लॉकडाउन के बीच रोहतक से अपने वतन पहुंचे विदेशी छात्र, भेजा सलामती का संदेश
लॉकडाउन के बीच ही रोहतक महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले 50 फीसद विदेशी छात्र स्पेशल फ्लाइट से अपने वतन लौट गए हैं। उन्होंने सलामती का संदेश भेजा है।
रोहतक [ओपी वशिष्ठ] लॉकडाउन के बीच ही रोहतक महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले 50 फीसद विदेशी छात्र बीते एक सप्ताह में स्पेशल फ्लाइट से अपने वतन लौट गए हैं। अपने देश पहुंचने के बाद उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन को अपनी सलामती का संदेश भेजा है। इतना ही नहीं विश्वविद्यालय में गुजारे दिनों की बेहतरीन यादों को भी यहां के सहपाठियों से साझा किया और शिक्षकों व अधिकारियों के सहयोग की सराहना की है। हालांकि अभी 20 से अधिक छात्र हैं, जो जाने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन उनके दूतावास से अभी हरी झंडी नहीं मिली है। वहीं, एमडीयू के पहले विजिटिंग ब्राजील के प्रोफेसर मार्सियो पोकास लंबे प्रयास के बाद अपने वतन नहीं जा सके हैं, उनके ठहरने की व्यवस्था भी विश्वविद्यालय के फैकल्टी हाउस में की गई है।
एमडीयू में करीब 120 विदेशी छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। जिसमें करीब 70 विद्यार्थी हास्टल में रह रहे थे। अन्य विश्वविद्यालय से बाहर पीजी व अन्य मकान किराये पर लेकर रह रहे थे। कोरोना वायरस के बचाव को लेकर विश्वविद्यालय में शैक्षणिक व गैर शैक्षणिक गतिविधियों को बंद करते हुए विद्यार्थियों की छुट्टियां कर दी थी। सभी हॉस्टल खाली करवा दिए थे। विदेशी छात्रों में अधिकतर अफगानिस्तान और इराक से हैं। हॉस्टल खाली होने की स्थिति में कुछ विदेशी छात्र को अपने वतन लौट गए थे लेकिन करीब 55 विद्यार्थी किसी कारण से नहीं जा सके।
उनके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने अलग से हॉस्टल में रहने की व्यवस्था की गई ताकि किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े। देश में लगे लॉकडाउन के दौरान कुछ विदेशी विद्यार्थी अपने वतन लौट गए। सोमवार को भी छह-सात विदेशी छात्र स्पेशल फ्लाइट से अपने वतन गए हैं। अन्य विद्यार्थी भी जाने के लिए अपने दूतावास के संपर्क में हैं।
स्पेशल की गई खाने की व्यवस्था
एमडीयू में सभी हॉस्टल की मैस बंद है। कैंपस में फूड प्वाइंट भी बंद कर दिए गए। लेकिन विदेशी छात्रों के लिए यूनिवर्सिटी फूड आर्बिट यानि यूएफओ को खोलने की मंजूरी विवि प्रशासन ने दी है ताकि उनको खाने में कोई परेशानी न हो। यूएफओ के संचालक मोहन भारद्वाज ने बताया कि विदेशी छात्रों के लिए उनकी पसंद का खाना ही बनाया जा रहा है। उनके लिए खासकर दही-समोसा, राजमा चावला, परांठे व फ्राइ चावल बनाए जाते हैं। साफ सफाई और शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखा जाता है।
फंस गए ब्राजील के विजिटिंग प्रोफेसर
एमडीयू में पहले विजिटिंग प्रोफेसर मार्सियो पोकास कोरोना वायरस के कारण अपने देश जाने से वंचित हैं। उन्होंने कई बार प्रयास भी किया, लेकिन उनके जाने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। विश्वविद्यालय से साथ करार की अवधि भी खत्म हो चुकी है। विश्वविद्यालय में उनके ठहरने व खाने-पीने की व्यवस्था का इंतजाम किया गया है। प्रोफेसर मार्सियो पोकास का कहना है कि ब्राजील में कोरोना वायरस का खतरा भी ज्यादा है। वहां परिवार व बच्चों की चिंता सता रही है। किसी भी तरह वे बच्चों के पास जाना चाहते है। इसी सप्ताह उनके ब्राजील जाने की उम्मीद है।
-----विदेशी छात्र अपनी स्वेच्छा से वतन लौट रहे हैं। जिनकी फ्लाइट कंफर्म हो जाती है, वे जा रहे हैं। विवि से करीब 25 छात्र जा चुके हैं। लेकिन जो नहीं गए है, उनके लिए बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाई गई है। नियमित स्वास्थ्य की जांच भी करवाई जा रही है।
डा. सर्वजीत गिल, डिप्टी एडवाइजर, सेटर फॉर इंटरनेशनल स्टूडेंट्स, एमडीयू।