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हलकी बारिश में तकनीक हुई फेल, डोगरान मोहल्ले में धंसी जमीन, घरों में आई दरारें, अमरुत प्रोजेक्ट बंद

हिसार पुराने शहर में 1952 के बाद अमरुत योजना के अंतर्गत डोगरान मुहल्

By JagranEdited By: Published: Wed, 15 May 2019 10:26 AM (IST)Updated: Thu, 16 May 2019 06:34 AM (IST)
हलकी बारिश में तकनीक हुई फेल, डोगरान मोहल्ले में धंसी जमीन, घरों में आई दरारें, अमरुत प्रोजेक्ट बंद
हलकी बारिश में तकनीक हुई फेल, डोगरान मोहल्ले में धंसी जमीन, घरों में आई दरारें, अमरुत प्रोजेक्ट बंद

जागरण संवाददाता, हिसार :

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पुराने शहर में 1952 के बाद अमरुत योजना के अंतर्गत डोगरान मुहल्ले से सब्जीमंडी चौक तक मुख्य सीवरेज लाइन बिछाने का काम मंगलवार को बंद कर दिया गया है। आइस फैक्टरी से डोगरान मुहल्ला की ओर मुश्किल से 50 मीटर ही 36 इंची सीवरेज लाइन बिछाई गई है। सोमवार को हुई बारिश ने नगर निगम के अधिकारियों की तकनीकी खामियों को उजागर कर दिया। वहीं ट्रंच मशीन की कंपन से लोगों के घरों और दुकानों में दरार आने की शिकायत पहले से मिल रही थी। मंगलवार को बारिश के बाद सड़क की मिट्टी खिसकनी भी शुरू हो गई। लोगों ने मेयर गौतम सरदाना को घरों, दुकानों के रैंप व दीवारों में दरारें आने की शिकायत की। मेयर अधिकारियों के साथ मौके का निरीक्षण करने पहुंचे तो हालात देखकर दंग रह गए। उन्होंने लोगों की शिकायत को सही पाया और तुरंत प्रभाव से काम बंद करने के आदेश दिए। निगम अधिकारियों ने मौके की रिपोर्ट बनाकर चंडीगढ़ चीफ इंजीनियर को भेज दी है। चंडीगढ़ से चीफ इंजीनियर व उनकी टीम के निरीक्षण के बाद ही अमृत योजना के तहत लाइन बिछाने का निर्णय होगा।

ट्रंच मशीन बनी समस्या

ट्रंच मशीन से 36 इंची सीवरेज लाइन बिछाने जा रही है। यह मशीन आठ से दस घंटे तक काम करती है। 15 अप्रैल से नगर निगम के तहत कंपनियों ने अपना काम शुरू किया था। एक माह का वक्त भी नहीं बीता है कि लोगों के मशीन और खुदाई के कारण लोगों के घर, दुकान, रैंप और सीढि़यों में दरार आ गई गई है।

सोयल टेस्टिग नहीं करवाई

सीवरेज लाइन बिछाने वाली कंपनी और निगम अधिकारियों ने सड़क के नीचे की जमीन की क्वालिटी पर ध्यान नहीं दिया। सड़क के नीचे की मिट्टी कैसी है और ट्रंच मशीन चलने पर मिट्टी अपनी पकड़ बनाए रखेगी या नहीं। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए मिट्टी के सैंपल की जांच करवाना जरूरी था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जिसके परिणाम सोमवार को बारिश के बाद देखने को मिले।

ये है मौजूदा स्थिति

. सड़क को बीचों बीच से लाइन बिछाने के लिए खोदा गया है।

. एक माह से आइस फैक्ट्री से वन वे किया हुआ है।

. बारिश के बाद कई जगह से मिट्टी धंस गई है।

. सड़क के बीचों बीच लोगों ने पेयजल लाइन क्रॉस करवाए हुए है। जिनके टूटने से पानी भर गया है।

. मेयर के आदेशों पर एक मुख्य लाइन क्रॉस करवाने का काम शुरू किया गया है।

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बॉक्स

इस प्रकार है अमृत के तहत काम

सीवरेज लाइन : 127 किलोमीटर

बजट : 78.03 करोड़ रुपये

पेयजल लाइन : 68 किलोमीटर

बजट : 35.7 करोड़ रुपये

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ये है मौजूदा स्थिति

कुल लाइन की लंबाई - 1120 मीटर

एरिया - डोगरान मोहल्ला आइस फैक्ट्री से पूर्व मंत्री हरि सिंह सैनी के आवास से सब्जीमंडी चौक तक।

पाइप की चौड़ाई - 900 एमएम यानि 36 इंची लाइन।

इस एरिया को मिलना था लाभ - सैनियान मोहल्ला, डोगरान मोहल्ला, मुल्तानी चौक एरिया, वाल्मीकि मोहल्ला से जुड़े एरिया।

जनसंख्या - 20 हजार आबादी।

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फोटो -- 207 बी

मशीन के चलने से जमीन हिलती है। जिससे सड़क के साथ दीवारों और रैंप में दरार आने लगी है। लोगों के घरों को भारी नुकसान हो रहा है।

- चन्न सिंह, डोगरान मोहल्ला निवासी

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फोटो -- 207 सी

पुरानी सीवरेज लाइन के रिसाव के कारण जमीन मजबूत नहीं रही है। मशीन से जमीन खोखली हो रही है और धंसने लगी है। ऐसी स्थिति में लाइन बिछाना खतरे से कम नहीं है।

- भगवान सिंह, डोगरान मोहल्ला निवासी

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फोटो -- 207 सी

दिन रात मशीन चलती है। इस कारण जमीन जहां धंस रही है। वहीं दुकान, मकान और घरों के बाहर बने रैंप में दरारें आ गई हैं। ऐसे विकास कार्य का क्या फायदा जो जनता का नुकसान करें।

- दिलदार सिंह, डोगरान मोहल्ला निवासी

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फोटो - 207 डी

सड़क बंद होने से जहां परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं रात के समय हादसे का खतरा बढ़ जाता है। सीवरेज लाइन बिछाना सही है, लेकिन लोगों के घरों को नुकसान हो रहा हैं।

- राम जन्म, डोगरान मोहल्ला निवासी

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कोट्स

अमृत योजना की मौजूदा रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दी है। चीफ इंजीनियर अपनी टीम के साथ मौके का निरीक्षण कर लाइन बिछाने को लेकर अंतिम निर्णय लेंगे।

- रामजीलाल, एसई, नगर निगम

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कोट्स

मैंने मौके का निरीक्षण किया था और काम बंद करवा दिया है। सड़क धंस रही थी और रैंप आदि में दरार भी आई है। नई तकनीक से 36 लाइन बिछाने का प्रयास किया गया था, जो फिलहाल कामयाब नहीं हुआ है। इसलिए अब चीफ इंजीनियर व उनकी टीम ही अंतिम फैसला लेगी।

- गौतम सरदाना, मेयर


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