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हिसार में गर्भवती होने का नकली खेल रच लगा दिया 31.30 लाख रुपये का चूना, ऐसे खुला राज

626 फेक लाभार्थियों ने फर्जी गर्भवती बनकर 31.30 लाख रुपये का सरकार को चूना लगा दिया गया है। हिसार के नारनौंद ब्लॉक में विभागीय अधिकारियों ने जब जांच की तो कुल 626 लाभार्थी मिले जिन्हें इस योजना के तहत पोषण के लिए भुगतान किया गया।

By Manoj KumarEdited By: Published: Sun, 28 Feb 2021 05:50 PM (IST)Updated: Sun, 28 Feb 2021 05:50 PM (IST)
हिसार के नारनौंद में 31 लाख रुपये के फ्रॉड के बाद महिला एवं बाल विकास विभाग सक्रिय हो गया है

हिसार, जेएनएन। महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत चल रही प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में नया फ्रॉड उजागर हुआ है। इसमें 626 फेक लाभार्थियों ने फर्जी गर्भवती बनकर 31.30 लाख रुपये का सरकार को चूना लगा दिया गया है। हिसार के नारनौंद ब्लॉक में विभागीय अधिकारियों ने जब जांच की तो कुल 626 लाभार्थी मिले जिन्हें इस योजना के तहत पोषण के लिए भुगतान किया गया।

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वहीं दो लाभार्थियों ने पंजीकरण तो कराया मगर भुगतान नहीं मिल सका। इस मामले में नारनौंद की सीडीपीओ ने जांच कर एफआईआर दर्ज करा दी है। अब इस मामले पुलिस ने जांच शुरू भी कर दी है। इसके लिए पुलिस ने जिस समय यह फ्रॉड हुआ उस समय नारनौंद में तैनात रहे कर्मचारियों की लिस्ट तलब की है। जिसमें संविदा कर्मचारियों से लेकर पक्के कर्मचारियों की सूची बनाने में महिला एवं बाल विकास विभाग जुट गया है।

प्रत्येक फर्जी लाभार्थी को 5 हजार रुपये का किया भुगतान

इस मामले में यह भी सामने आया कि कुल 626 लोगों को जो भुगतान किया गया है, उसमें प्रत्येक को पांच-पांच हजार रुपये योजना में लाभ दिया गया है। इस लाभांश को देते समय सत्यापन भी नहीं किया गया। यही कारण रहा कि एक-एक कर फर्जी गर्भवती बनकर लोग विभाग के साथ फ्रॉड करते रहे। इस योजना का फायदा उस महिला को मिलता है। जो कि पहले बच्चे के समय गर्भवती होने पर उसको एक हजार रूपए व 6 महीने बाद दो हजार और बच्चा पैदा होने के बाद दो हजार रूपए मिलते हैं। ऐसे में इस योजना के तहत कुल 5 हजार रूपए महिला को मिलते हैं। इन फर्जी लाभार्थियों ने पूरी योजना का अच्छे से लाभ लिया है।

नारनौंद छोड़कर दूसरे स्थान पर नहीं मिला फ्रॉड

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में पहला मामला जींद जिला में आया था, इसके बाद हिसार के सभी ब्लॉकों में इसकी जांच शुरू कराई गई। जिसमें नारनौंद को छोड़कर सभी ब्लॉकों में सीडीपीओ और सुपरवाइजरों ने अपनी रिपोर्ट दी है। जिसमें अन्य ब्लॉकों में इस प्रकार की गड़बड़ी नहीं पाई गई है।

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पुलिस को विभाग की तरफ से उस समय के कर्मचारियों की डिटेल दी जा रही है। इसके साथ ही भुगतान किस-किस ने लिया है यह भी बताया जा जा रहा है। हिसार के अन्य ब्लॉकों में ऐसी गड़बड़ी नहीं मिली है।

----अनीता दलाल, जिला परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग


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