पांच बार घोषणा के बाद भी नहीं उड़े जहाज, छठी बार फिर एक माह में उड़ान शुरू करने की घोषणा
मुख्यमंत्री ने पहली बार 15 अगस्त को की थी घोषणा तीसरी बार लगा है टेंडर एक कंपनी ने किया है आवेदन। फेस वन का काम पूरा हुए बिना ही एकीकृत विमानन हब फेज-दो का किया शिलान्यास।
हिसार, जेएनएन। देश के दूसरे शहर से जोडऩे के लिए हवाई अड्डे से शुरू होने वाली उड़ान एक माह में शुरू होगी। पांचवीं बार फिर से इसको उड़ाने का दावा किया गया है। 19 सीटर विमान उड़ाने के लिए टेंडर सिविल एविएशन के पास आ गए हैं। वहीं एयरपोर्ट के विस्तार के लिए दूसरे फेज की योजना का मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए शिलान्यास किया। इस प्रोजेक्ट पर करीब 156 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें रनवे की लंबाई 9000 फीट करने के अलावा नाइट लैंडिंग की भी सुविधा की जाएगी।
सरकार की तरफ से दिल्ली रोड पर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की शुरू की थी। पहले फेज में हिसार से दिल्ली-चंडीगढ़ के लिए उड़ान भरनी थी लेकिन वह शुरू नहीं हो पाई। लगातार हवाई उड़ाने की घोषणा की जाती रही लेकिन वह योजना शुरू नहीं हो पाई। रविवार को मुख्यमंत्री ने फेज-दो के प्रोजेक्ट की योजना को शुरू करने का शिलान्यास किया। साथ ही सिविल एविएशन के अधिकारियों ने एक माह में उड़ान शुरू करने का दावा किया। इसमें मुख्य रूप से चंडीगढ़, जम्मू, देहारादूर, जयपुर की फ्लाइट उड़ाई जाएंगी।
इसको लेकर अभी एक कंपनी ने टेंडर भरा है। उसकी टेक्नीकल बिड को देखा जा रहा है। करीब एक सप्ताह में एविएशन विभाग उस पर फैसला ले लेगा। जहाज उड़ाने का दावा कितना सही साबित होता है यह देखने वाली बात है। वहीं हिसार-चंडीगढ़ नेशनल हाइवे को बंद करने की बात पर एविशन विभाग के अधिकारियों ने ऐसी बात होने से इनकार किया है।
156 करोड़ रुपये होंगे खर्च
फेज दो में उड़ान शुरू करने के साथ हवाई अड्डे को कारगो वेयर हाउस के रूप में विकसित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने में 18 से 24 माह का समय लेगा। कारगो को विकसित करने के लिए एयरपोर्ट तक रेलवे लाइन बिछाने का काम भी होगा। इसको लेकर रेलवे की तरफ से डीपीआर तैयार की जा रही है। कारगो के तहत भारत से दूसरे देश में होने वाले आयात और निर्यात का काम शुरू होगा।
बनाए जाएंगे दो रनवे
फेज दो में रनवे की लंबाई बढ़ाने पर काम शुरू होगा। मौजूदा समय में बनी एयर स्टिप की लंबाई बढ़ाई जाएगी। इसमें पहले रनवे को नौ हजार फीट तक बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही अंधेरे में जहाज उतर सके इसको लेकर नाइट लैंङ्क्षडग की सुविधा भी जाएगी। इसको लेकर प्रोजेक्ट तैयार कर विभागों को भेज दिया है। डीपीआर तैयार है और उस पर काम शुरू होना बाकी है।
औद्योगिक घरानों का नहीं कोई मोह, बढ़ाने पर होगा काम
सिविल एविएशन विभाग के अधिकारी औद्योगिक घरानों का मोह हिसार की तरफ नहीं होने से काफी परेशान हैं। इसको लेकर पिछले दिनों गुजवि के एमबीए विभाग के साथ मिलकर काम भी शुरू किया गया था। फेज दो काम शुरू करने के साथ ही औद्योगिक घरानों से भी बातचीत की जाएगी। उनको यहां लाने और विकसित करने के लिए सरकार की तरफ से काम किया जाएगा। हिसार में इंडस्ट्री बॉडिज बनाए जाने की जरूरत है। यदि इंडस्ट्री बॉडिज बनेगी तो विकास तेजी से होगा।
तीन कार्यालय खोलेगा एविशन विभाग
सिविल एविएशन विभाग की तरफ से तीन कार्यालय खोले जाएंगे। इसमें प्रोजेक्ट एडमिनिस्ट्रेशन, ज्वाइंट वर्किंग ग्रुप ऑफिस और एयरपोर्ट डिविजन के कार्यालय खोले जाएंगे। यह सभी हिसार के अधिकारियों के साथ संपर्क में रहेंगे और काम को तेज गति से आगे बढ़ाएंगे।
यह होगा फेज-दो में काम
- एटीएस : एयर ट्रैफिक सर्विस (एटीएस) का निर्माण करवाया जाएगा। इसमें अधिकारी-कर्मचारी बैठ कर हवाई पट्टी पर आने वाले सभी जहाजों को दिशा निर्देश जारी करते हैं।
- हैंगर : यह जहाज खड़े करने के लिए बनाया जाता है। अभी तीन छोटे हैंगर का निर्माण किया गया है।
- स्मॉल स्केल एमआरओ : इसके तहत छोटे जहाजों को ठीक करने का काम किया जाएगा। इसको में इंजीनियर जहाज की मैंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल कर सकेंगे। हिसार हवाई अड्डे पर इसके शुरू होने से जहाजों को दूसरे देश नहीं जाना पड़ेगा। अभी काफी जहजों की मरम्मत कार्य के लिए बाहर भेजना पड़ता है।
- फिक्सड बेस आपरेशन (एफबीओ) : यह एक संगठन होता है जो हवाई अड्डे पर आने वाले जहाजों का रख रखाव करता है। इसके तहत जहाज में ईंधन भरना, पार्किंग, विमान का रख रखाव करना, उड़ान के निर्देश आदि काम करता है। इस पर भी काम शुरू होगा ताकि दिल्ली व अन्य हवाई अड्डों का बोझ कम करने के लिए विमान की पार्किंग हिसार में की जा सके।
- डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग एंड डिफेंस एमआरओ : इसमें डिफेंस के जुड़े जहाज यहां पहुंचेंगे। उनके रख रखाव करने के साथ उनको खड़ा करने और उनको ठीक करने का काम भी किया जाएगा।
ये भी होने हैं काम
- तीन हजार एकड़ में एसईजेड का निर्माण करवाया जाएगा। साथ ही कारगो हब कॉम्पलेक्स भी बनेगा।
- तीन हैंगर का निर्माण किया जाएगा। इसमें बड़े जहाज खड़े करने के लिए भी हैंगर बनाया जाएगा।
- हिसार-दिल्ली नेशनल हाईवे को एक्सप्रेस-वे बनाया जाएगा। यह कार्य 2020 तक पूरा करने की योजना है।
- हिसार से दिल्ली तक हाई स्पीड ट्रेन से एयरपोर्ट को जोडऩे की योजना है। 2020 तक का इसका टारगेट लिया गया है। साथ ही तेजस हाई स्पीड ट्रेन भी लाई जाएगी।
दिल्ली का बोझ होगा कम, जहाज होंगे पार्क
दिल्ली के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बढ़ रहे जहाजों को खड़ा करने के बोझ को हिसार का एयरपोर्ट काम करेगा। पार्किंग की सुविधा के साथ हैंगर बनाए जा रहे हैं ताकि यहां से कुछ कमाई भी हो सके।