राजस्थान के किसानों को रास आ रही हरियाणा की मंडी
संवाद सहयोगी, मंडी आदमपुर : इन दिनों राजस्थान के किसानों को हरियाणा की मंडी रास आ रही है। राजस्थान स
संवाद सहयोगी, मंडी आदमपुर : इन दिनों राजस्थान के किसानों को हरियाणा की मंडी रास आ रही है। राजस्थान सीमा से सटे गांवों से रोजाना सैकड़ों मण अनाज बिकने के लिए मंडी में आ रहा है। दोनों राज्यों की सरकारी खरीद में काफी अंतर है। प्रदेश में किसान एवं व्यापारी की ओर से फसल बेचने पर उसे अपनी फसल का भुगतान तुरंत मिल जाता है। वहीं दूसरी ओर राजस्थान में सरकारी खरीद केंद्रों पर फसल बेचने पर किसान को नगद राशि के भुगतान की बजाए चैक या फिर बाद में उसके खाते में ट्रांसफर किया जाता है। जिसके कारण किसानों को बैंकों में चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ता है और भुगतान का इंतजार कई दिनों तक करना पड़ता है। व्यापारी कमा रहे मोटा मुनाफा -
सरकारी खरीद में आने वाली समस्याओं के कारण कुछ राजस्थान के व्यापारी किसानों की मजबूरी का भरपूर फायदा उठा मोटा मुनाफा कमा रहे है। एक व्यापारी ने बताया कि वे किसान से 1600 से लेकर 1650 रुपए प्रति क्विंटल में गेहूं की खरीद कर हरियाणा के सरकारी केन्द्रों पर 1,700 से 1,750 रुपए में गेहूं को बेच रहे हैं। दूसरे राज्य में गेहूं भेजने में परेशानी न आए, इसके लिए वो गेहूं को ट्रक या पिकअप के बजाए ट्रैक्टरों में भेज रहे हैं। दोनों राज्यों में खरीद प्रक्रिया में अंतर
दोनों राज्यों में भाजपा की सरकार है परन्तु सरकारी खरीद में काफी अंतर है। एक ओर जहां राजस्थान में गेहूं खरीद के लिए खरीद केन्द्र स्थापित किए जाते हैं और सरकार के अधीन आने वाले विभाग इसकी खरीद करते हैं, वहीं प्रदेश की मंडी में लाइसेंसशुदा व्यापारियों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है, जो किसानों की फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीदते हैं और बाद में सरकार की ओर से उस फसल का भुगतान 2.5 प्रतिशत कमीशन के साथ किया जाता है। आदमपुर मार्केट कमेटी सचिव जितेंद्र कुमार का कहना है कि किसान अपनी फसल किसी भी मंडी में बेच सकता है। अगर व्यापारी बिना लाइसेंस के ट्रे¨डग करता है तो यह गलत है।