हरियाणा के किसान नेताओं ने मचाई खलबली, बोले- संयुक्त किसान मोर्चा को 1200 करोड़ का मिला चंदा, नहीं मिल रही पीड़ितों को मदद
किसान संगठनों ने एक तरफ करनाल में लाठी चार्ज की घटना में दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है तो यह कहकर खलबली मचा दी है कि आंदोलन में 1200 करोड़ का चंदा दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अपनी सुख-सुविधाओं पर खर्च कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, बहादुरगढ़ : हरियाणा के किसान संगठनों ने एक तरफ करनाल में लाठी चार्ज की घटना में दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग की है तो दूसरी तरफ यह कहकर खलबली मचा दी है कि देश के किसानों ने आंदोलन में 1200 करोड़ का चंदा दिया है। इस पैसे से किसान परिवारों की मदद की बजाय संयुक्त किसान मोर्चा के नेता अपनी सुख-सुविधाओं पर खर्च कर रहे हैं। हरियाणा संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य जगबीर घसौला ने कहा कि लाठीचार्ज का आदेश देने वाले ड्यूटी मजिस्ट्रेट को बर्खास्त किया जाए और आपराधिक मामला दर्ज हो।
लाठीचार्ज में शामिल पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई न होनी चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो हम राष्ट्रपति से अनुरोध करते हैं कि प्रदेश में कानून व्यवस्था के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया जाए। किसान नेता विकल पचार ने कहा कि करनाल लाठीचार्ज में जान गंवाने वाले किसान सुशील काजल के परिजनों को सहायता राशि व सरकारी नौकरी के लिए सरकार ने कोई घोषणा नहीं की है। वहीं सिंघु बार्डर व टीकरी बार्डर पर आंदोलन कमेटी को देश के किसानों ने करीब 1200 करोड़ रुपये चंदा दिया है, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा के किसी नेता ने सहायता राशि देने की बात नहीं कही है।
उस चंदे का प्रयोग नेता अपनी सुख-सुविधाओं पर कर रहे हैं। किसान नेता प्रदीप धनखड़ ने कहा कि पहले भी आंदोलनों में जान गंवाने वाले किसानों के स्वजनों को सरकार को मजबूर करके सहायता राशि दिलवाई है, लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा तो इतना निष्ठुर बना है कि अपनी जेब में हाथ डालने को तैयार नहीं है। सुशील काजल के परिवार को सहायता राशि नहीं दी जाती है तो चंदा देने वाले किसानों को बड़ी ठेस पहुंचेगी। किसान नेता डा. शमशेर सिंह ने कहा कि सरकार को किसानों से वार्ता करके समाधान निकालना चाहिए। सात महीने से किसानों व सरकार के बीच वार्ता न होना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। शायद सरकार आंदोलन को हिंसक बनाना चाहती है।