Move to Jagran APP

रोहतक में एफडी घोटालाः तीसरे दिन भी सीबीआइ ने की जांच, खंगाले एफडी के खाते

सीबीआइ ने उन सभी उपभोक्ताओं को बुलाया जो दो दिनों की जांच में शामिल नहीं हो सके थे। आरोपित चीफ मैनेज मंजीत सिंह से पहचान के बारे में पूछताछ की गई। अन्य किसी अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता की बात सामने नहीं आई है।

By Umesh KdhyaniEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 10:39 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 10:39 PM (IST)
रोहतक का बैंक ऑफ बड़ौदा जहां घोटाला हुआ।

जागरण संवाददाता, रोहतक। नारायण काम्प्लेक्स स्थित बैंक आफ बड़ौदा में हुए घपले की तीसरे दिन भी जांच हुई। सीबीआइ की टीम ने दो दिनों के अंदर जांच में शामिल न होने वाले उपभोक्ताओं को बुलाया। उन उपभोक्ताओं से आरोपित चीफ मैनेज मंजीत सिंह से कोई पहचान है कि नहीं इसे लेकर पूछताछ की गई। फिक्स डिपोजिट यानी एफडी के खातों को चीफ मैनेजर की तरफ से खोले गए पांच खातों से अटैक करने की सत्यता का पता किया। उपभोक्ताओं से यह भी पूछा गया कि क्या किसी दस्तावेज पर उनके हस्ताक्षर लिए गए कि नहीं।

loksabha election banner

बैंक कार्यालय में सीबीआइ की टीम ने उन सभी उपभोक्ताओं को बुलाया जो दो दिनों की जांच में किन्हीं कारणों से शामिल नहीं हो सके थे। बता रहे हैं कि वीरवार को सिर्फ तीन-चार ही ऐसे उपभोक्ता थे जो जांच में शामिल हुए। इसके बाद विजया बैंक और देना बैंक वाले उन सभी उपभोक्ताओं के खातों का ब्योरा खंगाला गया जोकि बैंक आफ बड़ौदा में मर्ज हो चुके हैं। उनके खाते पूरे घपले में उपयोग किए गए। अन्य किसी अधिकारी या फिर कर्मचारी की संलिप्तता रही कि नहीं इसे लेकर भी सीबीआइ की जांच जारी है। आरोप हैं कि आरोपित मंजीत सिंह ने खुद ही एफडी के पांच खाते खोलकर 163 अन्य एफडी के खाते अटैच करके लोन की क्रेडिट लिमिट बढ़ाकर करीब 11.55 करोड़ की गड़बड़ी की।

स्वजनों तक पहुंचेगी जांच की आंच

बैंक के सूत्रों का कहना है कि आरोपित मंजीत के स्वजनों तक जांच की आंच पहुंच सकती है। कुछ स्वजनों से बताते हैं कि पूछताछ भी की गई है। दरअसल, आरोपित ने अपनी पत्नी के नाम भी खाता खोला था। अब इस प्रकरण में स्वजनों को जानकारी थी कि नहीं यह जांच होगी। करीबी रिश्तेदारों से भी इस प्रकरण में जांच हो सकती है। उन सभी के बैंक खाते भी रडार पर हैं। इन खातों में जमा और निकासी से संबंधित ब्योरा भी जुटाया गया है।

विभागीय जांच में आरोपित ने माना मैंने ही की गड़बड़ियां

अधिकारियों का दावा है कि जब बैंक के अंदर बड़े पैमाने पर हो रहे घपले की भनक लगी तो उच्चाधिकारियों ने तत्काल जांच शुरू की। किसी अन्य अधिकारी-कर्मचारी की संलिप्तता को लेकर भी सवाल उठे। बैंक अधिकारियों का दावा है कि आरोपित मंजीत सिंह ने लिखित में अधिकारियों के सामने बयान दिए थे कि जो भी गड़बड़ियां की उनके लिए मैं स्वयं जिम्मेदार हूं। हालांकि कुछ अधिकारियों का यह भी कहना है कि किसी भी खाते की वेरीफिकेशन से लेकर अन्य कार्यों की मानीटरिंग के लिए कम से कम दो अधिकारी-कर्मचारी जरूर शामिल होते हैं। एक से दूसरे की क्रास वेरीफिकेशन होती है, इसलिए कुछ अन्य कर्मचारियों की संलिप्तता भी हो सकती है।

विभागीय जांच जारी, जरूरत पड़ी तो विजिलेंस भी जुटाएगी साक्ष्य

बैंक के सूत्रों का कहना है कि किसी भी तरह के वित्तीय नुकसान या फिर घपले-घोटाले के बाद विभागीय जांच होती है। इसी तरह से बैंक प्रबंधन शिकायत करे तो बैंक की विजिलेंस भी होती है। संबंधित विजिलेंस की टीम भी आंतरिक जांच करती है। बताया जा जा रहा है कि इस प्रकरण में भी बैंक की विजिलेंस जांच कर सकती है।

निगम के आयुक्त के खाते में कैसे गए चार लाख, जांच शुरू

कच्चाबेरी रोड निवासी राजकुमार की एफडी से चेक के माध्यम से अक्टूबर 2017 में 480000 रुपये तत्कालीन नगर निगम के आयुक्त के खाते में कैसे गए इसकी जांच होगी। बैंक के अधिकारियों का कहना है कि यह क्लेरीकल मिस्टेक हो सकती है। इसलिए राजकुमार के खाते का ब्योरा शुक्रवार को देखा जाएगा। इसके साथ ही दो एफडी मैच्योर होने के बाद रिन्युअल होनी थीं, लेकिन राजकुमार के खाते में एफडी की रकम कैसे पहुंची यह भी ब्योरा जुटाया जाएगा। शिकायत के बाद जांच शुरू हुई है।

चीफ मैनेजर ने दिए लिखित बयान

रीजनल मैनेजर बैंक आफ बड़ौदा प्रवीन कुमार ने कहा कि संबंधित आरोपित की तरफ से गड़बड़ी करने की जानकारी हुई तो विभागीय जांच शुरू हुई थी। विभागीय अधिकारियों के समक्ष आरोपित चीफ मैनेजर मंजीत सिंह ने लिखित में बयान दिए थे कि सभी गड़बड़ियों के लिए वह स्वयं ही जिम्मेदार है। अभी तक किसी दूसरे कर्मचारी की कोई भी संलिप्तता सामने नहीं आई है। पूरे प्रकरण में एक भी उपभोक्ता का एक भी पैसे का नुकसान नहीं हुआ है। उनका पैसा सेफ जोन में है।

 किसी भी उपभोक्ता को कोई नुकसान नहीं हुआ

नारायण काम्प्लेक्स स्थित बैंक आफ बड़ौदा के सीनियर मैनेजर सतेंद्र सिंह ने कहा कि बैंक उपभोक्ताओं के हितों का ख्याल रखता है। किसी भी उपभोक्ता को कोई नुकसान नहीं हुआ है। जो गड़बड़ी जिसने भी की थी उसकी जांच सीबीआइ कर रही है। उपभोक्ताओं को टेंशन लेने की जरूरत नहीं है।

हिसार की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.