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दिल्ली व हांसी की फर्मों ने किया 141 करोड़ का टैक्स फ्रॉड, हाथ लगी फर्जी बिलिंग की चेन

फर्म संचालकों को गिरफ्तार कर जेल भेजा और दोनों फर्मों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है। अभी तक हरियाणा में जीएसटी में टैक्स फ्रॉड पर जीएसटी इंटेलीजेंस ने ही कार्रवाई की है

By Manoj KumarEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 10:38 AM (IST)Updated: Thu, 28 Nov 2019 10:38 AM (IST)
दिल्ली व हांसी की फर्मों ने किया 141 करोड़ का टैक्स फ्रॉड, हाथ लगी फर्जी बिलिंग की चेन
दिल्ली व हांसी की फर्मों ने किया 141 करोड़ का टैक्स फ्रॉड, हाथ लगी फर्जी बिलिंग की चेन

हिसार [वैभव शर्मा] कॉटन, लोहा, खेल के सामान के बाद अब सिगरेट के व्यापार में भी बड़ा टैक्स फ्रॉड सामने आया है। जीएसटी इंटेलीजेंस ने सिगरेट का व्यापार करने वाली दिल्ली और हांसी की फर्मों की चेन पकड़ी है। यह फर्में करोड़ों रुपये के फर्जी बिल काटती थीं, इसके बाद आगे एक्सपोर्टर इन बिलों के सहारे इनपुट टैक्स क्रेडिट ले लिया करते। ऐसा करते हुए दिल्ली की डीके इंटरप्राइजेज और हरियाणा के हांसी में संचालित गर्ग इंटरप्राइजेज ने जीएसटी के तहत सरकार से लगभग 141 करोड़ रुपये का टैक्स फ्रॉड किया है।

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दोनों ही फर्मों के संचालकों को ट्रेस कर डीजी जीएसटी इंटेलीजेंस की गुरुग्राम जोनल यूनिट के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों फर्मों के संचालकों से पूछताछ की जा रही है कि इन दोनों फर्मों के तार कहां तक जुड़े हुए हैं। अधिकारियों द्वारा मै. डीके इंटरप्राइजेज के संचालक दीपक मित्तल तो हांसी के गर्ग इंटरप्राइजेज से अंकुर गर्ग को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद दोनों आरोपियों के खिलाफ सीजीएसटी एक्ट 2017 की धाराओं में केस दर्ज कर जुडिशियल मजिस्ट्रेट गुरुग्राम की अदालत में पेश किया गया जहां से दोनों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

दोनों फर्मों ने ऐसे टैक्स फ्रॉड को दिया अंजाम

जीएसटी इंटेलीजेंस ने पूछताछ में पाया कि दिल्ली की मै. डीके इंटरप्राइजेज ने सिगरेट का व्यापार करते हुए करोड़ों रुपये के बिल हांसी के गर्ग इंटरप्राइजेज के नाम काटे, फिर गर्ग इंटरप्राइजेज के संचालक अंकुर गर्ग ने आगे फर्जी फर्मों के नाम यह बिल काट दिए। यह चेन कुछ और फर्मों तक आगे बढ़ती गई। सही मायने में माल कहीं आया या गया नहीं जबकि एक फर्म से दूसरी फर्म के नाम करोड़ों रुपये के बिल कटते रहे। अधिकारियों ने जांच में जाना कि आखिरी में यह बिल एक्सपोर्टर्स के पास पहुंचे, जहां उन्होंने आइजीएसटी क्लेम किया। जीएसटी से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो इन फर्मों ने कम से कम 300 से 400 करोड़ रुपये के फर्जी बिल काटे होंगे, तभी लगभग 141 करोड़ का इनपुट टैक्स क्रेडिट फ्रॉड किया गया।

कॉटन में भी करोड़ों फ्राड

हरियाणा में कॉटन में जीएसटी के माध्यम से फर्जी फर्मों ने करोड़ों रुपये का टैक्स फ्रॉड किया था। इसकी भनक जैसे ही जीएसटी इंटेलीजेंस को लगी, उन्होंने जांच की और सिरसा, हिसार, आदमपुर सहित पंजाब में कई स्थानों पर एक साथ छापेमारी कर फ्रॉड करने वालों को गिरफ्तार भी किया था। मगर फर्जी फर्मों द्वारा व्यापार में टैक्स फ्रॉड करने वालों के खिलाफ अभी तक राज्य की टीमों के हाथ खाली ही हैं। पूर्व में 40 एफआइआर तो दर्ज कराई गईं, मगर गिरफ्तारी में नाकाम रहे। ऐसे में अभी भी कराधान विभाग का जीएसटी में सिस्टम कमजोर नजर आ रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि हरियाणा में स्थानीय स्तर पर फर्जी फर्में पैर पसार चुकी हैं। हाल ही में पेपर बॉल और टेनिस बॉल में भी इसी प्रकार का मामला सामने आया था।


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