कोरोना वायरस को लेकर एचएयू के छात्रों व वैज्ञानिकों के विदेशी दौरे स्थगित
हाल ही में एचएयू से विद्यार्थी जापान आस्ट्रेलिया जाने वाले थे तो कुछ वैज्ञानिकों का यूनिवर्सिटी ऑफ मैसेच्युएट्स व हार्वर्ड में टूर प्रोग्राम पहले से ही निर्धारित था।
हिसार, जेएनएन। कोरोना को लेकर सतर्कता के चलते चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने अपने हाल फिलहाल के विदेशी दौरों को स्थगित कर दिया है। विभिन्न देशों में कोरोना का खतरा कम होने के बाद ही विद्यार्थियों और वैज्ञानिकों को दूसरे देशों के लिए रवाना किया जाएगा।
हाल ही में एचएयू से विद्यार्थी जापान, आस्ट्रेलिया जाने वाले थे तो कुछ वैज्ञानिकों का यूनिवर्सिटी ऑफ मैसेच्युएट्स व हार्वर्ड में टूर प्रोग्राम पहले से ही निर्धारित था। मगर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय एडवाइजरी जारी होने के बाद यह प्रोग्राम कुछ समय के लिए स्थगित कर दिए गए हैं। एडवाइजरी के कारण अपने ट्रेवल प्लान बदलने पड़ रहे हैं।
कोरोना के कारण यह काम हो रहे प्रभावित
कोरोना के कारण विदेशी दौरे तो प्रभावित हो रही रहे हैं। साथ ही वित्तीय वर्ष भी समाप्त होने वाला है, जिसमें धन को अधिक से अधिक खर्च किया जाता है तो विश्वविद्यालय रिसर्च का कैलेंडर भी पहले भी बना लेता है कि वैज्ञानिक वर्षभर क्या-क्या करेंगे, कोरोना के प्रभाव के चलते यह सब भी प्रभावित हो रहा है।
शिक्षण संस्थान इसलिए हैं संवेदनशील
इंटरनेशनल टूरिस्ट और शिक्षण संस्थान काफी संवेदनशील रहते हैं। क्योंकि सबसे अधिक यहीं पर विदेशों से आने-जाने वालों की संख्या होती है। यहां से वैज्ञानिक व विद्यार्थी बाहर भी जाते हैं और आते भी हैं। हरियाणा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में सबसे अधिक विदेशों में आवागमन है। इसको ध्यान में रखते हुए एचएयू ने हाल ही में कई निर्णय लिए हैं। 21 देशों के विद्यार्थी भी यहां पढ़ रहे हैं, उनके जानने पहचानने वाले भी हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन इंटरनेशनल व नेशनल एडवाइजरी को ध्यान में रखे हुए है। इंटरनेशनल हॉस्टल में छात्रों से भी पूछा जा रहा है कि कहीं पिछले दो-तीन महीनों की वह किसी देश की यात्रा पर तो नहीं गए। अगर गए हैं तो किसी सर्दी, बुखार जैसे लक्षण तो नहीं हैं।
------कोरोना की एडवाजरी को विश्वविद्यालय प्रशासन फॉलो कर रहा है। इस कारण कई वैज्ञानिकों व विद्यार्थियों के इंटरनेशनल टूर प्रोग्राम प्रभावित हो रहे हैं। एहतियातन तौर पर हम इंटरनेशनल हॉस्टलों में विद्यार्थियों को जागरूक कर रहे हैं।
-प्रो. केपी सिंह, कुलपति, चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय।