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देश से जुड़ा रहे परिवार, इसलिए छह बच्चों का नाम रख दिया भारत

दिवंगत हुक्म चंद छाबड़ा ने ताउम्र भारत की आजादी तथा शिक्षा के प्रसार के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया। आज उनकी जयंती है। उन्‍होंने अपने छह बच्‍चों का नाम के आगे भारत ही रखा।

By Manoj KumarEdited By: Published: Tue, 03 Mar 2020 10:55 AM (IST)Updated: Tue, 03 Mar 2020 10:55 AM (IST)
देश से जुड़ा रहे परिवार, इसलिए छह बच्चों का नाम रख दिया भारत

डबवाली (सिरसा) [डीडी गोयल] वे महज 13 वर्ष के थे, जब विदेशी कपड़ों की होली जलाई और खादी पहनने पर बल दिया। उसी समय खादी पहनने का प्रण कर लिया और आजादी की लड़ाई में कूद पड़े। 26 वर्ष के हुए तो भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया। अंग्रेजों ने युवा क्रांतिकारी को गिरफ्तार कर मुल्तान (अब पाकिस्तान) जेल में रखा था। हम बात कर रहे हैं दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी हुक्म चंद छाबड़ा की। उस समय उनकी पत्नी गर्भवती थी।

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जेल में खबर मिली कि दूसरा बेटा हुआ है, जिसका नाम भारत बंधु रखा गया। पहले बेटे का नाम भारत मित्र रखा था। तीसरे बेटे का नाम भारत भूषण रखा। जब 1947 में देश को आजादी मिली तो चौथे बेटे का जन्म हुआ, जिसका नाम भारत विजय रखा। पांचवां बेटा हुआ तो उसे भारत इंद्र नाम दिया गया। बाद में जन्मी बेटी को भारत वीणा नाम दिया। दरअसल, वह पूरे परिवार को देश से जोड़े रखना चाहते थे। इसलिए अपने सभी बच्चों के नाम भारत से शुरू किए।

लाला लाजपतराय के भाषण से जागा था देश प्रेम

दिवंगत हुक्म चंद छाबड़ा ने जिन्होंने ताउम्र भारत की आजादी तथा शिक्षा के प्रसार के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया। 15 अगस्त 1972 को स्वतंत्रता दिवस की सिल्वर जुबली पर तत्कालीन प्रधानमंत्री दिवंगत इंदिरा गांधी ने ताम्र पत्र देकर सम्मानित किया था। 3 मार्च 1983 को लंबी बीमारी के कारण उनका देहांत हो गया था। स्वतंत्रता सेनानी महाशय हुक्म चंद का जन्म गांव लोहगढ़ में 16 जून 1916 को माता जेष्ठी बाई व पिता पोखर दास के घर हुआ था। इन्होंने अपनी पढ़ाई गांव और राजकीय स्कूल डबवाली से की थी।

उनके पिता की छोटी सी परचून की दुकान थी। 1932 में लाला लाजपतराय अबोहर (पंजाब) में आए तो उनका क्रांतिकारी भाषण सुनने के बाद देश प्रेम का जज्बा पैदा हुआ। उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। स्वतंत्रता संग्राम में उन्होंने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। वे अपने जीवनकाल में पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य व हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी जिला हिसार के जनरल सचिव रहे। वर्ष 1976 में नगर सुधार मंडल के चेयरमैन रहे


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