा तूल, परिजनों ने शव लेने से किया इन्‍कार, तनाव

कच्चाबेरी रोड स्थित जनस्वास्थ्य विभाग के डिस्पोजल पर हुआ था हादसा। वाल्व खोलते ही प्रेशर के साथ और गैस का अटैक माना जा रहा कारण। परिजनों ने जताया आक्रोश नौकरी और मुआवजे लो लेकर ठनी

By manoj kumarEdited By: Published: Thu, 27 Jun 2019 12:51 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2019 08:34 AM (IST)
4 कर्मियों की मौत के मामले ने पकड़ा तूल, परिजनों ने शव लेने से किया इन्‍कार, तनाव

रोहतक, जेएनएन। रोहतक स्थित कच्चाबेरी रोड पर जनस्वास्थ्य विभाग के डिस्पोजल में स्टॉर्म वाटर (बरसाती पानी) और सीवरेज के चैंबर में मोटर की पंप की प्लेट खोलने उतरे पंप ऑपरेटर सहित चार कर्मचारियों की मौत मामले ने तूल पकड़ लिया है। मृतकों के परिजनों ने शव लेने से इन्‍कार कर दिया हैै और मुआवजा और नौकरी देने की मांग कर रहे हैं। पीजीआई में तनाव बना हुआ है और पुलिस प्रशासन पूरे दल बल के साथ मौके पर बना हुआ है। शव को रोड पर रख जाम लगाने की बात भी कही जा रही है। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए आयुक्त आरएस वर्मा ने पब्लिक हेल्थ के एसई, एक्सईन, एएसडीओ, जेई को सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में मामला शांत हो सकता है।

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पोस्टमार्टम हाउस पर आयुक्त आरएस वर्मा, भाजपा नेता रामवतार वाल्मीक, कलानौर विधायक शकुंतला खटक मौजूद  हैं। मृतक के परिजनों को 10-10 लाख रुपया और ठेके पर नौकरी देने का वादा किया। मगर परिजन 25-25 लाख रुपये और सरकारी नौकरी की मांग पर अड़े हैं। जबरदस्त हंगामा हो रहा है और जाम लगने की धमकी दी है। पजिरनों ने शव उठाने से इन्‍कार कर दिया है।

बता दें कि हादसे के दौरान प्लेट में कचरा फंसा हुआ था। मौत का कारण वाल्व से प्रेशर के साथ पानी निकलने और चैंबर में भरने के साथ ही जहरीली गैसों के अटैक को बताया जा रहा है। इस मामले में जनस्वास्थ्य विभाग एसई, एक्सईएन, एसडीओ, जेई सहित पांच कर्मचारियों के खिलाफ लापरवाही व एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है।

जनस्वास्थ्य विभाग के चार कर्मचारी बुधवार की सुबह करीब आठ बजे डिस्पोजल पंप की जांच करने के लिए उतरे थे। जिसमें कैथल स्थित चंदाना गेट निवासी पंप ऑपरेटर अनिल सैनी, शौराकोठी निवासी धर्मेंद्र, पालिका कालोनी निवासी रंजीत और उत्तर प्रदेश (ऊंचाहार-रायबरेली) निवासी संजय शामिल थे। बताया जा रहा है कि सबसे पहले पंप ऑपरेटर अनिल और रंजीत नीचे उतरे। पंप की प्लेट में फंसे कचरे को साफ करने के लिए वाल्व खोला।

वाल्व खोलते ही प्रेशर के साथ चैंबर में गंदा पानी भरने लगा। गंदे पानी का प्रेशर अधिक होने के कारण कर्मचारी खुद को संभाल नहीं सके। जहरीली गैसों के कारण बेसुध होकर वहीं गिर गए। साथ ही करीब 15 फीट गहरे चैंबर में तेजी से पानी भरता गया। मदद के लिए धर्मेंद्र और संजय भी उतरे तो उनकी भी गैस के प्रभाव के चलते मौत हो गई। हादसे को देखते हुए फौरन ही मदद का कार्य शुरू किया गया। शाम करीब पांच बजे अनिल और रंजीत के शव निकाले गए।

पहले दो शव और आठ घंटे बाद अन्य शव निकाले

पहले दो कर्मचारी निकाले गए। पीजीआइ में लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने इन्हें मृत घोषित कर दिया। जबकि करीब आठ घंटे की मशक्कत के बाद शेष दो शव निकाले गए। जनस्वास्थ्य विभाग की लापरवाही बताते हुए परिजनों के साथ ही कर्मचारी नेताओं ने जबरदस्त हंगामा किया। जनस्वास्थ्य विभाग के एसई विशाल बंसल ने कर्मचारियों की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि जो भी मुआवजा होगा वह दिया जाएगा। पूरे प्रकरण में उपायुक्त आरएस वर्मा के आदेश पर जांच भी शुरू कर दी है।


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