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SKM की ओर से गठित कमेटी काे हरियाणा के किसान संगठनें ने नकारा, पुतला जलाकर जताया विरोध

किसान नेता प्रदीप धनखड़ ने भूख हड़ताल की चेतावनी जारी करते हुए कहा कि पंजाब लौटने वाले किसान नेताओं को किसानों के अहम मुद्दे को खत्म करने का कोई अधिकार नहीं है। सात दिसंबर के बाद भी आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sun, 05 Dec 2021 06:18 PM (IST)Updated: Sun, 05 Dec 2021 06:18 PM (IST)
SKM की ओर से गठित कमेटी काे हरियाणा के किसान संगठनें ने नकारा, पुतला जलाकर जताया विरोध
बहादुरगढ़ में एसकेएम के विरोध में पुतला जलाते किसान संगठन।

जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से एमएसपी की मांग को लेकर सरकार से बातचीत करने के लिए बनाई गई पांच सदस्यीय कमेटी का हरियाणा के किसान संगठनों ने विरोध जताया है। टीकरी बार्डर पर पुतला जलाकर एसकेएम के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की है। हरियाणा के किसान संगठनों ने कमेटी के सभी सदस्यों को भाजपा सरकार के चहेते होने का आरोप लगाया है। इस कमेटी को नकारते हुए हरियाणा के किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर सात दिसंबर तक यह कमेटी भंग नहीं की तो वे भूख हड़ताल शुरू कर देंगे।

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सात दिसंबर के बाद भी जारी रहेगा आंदोलन

किसान नेता प्रदीप धनखड़ ने भूख हड़ताल की चेतावनी जारी करते हुए कहा कि पंजाब लौटने वाले किसान नेताओं को किसानों के अहम मुद्दे को खत्म करने का कोई अधिकार नहीं है। सात दिसंबर के बाद भी आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा। उन्होंने कमेटी के सदस्यों को भाजपा की ओर से प्रायोजित बताया और कहा कि हरियाणा दिल्ली के नेताओं का हरियाणा में घुसने पर सामाजिक बहिष्कार के साथ अंडे मारकर विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मोर्चे को बताना होगा कि किस राजनीतिक मजबूरी में अनुशासित कमेटी की अंदरूनी रिपोर्ट के बावजूद आंदोलन तोड़ने वाले राजनीतिक प्रेरित दो किसान नेताओं को दोबारा से कमेटी में शामिल क्यों किया गया? हरियाणा के भरपूर सहयोग के बावजूद किसानों के साथ बड़ा धोखा हुआ है।

जल्द ही हरियाणा में प्रदेश स्तर पर 27 राज्यों के किसान प्रतिनिधियों को शामिल कर फसल खरीद कानून की लड़ाई को आगे बढ़ाया जाएगा। इस मौके पर किसान धर्मवीर काली रमन, डा. शमशेर सिंह, रणबीर सिंह छिल्लर, राजेश बेनीवाल, पवन, प्रदीप धनखड़, संदीप शास्त्री आदि ने जल्द ही हरियाणा टोल नाकों पर जाकर अगली लड़ाई की रणनीति के लिए लोगों से सहयोग का आह्वान किया है।

आंदोलन में एक और किसान की हुई मौत

टीकरी बार्डर आंदोलन में शामिल पंजाब के एक आंदोलनकारी किसान की रविवार की सुबह अचानक तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। किसान 13 वर्षीय एक बेटी का पिता था। सेक्टर नौ चौकी पुलिस ने शव के पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल में भिजवा दिया है तथा उनके स्वजनों को भी सूचित कर दिया है। भारतीय किसान यूनियन एकता (सिद्धपुर) बठिंडा के जिला प्रधान बलदेव सिंह ने बताया कि गांव सवायच कमालू निवासी 41 वर्षीय किसान दमन सिंह टीकरी बार्डर पर चल रहे आंदोलन में भाग लेने आया था। वह सेक्टर नौ के पास किसान जत्थे के साथ डटा हुआ था। चार दिन पहले ही वह गांव से बहादुरगढ़ आया था। शनिवार की रात खाना खाकर सो गया। सुबह उठा और उसके बाद घूमने फिरने लगा तो अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई। साथी किसान उसे तुरंत सिविल अस्पताल लेकर आए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


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