Move to Jagran APP

फिनलैंड की कंपनी हरियाणा में पराली से बनाएगी फाइबर कपड़ा, प्लांट के लिए खोजी जा रही जगह

वैभव शर्मा हिसार। हरियाणा में पराली पर्यावरण ही नहीं किसानों के लिए भी एक बड़ी समस्या

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Oct 2019 11:55 PM (IST)Updated: Sun, 20 Oct 2019 11:55 PM (IST)
फिनलैंड की कंपनी हरियाणा में पराली से बनाएगी फाइबर कपड़ा, प्लांट के लिए खोजी जा रही जगह

वैभव शर्मा, हिसार। हरियाणा में पराली पर्यावरण ही नहीं किसानों के लिए भी एक बड़ी समस्या बन गई है। इसके निदान के लिए चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्व ने हाल ही में एक बड़ा कदम उठाया। उन्होंने फिनलैंड की कंपनी फोर्टम इंडिया के साथ पराली से फाइबर कपड़ा बनाने पर करार किया था। यह प्रोजेक्ट अब सिरे चढ़ गया है, जिसके तहत कंपनी हरियाणा में प्लांट स्थापित करेगी। प्लांट की स्थापना के लिए जमीन को खोजने का काम शुरू कर दिया गया है। तकनीक के साथ बेहतर परिणाम के लिए एचएयू कंपनी प्रबंधन की मदद कर रहा है। संस्थान की प्राथमिकता ऐसे क्षेत्र में प्लांट लगाने की है, जहां पर पराली की बहुतायात में उत्पन्न होती हो। इसके साथ ही कंपनी एचएयू के साथ पराली से अन्य केमिकल बनाने पर भी काम करेगी, ताकि दूसरे उत्पादों में इन केमिकल का प्रयोग किया जा सके।

loksabha election banner

----------------

इन पदार्थो पर प्रयोग कर बनाया जाएगा फाइबर

एचएयू व फोर्टम इंडिया मिलकर अपने प्लांट में चावल के भूसे और अन्य कृषि-बायोमास का प्रयोग करेंगे। इसके लिए कच्चा माल हरियाणा व आस पास के राज्यों से लिया जाएगा। पहले चरण में प्लांट स्थापित करने के साथ-साथ वैज्ञानिक पराली आदि पदार्थों पर प्रयोग कर इनकी उपलब्धता, सामाजिक व आर्थिक प्रभाव, संभावित आपूर्ति श्रृंखला और समर्थन के अन्य संभावित क्षेत्रों का अध्ययन करने में सैद्धांतिक और व्यावहारिक ज्ञान आदि के मॉडल पर काम करेंगे।

-----------------

कृषि अपशिष्टों को उत्पादों में बदलने का लक्ष्य

कंपनी के प्रबंधन का उद्देश्य है कि वह कृषि अपशिष्टों को मूल्यवान उत्पादों में बदलने का प्रयास करेंगे ताकि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार के साथ उन्हें जीवन जीने का एक विकल्प मिलेगा। इसके साथ ही प्रदूषण को कम करने के समाधान में अधिक अनुसंधान और विकास करने में सक्षम होंगे। कंपनी के बायो 2 एक्स कार्यक्रम के तहत, फोर्टम कृषि अवशेषों, लकड़ी के बायोमास, जीवाश्म तथा अन्य पर्यावरणीय रूप से हानिकारक कच्चे माल को उच्च मूल्य वाले उत्पादों में बदलने के लिए प्राकृतिक संसाधन दक्षता की दिशा में तेजी लाने के उद्देश्य से बायो रिफाइनरियों की स्थापना करना चाहता है।

--------------

हमारा उद्देश्य धान की पराली से सिर्फ फाइबर ही बनाने का नहीं बल्कि कई दूसरे प्रकार के केमिकल भी बनाए जा सकते हैं। केमिकल कई जगह काम आ सकते हैं। जिस पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक कंपनी के साथ मिलकर काम करेंगे। हमें फोर्टम कंपनी के साथ नई तकनीकी को लागू करने में भी मदद मिलेगी। इस प्लांट का उद्देश्य है कि हम किसानों की समस्याओं के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण पर भी जोर दें।

--प्रो केपी सिंह, कुलपति, एचएयू


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.