किसान संगठनों की रोहतक में हुई बैठक, उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए बड़े फैसले लिये, पढ़े खबर
रोहतक बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन (किसान सरकार) के राष्ट्रीय महासचिव एवं संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख सदस्य चौ. वीरेंद्र सिंह हु्ड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार शायद ये भूल रही है कि किसानों ने आंदोलन को स्थगित किया है
रोहतक, जागरण संवाददाता। रोहतक में विभिन्न किसान संगठनों की एक बैठक वीरवार को रोहतक में हुई। जिसमें सभी ने उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर भाजपा के खिलाफ चुनाव प्रचार करने का निर्णय लिया। इसके साथ ये ऐलान भी किया कि आगामी 31 जनवरी को प्रदेश भर में विरोध स्वरूप तहसील और जिलास्तर पर विश्वासघात दिवस मनाया जाएगा। जिसके तहत किसान धरने-प्रदर्शन करेंगे और सरकार के पुतले भी फूंकेंगे।
तहसील और जिला स्तर पर होंगे धरने-प्रदर्शन, सरकार के पुतले भी जलाएंगे
जाट भवन में हुई बैठक संगठन नेताओं ने कहा मिशन यूपी के तहत एक फरवरी से प्रदेश के किसान उत्तर प्रदेश की सभी 403 सीटों पर पहुंचकर भारतीय जनता पार्टी का विरोध करेंगे। नेताओं ने दावा किया कि जाट भवन में करीब चार घंटे चली इस बैठक में प्रदेश के करीब चालीस किसान संगठन एवं खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय किसान संगठन के अध्यक्ष सरदार जसबीर सिंह भाटी ने की। उन्होंने सभी प्रतिनिधियों का बैठक में पहुंचने पर आभार व्यक्त किया।
जाट भवन में हुई बैठक में शामिल हुए 40 किसान संगठन एवं खाप पंचायतों के प्रतिनिधि
बैठक को संबोधित करते हुए भारतीय किसान यूनियन (किसान सरकार) के राष्ट्रीय महासचिव एवं संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख सदस्य चौ. वीरेंद्र सिंह हु्ड्डा ने कहा कि केंद्र सरकार शायद ये भूल रही है कि किसानों ने आंदोलन को स्थगित किया है, न कि वापस लिया है। सरकार समय रहते किसानों के साथ किए गए लिखित वायदों को पूरा करे, नहीं तो आंदोलन को फिर से खड़ा होने में देर नहीं लगेगी। हुड्डा ने बताया कि किसान संगठनों ने सरकार को चेताने के लिए मिशन यूपी का ऐलान किया है, जिसके तहत प्रदेश के सभी किसान संगठन एवं खाप पंचायतों से पांच-पांच प्रतिनिधि उत्तर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर पहुंचकर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में मोदी सरकार किसानों की ताकत को देख भी चुकी हैं, अब उत्तर प्रदेश में किसान भाजपा की किसान विरोधी सरकार को सत्ता से उखाड फेंकने का काम करेंगे।
बैठक में ये उठाई प्रमुख मांगें
- किसान आंदोलन के दौरान केंद्र सरकार द्वारा लिखित में किए गए वायदों को पूरा किया जाए।
- एमएसपी पर फसल खरीद की कानूनी गांरटी दी जाए।
- आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज सभी मुकदमें वापस लिए जाएं।
- आंदोलन के दौरान मारे गए सभी किसानों के परिवार को मुआवजा एवं पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।
- हरियाणा सरकार द्वारा लाए गए नए भूमि अधिग्रहण बिल को वापस लिया जाए।
- मौसम की मार से खराब हुई फसलों का किसान को 60 हजार पर एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जाए
ये किसान संगठन हुए शामिल
बैठक में मुख्य रूप से भारतीय किसान यूनियन (किसान उत्थान) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सरदार सुखदेव सिंह विर्क, किसान समाज संगठन के अध्यक्ष सरदार गुरनाम सिंह झब्बर, भारतीय किसान मजदूर यूनियन (राष्ट्रवाद) के कार्यकारी अध्यक्ष डा. केपी सिंह, मेवात किसान मंच के अध्यक्ष जफर मेवाती, भारतीय किसान यूनियन अंबावता के महासचिव दिलबाग सिंह लोदास, उपाध्यक्ष सतबीर सिंह पूनिया, भारतीय किसान यूनियन अंबावता के प्रदेश अध्यक्ष अनिल नांदल उर्फ बल्लू प्रधान, भारतीय किसान एकता के गुरप्रीत मैक्स साहूवाला, जमीदारा स्टूडेंड आर्गेनाइजेशन (जेएसओ) के प्रदेश महासचिव मीत मान, आवाज ए खलिहान के अध्यक्ष मनोज सहरावत, किसान आइटी सेल के नरेंद्र गोच्छी, किसानी बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष आत्माराम जोहरड़, हुड्डा खाप के प्रवक्ता जगवंत सिंह सांघी, राष्ट्रीय पंचायत के अध्यक्ष राजमल हुड्डा, टोल हटाओ संघर्ष समिति के प्रवक्ता वजीर सिंह मकड़ौली, कुंडू खाप के राष्टीय कार्यकारिणी सदस्य तकदीर कुंडू, सोलंकी खाप के प्रतिनिधि पवन कुमार सोलंकी, सांगवान खाप से जोरावर सिंह चरखी दादरी, नांदल खाप के अध्यक्ष ओमप्रकाश नांदल एवं प्रवक्ता देवराज नांदल आदि ने भी अपने विचार रखे।